ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) के संशोधित मानदंड | 04 Sep 2025

स्रोत: TH 

चर्चा में क्यों?

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने अपने ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम (GCP) की कार्यप्रणाली में संशोधन किया है। अब वृक्षारोपण के लिये ग्रीन क्रेडिट केवल लगाए गए पेड़ों की संख्या पर नहीं, बल्कि पेड़ों के जीवित रहने की दर और उनके कैनोपी कवर पर आधारित होंगे। 

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के अंतर्गत संशोधित रूपरेखा की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • क्रेडिट्स: ग्रीन क्रेडिट केवल 5 वर्ष बाद ही प्रदान किये जाएंगे (यदि पुनर्स्थापित भूमि पर 40% से अधिक कैनोपी कवर हो)। प्रत्येक जीवित पेड़ पर 1 क्रेडिट दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य वास्तविक पारिस्थितिक सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है। 
    • वर्ष 2024 की अधिसूचना में लगाए गए पेड़ों की संख्या के आधार पर क्रेडिट दिये जाते हैं, जबकि वर्ष 2025 की अधिसूचना में वनस्पति की स्थिति और कैनोपी घनत्व (canopy density) के मूल्यांकन की आवश्यकता होती है। 
  • आवेदक एक सत्यापन शुल्क के साथ दावा रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं। निर्धारित एजेंसियाँ पेड़ों के जीवित रहने की स्थिति और उनके कैनोपी की जाँच करती हैं तथा इसके बाद ही क्रेडिट जारी किये जाते हैं। इस प्रक्रिया में थर्ड-पार्टी सत्यापन का उपयोग किया जाता है। 
  • गैर-हस्तांतरणीय क्रेडिट्स: ये क्रेडिट्स न तो बेचे जा सकते हैं और न ही स्थानांतरित किये जा सकते हैं, सिवाय किसी कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों के बीच। 
    • कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) या परियोजना-संबंधित दायित्वों के लिये बदला जा सकता है। एक बार उपयोग हो जाने के बाद इन क्रेडिट्स को दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। 

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम (GCP) क्या है? 

  • परिचय: ग्रीन क्रेडिट नियम, 2023 (Green Credit Rules, 2023) एक बाज़ार-आधारित तंत्र प्रदान करते हैं, जिसका उद्देश्य स्वैच्छिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना और व्यक्तियों, समुदायों, उद्योगों तथा कंपनियों द्वारा वनीकरण (afforestation) के लिये बंजर/क्षतिग्रस्त भूमि की सूची तैयार करना है। 
    • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित इन नियमों में पर्यावरणीय कार्रवाइयों के लिये क्रेडिट प्रदान किये जाते हैं, ताकि अनुपालन, कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) और जलवायु-पॉजिटिव पहलों को समर्थन मिल सके।
  • मुख्य उद्देश्य: 
    • वेब पोर्टल के माध्यम से क्षतिग्रस्त वन भूमि का गतिशील सूचीकरण तैयार करना, जो वृक्षारोपण गतिविधियों के लिये सुलभ हो। 
    • सरकारी संस्थानों, PSU, NGO, निजी कंपनियों, परोपकारी संगठनों और व्यक्तियों को वनीकरण के लिये वृक्षारोपण ब्लॉकों को अपनाने हेतु प्रोत्साहित करना। 
    • प्रौद्योगिकी-सक्षम प्लेटफॉर्म और रजिस्ट्री के माध्यम से पारदर्शी पंजीकरण, सत्यापन तथा निगरानी सुनिश्चित करना। 
  • शासन संरचना : ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम (GCP) की देखरेख भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (ICFRE) द्वारा की जाती है और इसका क्रियान्वयन राज्य वन विभागों के माध्यम से होता है।  
    • वृक्षारोपण पूर्ण होने के उपरांत, ICFRE स्थल का निरीक्षण करता है और हर सजीव वृक्ष को एक ग्रीन क्रेडिट के रूप में दर्ज किया जाता है। 
    • इन क्रेडिट्स का उपयोग प्रतिपूरक वनीकरण (Compensatory Afforestation) या ESG/CSR दायित्वों को पूरा करने के लिये किया जा सकता है। 
    • एक ग्रीन क्रेडिट रजिस्ट्री इन क्रेडिट्स का लेखा-जोखा रखती है और एक घरेलू मंच इनके आदान-प्रदान का प्रबंधन करता है।

Green Credit Programme (GCP)

ग्रीन क्रेडिट बनाम कार्बन क्रेडिट 

पहलू   

ग्रीन क्रेडिट 

कार्बन क्रेडिट 

केंद्र (Focus) 

यह एक प्रोत्साहन इकाई है, जो ऐसी गतिविधियों के लिये दी जाती है जिनका पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।  

  • इसका संचालन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत GCP द्वारा किया जाता है।

मुख्य रूप से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना। 

पात्रता (Eligibility) 

व्यक्तियों एवं समुदायों हेतु उपलब्ध। 

सामान्यतः उन संस्थाओं के लिये जो उत्सर्जन घटाती हैं या परियोजनाओं में निवेश करती हैं। 

प्रोत्साहन (Incentives) 

पर्यावरण-अनुकूल कार्यों के लिये मौद्रिक पुरस्कार। 

अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट व्यापार से राजस्व। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. कार्बन क्रेडिट की अवधारणा निम्नलिखित में से किससे उत्पन्न हुई है? (2009) 

(a) पृथ्वी शिखर सम्मेलन, रियो डी जनेरियो 
(b) क्योटो प्रोटोकॉल 
(c) मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 
(d) जी-8 शिखर सम्मेलन, हेलीजेंडम 

उत्तर: (b) 

प्रश्न 2. "कार्बन क्रेडिट" के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है? (2011)  

(a) कार्बन क्रेडिट प्रणाली को क्योटो प्रोटोकॉल के साथ अनुमोदित किया गया  
(b) कार्बन क्रेडिट उन देशों या समूहों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने ग्रीनहाउस गैसों को अपने उत्सर्जन कोटा से नीचे ला दिया है  
(c) कार्बन क्रेडिट प्रणाली का लक्ष्य कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन की वृद्धि को सीमित करना है  
(d) कार्बन क्रेडिट का कारोबार संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा समय-समय पर तय की गई कीमत पर किया जाता है।  

उत्तर: (d)  


मेन्स

प्रश्न. ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक तापन) की चर्चा कीजिये और वैश्विक जलवायु पर इसके प्रभावों का उल्लेख कीजिये। क्योटो प्रोटोकॉल, 1997 के आलोक में ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनने वाली ग्रीनहाउस गैसों के स्तर को कम करने के लिये नियंत्रण उपायों को समझाइये। (2022)