सीबकथॉर्न और हिमालयन टार्टरी बकव्हीट | 07 Aug 2025
लद्दाख से सीबकथॉर्न और हिमालयन टार्टरी बकव्हीट के बीजों को NASA के क्रू-11 मिशन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजा गया है। यह "इमर्जिंग स्पेस नेशंस का स्पेस फॉर एग्रीकल्चर एंड एग्रीकल्चर फॉर स्पेस" पेलोड का हिस्सा है।
- इन बीजों को नासा के क्रू-10 मिशन के साथ पृथ्वी पर वापस लाया जाएगा। इस प्रयोग का उद्देश्य अंतरिक्ष और पृथ्वी दोनों के लिये सहनशील फसलों का विकास करना है, जो वैज्ञानिक अनुसंधान को पारंपरिक कृषि ज्ञान के साथ जोड़ता है।
- सीबकथॉर्न (Hippophae rhamnoides L.): इसे "वंडर प्लांट" या "लद्दाख का सोना" भी कहा जाता है। यह एक कठोर, सूखा-प्रतिरोधी झाड़ी है जो यूरोप और एशिया के ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्रों, विशेषकर हिमालय में पाई जाती है।
- यह –43°C से +40°C तक के अत्यधिक तापमान को सहन कर सकती है, वायुमंडलीय नाइट्रोजन को स्थिर करती है तथा मृदा कटाव और मरुस्थलीकरण को रोकने में सहायक होती है।
- परंपरागत रूप से, इस पौधे के सभी भाग (फल, पत्तियां, जड़ें, काँटे) औषधि, पोषण, ईंधन और बाड़ के रूप में उपयोग किये जाते हैं।
- हिमालयन टार्टरी बकव्हीट: इसे चीन, भूटान, उत्तरी भारत, नेपाल और मध्य यूरोप में उगाया जाता है। यह अत्यधिक ठंड और सूखे के प्रति अधिक प्रतिरोधक क्षमता के लिये जाना जाता है।
- इसमें रेजिस्टेंट स्टार्च, प्रोटीन, खनिज और फिनोलिक यौगिक पाए जाते हैं, जो उच्च रक्तचाप, मोटापा और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों को रोकने में मदद करते हैं।
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