Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 28 सितंबर, 2022 | 28 Sep 2022

विश्व रेबीज़ दिवस

रेबीज़ और इसकी रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रतिवर्ष 28 सितंबर को विश्व रेबीज़ दिवस (World Rabies Day) मनाया जाता है। यह दिवस फ्रांँस के प्रसिद्ध जीवविज्ञानी लुई पाश्चर (Louis Pasteur) की पुण्यतिथि के अवसर पर 28 सितंबर को मनाया जाता है, जिन्होंने पहला रेबीज़ टीका विकसित किया था और रेबीज़ की रोकथाम की नींव रखी थी। वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम- ‘रेबीज़: वन हेल्‍थ, ज़ीरो डेथ्‍स’ ('Rabies: One Health, Zero Deaths') रखी गई है। विश्व रेबीज़ दिवस पहली बार 28 सितंबर, 2007 को मनाया गया था। रेबीज़ एक विषाणु जनित रोग है। यह वायरस अधिकांशतः रेबीज़ से पीड़ित जानवर जैसे- कुत्ता, बिल्ली, बंदर आदि की लार में मौजूद होता है। आँकड़ों के अनुसार, मनुष्यों में लगभग 99 प्रतिशत मामलों का कारण कुत्ते का काटना है। रेबीज़ से संक्रमित जानवर के काटने और रेबीज़ के लक्षण दिखाई देने की समयावधि चार दिनों से लेकर दो वर्ष तक या कभी-कभी उससे भी अधिक हो सकती है। इसलिये वायरस से बचाव के लिये जल्द-से-जल्द उपचार करना ज़रूरी होता है।

सर्जिकल स्‍ट्राइक की छठी वर्षगाँठ

राष्‍ट्र  28 सितंबर, 2022 को सर्जिकल स्‍ट्राइक की छठी वर्षगाँठ मना रहा है। वर्ष 2016 में आज ही के दिन भारतीय सेना ने पाकिस्‍तान के कब्ज़े वाले कश्‍मीर में स्थित आतंकवादी शिविरों पर सर्जिकल स्‍ट्राइक की थी। उरी हमले में 18 जवानों के शहीद होने के 11 दिनों के बाद भारतीय सेना ने 28 और 29 सितंबर, 2016 की रात सर्जिकल स्‍ट्राइक की थी, जिसमें बड़ी संख्‍या में आतंकी मारे गए थे। जम्‍मू-कश्‍मीर में तैनात अर्द्धसैनिक बलों की विभिन्‍न इकाइयों के कमांडों सहित भारतीय सेना ने सीमा पार कई आतंकी ठिकानों पर हमले किये थे। ये सभी ठिकाने आतंकवादियों के लाँच-पैड थे जिसके माध्‍यम से जम्‍मू-कश्‍मीर में सेना और नागरिकों पर हमले करने के लिये आतंकवादी घुसपैठ करते थे। इस कार्रवाई के साथ भारत ने यह माकूल संदेश दिया कि वह ज़रूरत पड़ने पर सीमा पार भी आतंकियों के लाँच-पैड पर हमले कर सकता है।

द पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 

द पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर युवाओं को संगठन में भर्ती कर कट्टरपंथी विचारधारा का प्रसार करने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (National Investigation Agency-NIA) ने रिमांड नोट जारी किया है। इस संगठन ने अपनी हिंसक गतिविधियों के लिये मज़बूत एवं जीवंत कैडर बल बनाए रखने हेतु एक बहु-स्तरीय प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया है। द पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) की एक शाखा है। सरकार ने SIMI को वर्ष 2001 में प्रतिबंधित कर दिया था। PFI को दक्षिण भारत के तीन संगठनों को मिलाकर बनाया गया था। फरवरी 2009 में कोझिकोड में एक बैठक के दौरान तीन घटक राष्ट्रीय विकास मोर्चा (NDF) केरल, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी (KFD), कर्नाटक और मनीथा नीथी पासराय (MNP) तमिलनाडु का विलय कर PFI का गठन किया गया। आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, दिल्ली, गोवा, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में PFI संगठन सक्रिय है। 12 फरवरी, 2019 को झारखंड सरकार ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम 1908 की धारा 16 के तहत PFI को एक गैरकानूनी संगठन घोषित किया था।