हाल ही में याया त्सो झील को चुमाथांग गाँव की पंचायत जैवविविधता प्रबंधन समिति ने सिक्योर हिमालय परियोजना (The SECURE Himalaya Project) के साथ मिलकर जैवविविधता अधिनियम के तहत लद्दाख का पहला जैवविविधता विरासत स्थल घोषित किया। यह झील लद्दाख में 4,820 मीटर की ऊँचाई पर स्थित अपनी खूबसूरती के साथ पक्षियों के लिये स्वर्ग के रूप में जानी जाती है। यह बड़ी संख्या में बार-हेडेड गूज, काली गर्दन वाली क्रेन और ब्राह्मणी बत्तख जैसे पक्षियों तथा जानवरों का आवास है। यह भारत में काली गर्दन वाले क्रेन के उच्चतम प्रजनन स्थलों में से एक है। सिक्योर हिमालय परियोजना भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की योजना है जिसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के सहयोग से वर्ष 2017 में प्रारंभ किया गया था। यह एक 6 वर्षीय परियोजना है तथा वर्ष 2023 तक कार्यरत रहेगी। यह हिमालयी पारिस्थितिक तंत्र के लिये एक क्षेत्र-आधारित दृष्टिकोण विकसित और कार्यान्वित करके हिम तेंदुए एवं उसके आवास के संरक्षण हेतु सरकार के प्रयासों का समर्थन करती है। इसके अंतर्गत वन, भूमि, मृदा, जैवविविधता तथा भूमि संरक्षण को भी शामिल किया गया है। इस परियोजना के अंतर्गत 4 हिमालयी राज्य जम्मू-कश्मीर (अब केंद्रशासित प्रदेश), हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम आते हैं।
हाल ही में द नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट ने ‘लिज़्ट इंस्टीट्यूट’, हंगेरियन कल्चरल सेंटर, नई दिल्ली (Liszt Institute, Hungarian Cultural Centre, New Delhi) के सहयोग से भारतीय मूल की चित्रकार अमृता शेरगिल की 110वीं जयंती मनाई। अमृता एक भारतीय-हंगेरियन चित्रकार (Indian-Hungarian painter) और अग्रणी महिला कलाकारों में से एक थीं। शेरगिल की 110वीं जयंती पर उनकी स्मृति में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत 8 फरवरी से ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ में उनसे प्रेरित 20 कृतियों की कला प्रदर्शनी के साथ होगी। इसका उद्देश्य अमृता शेरगिल के जीवन और कार्य पर हंगरी में गुज़रे उनके बचपन के प्रभाव और हंगरी तथा भारत के बीच सबसे मज़बूत कड़ी की अल्पावधि लेकिन बेहद समृद्ध और रचनात्मक जीवन का जश्न मनाना है। उन्होंने वर्ष 1939 के दौरान भारत में व्यापक यात्रा की, जिसने उनकी कलाकृतियों में अभिव्यक्ति- शैली, चित्रांकन एवं रचना पर एक मज़बूत प्रभाव डाला। अमृता शेरगिल का जन्म 30 जनवरी, 1913 को हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में हुआ था। उनके सिख पिता उमराव सिंह शेरगिल संस्कृत-फारसी के विद्वान थे। उनकी माँ एंटोनी गोट्समन हंगरी मूल की यहूदी ओपेरा गायिका थीं। अमृता में बचपन से ही कला, संगीत व अभिनय के प्रति जुनून था। उन्होंने इटली स्थित फ्लोरेंस के सांता अनुंजियाता आर्ट स्कूल से पेटिंग का कोर्स किया था। हालाँकि उनकी कला-शिक्षा पेरिस से हुई थी, फिर भी उन्होंने भारत की कलात्मक परंपराओं की खोज की।
हाल ही में कच्छ के रण में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) द्वारा एक मेगा 'खादी फैशन शो' का आयोजन किया गया था। यह मेगा आयोजन KVIC का इस तरह का पहला आयोजन था जिसने पूरी दुनिया में खादी ब्रांड के नए आयाम स्थापित किये। गुजरात सरकार प्रत्येक वर्ष तीन महीने तक चलने वाले उत्सव का आयोजन करती है जिसे 'रण उत्सव' के नाम से जाना जाता है। कच्छ का रण पश्चिमी गुजरात के कच्छ ज़िले में थार रेगिस्तान में एक नमक युक्त दलदली भूमि है। यह भारत में गुजरात और पाकिस्तान में सिंध प्रांत के बीच स्थित है। यह अपनी सफेद नमकीन रेगिस्तानी रेत के लिये प्रसिद्ध है और इसे विश्व के सबसे बड़े नमक रेगिस्तान के रूप में भी जाना जाता है। कच्छ के निवासियों को कच्छी कहा जाता है तथा इसी नाम से उनकी अपनी एक भाषा है। कच्छ के रण में अधिकांश आबादी में हिंदू, मुस्लिम, जैन और सिख शामिल हैं।
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