रोन ग्लेशियर | 27 Jun 2025

स्रोत: द हिंदू

जलवायु परिवर्तन के कारण स्विट्ज़रलैंड के कुछ ग्लेशियर स्विस चीज़ (Swiss cheese) की तरह दिखने लगे हैं, यानी छिद्रों से भरे हुए जो उनकी स्थिरता को खतरे में डालते हैं। मई 2025 में, बर्च ग्लेशियर से हुए हिमस्खलन ने ब्लैटन के घाटी गाँव के कुछ हिस्सों को जलमग्न कर दिया। 

रोन ग्लेशियर

  • स्थान: यह दक्षिणी स्विस आल्प्स में, फुर्का दर्रे और इटली की सीमा के पास स्थित है तथा यही रोन नदी का उद्गम स्थल है, जो आगे चलकर भूमध्य सागर में गिरती है।
    • रोन नदी स्विट्ज़रलैंड और फ्राँस से होकर बहती है।
  • विशेषताएँ: यह स्विट्ज़रलैंड का सबसे सुलभ और सबसे अधिक अध्ययन किया गया ग्लेशियर है। वर्तमान में यह देश का पाँचवाँ सबसे बड़ा ग्लेशियर है।
    • इसकी सतह पर हिम कंदराएँ (हिम की सतह पर गहरी दरारें) और हिम दरारें पाई जाती हैं।
  • ग्लेशियर का निवर्तन: 19वीं सदी से यह ग्लेशियर क्षेत्र की दृष्टि से कम हो रहा है और 21वीं सदी के अंत तक इसके पूरी तरह गायब हो जाने की आशंका है।
    • आल्प्स और स्विट्ज़रलैंड, जहाँ किसी भी अन्य यूरोपीय देश की तुलना में सबसे अधिक ग्लेशियर हैं, लगभग 170 वर्षों से ग्लेशियरों के पिघलने का अनुभव कर रहे हैं।
  • आल्प्स: आल्प्स पर्वत शृंखला यूरोप की सबसे ऊँची और विस्तृत वलित पर्वत शृंखला है, जो आठ देशों में फैली हुई है: फ्राँस, स्विट्ज़रलैंड, इटली, लिकटेंस्टीन, ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया और मोनाको। इसका सबसे ऊँचा शिखर मोंट ब्लांक है, जो फ्राँस-इटली की सीमा पर स्थित है।

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