दाद रोग | 19 May 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि दाद का टीका, जो मुख्य रूप से वायरल पुनर्सक्रियन को रोकने के लिये बनाया गया है, हृदय संबंधी रोगों के जोखिम को 23% तक कम कर सकता है तथा मनोभ्रंश के जोखिम को भी कम कर सकता है।

  • परिचय: यह वैरीसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होता है, जो चिकनपॉक्स (चेचक) का कारण भी बनता है। 
    • बचपन में चिकनपॉक्स होने के बाद यह वायरस तंत्रिका कोशिकाओं में निष्क्रिय अवस्था में बना रहता है और प्रतिरक्षा प्रणाली के कमज़ोर होने पर दाद के रूप में पुनः सक्रिय हो सकता है।
  • लक्षण: दाद से आमतौर पर शरीर के एक तरफ दर्दनाक चकत्ते और फफोले हो जाते हैं। यदि यह आँख के पास होता है, तो इससे दृष्टि हानि, चेहरे का पक्षाघात या मस्तिष्क में सूजन हो सकती है।
  • संक्रमण: जिन लोगों को पहले चिकनपॉक्स नहीं हुआ है, वे दाद के फफोलों से निकलने वाले तरल के संपर्क में आने या हवा में फैले वायरस कणों को साँस के ज़रिये अंदर लेने से इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
  • टीका: यह 50 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों तथा कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले वयस्कों (जैसे HIV संक्रमित रोगियों) के लिए अनुशंसित है।
    • दाद के लक्षणों के लिये उपचार उपलब्ध हैं, लेकिन इसका कोई स्थायी उपचार नहीं है।
  • मनोभ्रंश: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता सामान्य बुढ़ापे से परे धीरे-धीरे क्षीण होती जाती है। यह स्मृति, चिंतन, समझ, सीखने, भाषा और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है, लेकिन चेतना पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता।

और पढ़ें: मनोभ्रंश