प्रीलिम्स फैक्ट्स: 10 जनवरी, 2020 | 10 Jan 2020

एपिफेनी त्योहार

Epiphany Festival

हाल ही में एपिफेनी त्योहार (Epiphany Festival) भारत के कुछ हिस्सों जैसे-गोवा और केरल में मनाया गया।

  • इस त्योहार को गोवा में पुर्तगाली नाम 'फेस्टा डॉस रीस' (Festa dos Reis) और केरल के कुछ हिस्सों में सिरिएक (Syriac) के 'देन्हा' (Denha) नाम से जाना जाता है।

Epiphany Festival

मुख्य बिंदु:

  • ईसाई धर्म में क्रिसमस और ईस्टर के बाद एपिफेनी त्योहार सबसे पुराना एवं प्रमुख त्योहार है।
  • इसे रोमन कैथोलिक (Roman Catholic) चर्च सहित कई ईसाई संप्रदायों द्वारा 6 जनवरी को और कुछ पूर्वी रूढ़िवादी (Eastern Orthodox) चर्चों द्वारा 19 जनवरी को मनाया जाता है।
    • पश्चिमी देशों में 25 दिसंबर से 6 जनवरी के बीच की अवधि को ‘क्रिसमस के बारह दिनों’(Twelve Days of Christmas) के रूप में जाना जाता है।
  • एपिफेनी एक दावत या स्मरणोत्सव का दिन है जो ईसाई धर्म में शिशु यीशु (12 वर्ष की आयु तक) के लिये ‘मागी’(Magi) की यात्रा को चिह्नित करता है।
    • मागी का मतलब तीन बुद्धिमान आदमी (Three Wise Men) या तीन राजा (Three Kings) होता है
  • ईसाई मान्यता के अनुसार, अरब के राजा बल्थासार (Balthasar), फारस के राजा मेल्चिओर (Melchior) और भारत के राजा गैस्पर (Gaspar) या कैस्पर (Casper) अर्थात् मागी ने बेथलहम में शिशु यीशु को श्रद्धांजलि देने के लिये एक चमत्कारी मार्गदर्शक तारे (Miraculous Guiding Star) का अनुसरण किया।
  • यह दिन मध्य-पूर्व की जॉर्डन नदी में यीशु के बपतिस्मा के लिये भी याद किया जाता है।

भारत में एपिफेनी त्योहार:

  • भारत के गोवा राज्य में मागी या तीन राजाओं को पुर्तगाली भाषा में 'रीस मैगोस’ (Reis Magos) कहा जाता है।
  • बर्देज़ के रीस मैगोस का किला एवं चर्च और कनसौलिम (Cansaulim) के थ्री किंग्स चैपल (Three Kings Chapel) में मागी का नाम आदर से लिया जाता है।
  • बर्देज़ (Bardez), चंदोर (Chandor), कनसौलिम (Cansaulim), अरोस्सिम (Arossim) और क्यूलिम(Cuelim) समुदाय एपिफेनी त्योहार मनाने के लिये जाने जाते हैं।
  • ‘देन्हा’ केरल राज्य के पीरावोम (Piravom) में सेंट मैरी ऑर्थोडॉक्स सीरियन कैथेड्रल (St. Mary’s Orthodox Syrian Cathedral) चर्च का एक महत्त्वपूर्ण वार्षिक उत्सव है जिसमें एक बड़ी मंडली भाग लेती है।

टाइगर रिज़र्व

Tiger Reserve

गोवा के कार्यकर्त्ताओं और राजनेताओं ने राज्य के महादेई (Mahadei), नेत्रावली (Netravali) और कोटिगाओ (Cotigao) वन्यजीव अभयारण्यों के लगभग 500 वर्ग किमी. क्षेत्र तथा भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य (Bhagwan Mahavir Wildlife Sanctuary) के कुछ हिस्से को 'टाइगर रिजर्व’ (Tiger Reserve) के रूप में अधिसूचित करने की मांग की है।

  • गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में उत्तरी गोवा ज़िले के सत्तारी तालुका के महादेई वन्यजीव अभयारण्य में चार बाघों की मौत हो गई।
  • गोवा सरकार ने वर्ष 2017 में तटीय रिज़र्व के कुछ क्षेत्रों को बाघ आरक्षित के रूप में अधिसूचित करने के लिये केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा था।

Goa

नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य

(Netravali Wildlife Sanctuary)

  • नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य पूर्वी गोवा के सुंगुम तालुका में काली नदी के बेसिन में स्थित है।
  • नेत्रावली वन्यजीव अभयारण्य के उत्तर में भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य और दक्षिण में कोटिगाओ वन्यजीव अभयारण्य स्थित है।
  • इस वन्यजीव अभयारण्य के प्रमुख आकर्षण में ब्लैक पैंथर (Black Panther), विशालकाय गिलहरी (Giant Squirrel), स्लेंडर लोरिस (Slender Loris), ग्रेट पाइड हॉर्नबिल्स (Great Pied Hornbills) आदि शामिल हैं।
  • कोटिगाओ वन्यजीव अभयारण्य (Cotigao Wildlife Sanctuary)
  • कोटिगाओ वन्यजीव अभ्यारण्य दक्षिणी गोवा के कैनाकोना तालुका (Canacona Taluka) में स्थित है।
  • कोटिगाओ वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना वर्ष 1968 में की गई थी।
  • इस वन्यजीव अभयारण्य के प्रमुख आकर्षण में उड़ने वाली गिलहरी (Flying Squirrel), स्लेंडर लोरिस (Slender Loris), इंडियन पैंगोलिन (Indian Pangolin), चार सींग वाला मृग (Four-horned Antelope), मालाबार पिट वाइपर (Malabar Pit Viper) आदि शामिल हैं।

भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य

(Bhagwan Mahavir Wildlife Sanctuary)

  • यह अभयारण्य पश्चिमी घाट में जैव विविधता की रक्षा के लिये बनाया गया था।
  • इसे मूल रूप से मोलेम गेम अभयारण्य (Mollem Game Sanctuary) के रूप में जाना जाता है किंतु वर्ष 1969 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किये जाने के बाद इसे भगवान महावीर वन्यजीव अभयारण्य नाम दिया गया।
  • इस अभयारण्य के मुख्य क्षेत्र की लगभग 107 वर्ग किमी. भूमि को वर्ष 1978 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था और इसे मोलेम नेशनल पार्क (Mollem National Park) के रूप में जाना जाता है।
  • यहाँ का मुख्य आकर्षण दूधसागर जलप्रपात मांडवी नदी पर स्थित है।

नलबाना पक्षी अभयारण्य

Nalabana Bird Sanctuary

नलबाना पक्षी अभयारण्य या नलबाना द्वीप पर प्रवासी पक्षियों की जनगणना रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वर्ष यहाँ प्रवासी पक्षियों की 102 प्रजातियों के लगभग 406,368 पक्षी पहुँचे हैं।

Nalabana Bird Sanctuary

मुख्य बिंदु:

  • ओड़िया भाषा में नलबाना का अर्थ ‘घास से ढका द्वीप’ होता है।
  • नलबाना पक्षी अभयारण्य या नलबाना द्वीप ओडिशा की चिल्का झील के बीच में स्थित है। मानसून ऋतु में झील में जल की अधिकता के कारण यह द्वीप डूब जाता है।
  • यह पक्षी अभयारण्य 15.53 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है।
  • नलबाना पक्षी अभयारण्य शीत ऋतु में आर्कटिक और उप-आर्कटिक क्षेत्रों से आए प्रवासी पक्षियों के रुकने का एक उपयुक्त स्थान है।
  • इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वर्ष 1987 में पक्षी अभयारण्य घोषित किया गया था।
  • यहाँ देखे जाने वाले कुछ महत्त्वपूर्ण प्रवासी पक्षी हैं: बार-हेडेड गीज़ (Bar-headed geese), ग्रेटर फ्लेमिंगोस (Greater Flamingos), बगुले (Herons), ब्लैक टेल्ड गाॅडविट्स (Black-tailed Godwits) और ग्रेट नॉट (Great Knot)। ग्रेट नॉट पक्षी को पांच साल बाद देखा गया।

ग्रेट नॉट (Great Knot)

Great Knot

  • ग्रेट नॉट एक अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी पक्षी है जो प्रजनन के लिये उत्तरी गोलार्द्ध से और दक्षिणी गोलार्द्ध के मध्य लंबी दूरी तय करता है।
  • यह सुदूर पूर्वोत्तर रूस, तटीय ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और पूर्वी अरब प्रायद्वीप में दिखाई देता है।
  • इसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) की लाल सूची में लुप्तप्राय (Endangered) श्रेणी में रखा गया है।