प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 जुलाई, 2020 | 13 Jul 2020

सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2019

CII-ITC Sustainability Award-2019

हाल ही में ‘राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम’ (National Thermal Power Corporation:NTPC) लिमिटेड को कॉर्पोरेट उत्कृष्टता श्रेणी के अंतर्गत उत्कृष्ट उपलब्धि के लिये प्रतिष्ठित ‘सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2019’ (CII-ITC Sustainability Award- 2019) प्रदान किया गया।  

NTPC

प्रमुख बिंदु:

  • एनटीपीसी लिमिटेड, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय (Ministry of Power) के अंतर्गत एक केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम और भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी है।

बालिका सशक्तीकरण मिशन

(Girl Empowerment Mission-GEM): 

  • यह एनटीपीसी लिमिटेड का प्रमुख ‘कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी’ (Corporate Social Responsibility-CSR) कार्यक्रम है। 
  • इस 4 सप्ताह के आवासीय कार्यक्रम के तहत एनटीपीसी लिमिटेड अपने पावर स्टेशन के आसपास प्रतिष्ठापित वंचित पृष्ठभूमि से आने वाली एवं स्कूल जाने वाली बालिकाओं को लाभ पहुँचाकर उनके समग्र विकास को बढ़ावा देता है।

ठेकेदार श्रम सूचना प्रबंधन प्रणाली

(Contractors Labour Information Management System- CLIMS): 

  • एनटीपीसी लिमिटेड  द्वारा ‘ठेकेदार श्रम सूचना प्रबंधन प्रणाली’ (CLIMS) की भी शुरुआत की गई है।
  • इस प्रणाली के माध्यम से ठेका श्रमिकों को परियोजना स्थलों पर महीने के अंतिम दिन भुगतान किया जाता है।

एनटीपीसी समूह की स्थापित वर्तमान क्षमता:

  • 62110 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ ‘एनटीपीसी समूह’ के पास 70 पावर स्टेशन हैं जिनमें 24 कोयला, 7 संयुक्त चक्र गैस/तरल ईंधन, 1 हाइड्रो, 25 सहायक एवं जेवी पावर स्टेशनों (JV Power Stations) के साथ 13 नवीकरणीय स्टेशन शामिल हैं।

सीआईआई-आईटीसी सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार-2019:

  • वर्ष 2006 में गठित ‘CII-ITC सस्टेनेबिलिटी पुरस्कार’ उन व्यवसायों में उत्कृष्टता के लिये प्रदान किये जाते हैं जो अपनी गतिविधियों में अधिक टिकाऊ एवं समावेशी होने के तरीके अपनाते हैं।
  • यह पुरस्कार ‘सीआईआई-आईटीसी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर सस्टेनेबल डवलपमेंट’ (CII-ITC Center of Excellence for Sustainable Development-CESD) के निरंतर प्रयासों का एक हिस्सा हैं जो व्यापार के सतत् तरीकों पर जागरूकता पैदा करने एवं व्यापारिक क्षमता को बनाए रखने की दिशा में कार्य करता है। 
  • देश में सस्टेनेबिलिटी की पहचान के लिये इसे सबसे विश्वसनीय पुरस्कार माना जाता है।

सी/2020 एफ3

C/2020 F3

हाल ही में नासा के टेलीस्कोप द्वारा खोजा गया धूमकेतु ‘सी/2020 एफ3’ (C/2020 F3) जिसे नियोवाइज़ (NEOWISE) के नाम से भी जाना जाता है, 22 जुलाई, 2020 को पृथ्वी के सबसे निकट पहुँचेगा।

प्रमुख बिंदु:

  • 22 जुलाई, 2020 को धूमकेतु ‘सी/2020 एफ3’ जिसे अपनी कक्षा के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 6800 वर्ष लगते हैं, पृथ्वी की बाहरी कक्षा को पार करते समय 64 मिलियन मील या 103 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर होगा।    
  • 3 जुलाई, 2020 को यह धूमकेतु सूर्य से 43 मिलियन किमी. की दूरी पर था। 
    • इस दिन धूमकेतु बुध की कक्षा में चक्कर लगा रहा था और सूर्य से निकटता के कारण इसकी बाहरी परत बर्फीली सतह से गैस एवं धूल एक वातावरण बना रही थी,  जिसे कोमा (Coma) के रूप में संदर्भित किया गया था।
    • यह वातावरण कभी-कभी मलबे के एक चमकदार सिरे (छोर) का निर्माण करता है जो हज़ारों या लाखों किलोमीटर तक फैल सकता है।
  • धूमकेतु अपनी चौड़ाई में कुछ मील से लेकर हज़ार मील तक विस्तृत हो सकते हैं। जैसे ही वे सूर्य के निकट आते हैं वे गर्म होते हैं और धूल एवं गैसों के मलबे को छोड़ते हैं जो एक ‘चमकते हुए सिर’ के आकार में बनता है। इस मलबे का आकार अक्सर एक ग्रह से बड़ा हो सकता है।

सूर्य और पृथ्वी से निकटता क्यों?

  • अन्य ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण धूमकेतु को कभी-कभी सूर्य और पृथ्वी के पास की कक्षाओं में धकेल दिया जाता है।
  • कुछ धूमकेतुओं की उपस्थिति अर्थात् जो सूर्य से परिक्रमा करने में 200 वर्ष से कम का समय लगाते हैं, उनका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
  • इन्हें लघु-अवधि के धूमकेतु के रूप में संदर्भित किया जा सकता है और ये कुइपर बेल्ट (Kuiper Belt) में पाए जा सकते हैं जहाँ कई धूमकेतु प्लूटो की परिधि में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। और कभी-कभी इनको उन कक्षाओं में धकेल दिया जाता है जो उन्हें सूर्य के निकट लाते हैं।
    • सबसे प्रसिद्ध लघु-अवधि वाले धूमकेतुओं में से एक धूमकेतु हैली (Halley) है जो 76 वर्षों के अंतराल में एक बार दिखाई देता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2062 में हैली पुनः दिखाई देगा।
  • कम-पूर्वानुमान योग्य धूमकेतु (Less-Predictable Comets), ओर्ट क्लाउड (Oort Cloud) में पाया जा सकता है जो सूर्य से लगभग 100000 खगोलीय इकाई (Astronomical Unit-AU) की दूरी पर है।
    • इस ओर्ट क्लाउड (Oort Cloud) में धूमकेतु को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में अनुमानतः 30 मिलियन वर्ष तक का समय लगता है।

धूमकेतु ‘सी/2020 एफ3’ का अध्ययन क्यों?

खगोलविद इस धूमकेतु का अध्ययन इसलिये कर रहे हैं क्योंकि वे मानते हैं कि इससे सौर मंडल के गठन के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है और यह भी संभव है कि धूमकेतु पर जल एवं अन्य कार्बनिक यौगिक विद्यमान हों जो पृथ्वी पर जीवन के निर्माण खंड हैं।


हाइड्रोजन चालित वाहन

Hydrogen-Propelled Vehicles

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Union Ministry of Road Transport and Highways) ने हाइड्रोजन चालित वाहनों (Hydrogen-Propelled Vehicles) की सुरक्षा का  मूल्यांकन करने के लिये टिप्पणियाँ मांगी हैं।

  • केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में 10 जुलाई, 2020 को एक मसौदा अधिसूचना जारी की थी।  

प्रमुख बिंदु:

  • इस मसौदे में ऑटोमेटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS) 157: 2020 के अनुसार, भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत BIS विनिर्देश अधिसूचित होने तक संपीडित गैसीय हाइड्रोजन ईंधन सेल पर चलने वाली M और N श्रेणियों के मोटर वाहनों को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
    • जब तक BIS विनिर्देश भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत अधिसूचित नहीं हो जाते ईंधन सेल वाहनों के लिये हाइड्रोजन ईंधन विनिर्देश ISO 14687 के अनुसार होंगे।

मोटर वाहन की M श्रेणी:

  • इस श्रेणी में यात्रियों को लाने-ले जाने वाले वाहन आते हैं।

मोटर वाहन की N श्रेणी:

  • इस श्रेणी में माल ढुलाई वाले वाहन आते हैं।

हाइड्रोजन ईंधन सेल कैसे कार्य करता है:

  • ईंधन सेल विद्युत वाहन (Fuel Cell Electric Vehicles-FCEV) एक ऐसा यंत्र है जो कि ईंधन स्रोत के तौर पर हाइड्रोजन तथा एक ऑक्सीकारक के प्रयोग से विद्युत-रासायनिक प्रक्रिया (Electrochemical) द्वारा विद्युत का निर्माण करता है।
  • ईंधन सेल हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन को समिश्रित कर विद्युत धारा का निर्माण करता है तथा इस प्रक्रिया में जल उपोत्पाद (Byproduct) होता है।
  • परंपरागत बैटरियों की भाँति ही हाइड्रोजन ईंधन सेल भी रासायनिक उर्जा को विद्युत उर्जा में परिवर्तित करता है परंतु FCEV लंबे समय तक वहनीय है तथा भविष्य की इलेक्ट्रिक कारों के लिये एक आधार है।
  • इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक में FCEVs एक नई पीढ़ी की शुरुआत है। इसके अंतर्गत इलेक्ट्रिक मोटर को चलाने के लिये हाइड्रोजन का प्रयोग किया जाता है।

एटीएल एप डवलपमेंट मॉड्यूल

ATL App Development Module

नीति आयोग (NITI Aayog) के अटल इनोवेशन मिशन ने देशभर में स्कूली छात्रों के लिये ‘एटीएल एप डवलपमेंट मॉड्यूल’ (ATL App Development Module) लॉन्च किया।

Plezmo

प्रमुख बिंदु:

  • यह एप डवलपमेंट मॉड्यूल भारतीय स्टार्टअप प्लेज़्मो (Plezmo) के सहयोग से लॉन्च किया गया है। 
  • इसका उद्देश्य अटल इनोवेशन मिशन के प्रमुख कार्यक्रम ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ के तहत आने वाले समय में स्कूली छात्रों के कौशल में सुधार करना है और उन्हें एप उपयोगकर्त्ता से एप निर्माणकर्त्ता बनाना है।   
  • ‘एटीएल एप डवलपमेंट मॉड्यूल’ एक ऑनलाइन कोर्स है जो पूरी तरह निःशुल्क है। 
    • इसमें 6 प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग मॉड्यूल और ऑनलाइन पाठ्यक्रम सत्रों के माध्यम से युवा नवोन्मेषी विभिन्न भारतीय भाषाओं में मोबाइल एप बनाना सीख सकते हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं। 
    • इसके अतिरिक्त स्कूली शिक्षकों में एप विकसित करने की क्षमता एवं कौशल निर्माण के लिये अटल इनोवेशन मिशन एप विकास पाठ्यक्रम पर आवधिक शिक्षक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगा।
  • वर्तमान में देश के 660 से अधिक ज़िलों में अटल इनोवेशन मिशन द्वारा 5100 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स (ATL) स्थापित किये गए हैं। जिनमें 2 मिलियन से अधिक छात्रों को जोड़ा गया है।