प्रिलिम्स फैक्ट : 30 अप्रैल, 2021 | 30 Apr 2021

कृषि अवसंरचना कोष

Agriculture Infrastructure Fund

कृषि अवसंरचना कोष ने आठ हजार करोड़ रुपए का आँकड़ा पार कर लिया है। यह निवेश कई कृषि परियोजनाओं को बढ़ावा देगा, जो कि पूरे देश में किसानों के लिये लाभकारी सिद्ध होगा।

प्रमुख बिंदु:

यह एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना है।

लक्ष्य:

  • फसल-कटाई के बाद की बुनियादी सुविधाओं और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों से संबंधित व्यवहार्य परियोजनाओं में निवेश हेतु मध्यम-दीर्घकालिक ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना।
  • इस धनराशि का प्रयोग केंद्र/राज्य/स्थानीय निकायों द्वारा प्रायोजित फसल एकत्रीकरण के लिये पीपीपी परियोजनाओं के अलावा कोल्ड स्टोर और चेन, वेयरहाउसिंग, ग्रेडिंग और पैकेजिंग यूनिट, ई-ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म से जुड़े ई-मार्केटिंग पॉइंट आदि की स्थापना हेतु किया जाएगा।

अवधि: वित्तीय वर्ष 2020 से 2029।

विशेषताएँ:

  • योग्य लाभधारक:
    • इस कोष से किसानों, किसान उत्पादक संगठनों, PACS, विपणन सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, संयुक्त देयता समूहों (JLGs), बहुउद्देशीय सहकारी समितियों, कृषि-उद्यमी, स्टार्ट-अप और केंद्रीय/ राज्य एजेंसी या स्थानीय प्रायोजित सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं को लाभ मिलेगा।
  • वित्तीय सहायता: बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा पात्र लाभार्थियों को ऋण के रूप में 1 लाख करोड़ रुपए तक प्रदान किये जाएंगे।
    •  पुनर्भुगतान के लिये अधिस्थगन अवधि न्यूनतम 6 महीने और अधिकतम 2 वर्ष हो सकती है।
  • इंटरेस्ट सबवेंशन: 2 करोड़ रुपए की सीमा तक के ऋण के लिये 3% प्रति वर्ष का इंटरेस्ट सबवेंशन होगा। यह अधिकतम सात वर्षों के लिये उपलब्ध होगा।
  • CGTMSE योजना: 2 करोड़ रुपए तक के ऋण के लिये ‘क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज’ (CGTMSE) योजना के तहत पात्र उधारकर्त्ताओं के लिये एक क्रेडिट गारंटी कवरेज उपलब्ध होगा। ।

केंद्रीय क्षेत्रक योजना:

  • ये योजनाएँ केंद्र सरकार द्वारा 100% वित्त पोषित होती हैं।
  • इन्हें केंद्र सरकार की मशीनरी द्वारा लागू किया जाता है।
  • मुख्य रूप से संघ सूची के विषयों से संबंधित।
  • जैसे: भारतनेट, नमामि गंगे-राष्ट्रीय गंगा योजना आदि।