प्रधानमंत्री मुद्रा योजना | 07 Feb 2023

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत रोज़गार सृजन का आकलन करने हेतु श्रम और रोज़गार मंत्रालय (MoLE) द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर किये गए नमूना सर्वेक्षण के अनुसार, इस योजना ने लगभग 3 वर्षों की अवधि के दौरान 1.12 करोड़ शुद्ध अतिरिक्त रोज़गार का सृजन करने में मदद की है (अर्थात, वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक)।

सर्वेक्षण के अन्य मुख्य आकर्षण:  

  • पिछले तीन वित्तीय वर्षों में राजस्थान राज्य में दिये गए 81 लाख ऋणों में से 52 लाख से अधिक महिला उद्यमियों को प्रदान किये गए, जो कुल ऋणों का 64% है।
  • प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का समय के साथ-साथ विस्तार किया गया है:
    • मछली पालन, डेयरी उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण जैसे कृषि संबंधी गतिविधियों को शामिल करने के लिये वर्ष 2016-17 में इस कार्यक्रम को व्यापक बनाया गया था।
    • ट्रैक्टर और पावर टिलर के लिये 10 लाख रुपए की अधिकतम सीमा वाले ऋण वर्ष 2017-18 में PMMY के तहत उपलब्ध कराए गए।
    • वर्ष 2018-19 से व्यावसायिक उपयोग के लिये दोपहिया वाहनों के ऋण को PMMY में शामिल किया गया था।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:  

  • परिचय:  
    • PMMY को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था।
    • PMMY लघु व्यवसाय उद्यमों के लिये 10 लाख रुपए तक संपार्श्विक-मुक्त संस्थागत ऋण प्रदान करता है।
  • वित्तपोषण प्रावधान: 
  • प्रकार:  
    • इस ऋण का उपयोग विनिर्माण, व्यापार, सेवा क्षेत्र और कृषि में आय-अर्जक गतिविधियों हेतु किया जा सकता है।
    • PMMY के तहत तीन ऋण उत्पाद हैं:
      • शिशु (50,000 रुपए तक का ऋण)
      • किशोर (50,000 रुपए और 5 लाख रुपए के बीच ऋण)
      • तरुण (5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच ऋण)।
  • योजना में सुधार हेतु उठाए गए कदम: 
    • उदयमित्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान।
    • कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks- PSB) ने PMMY के तहत स्वचालित प्रतिबंधों हेतु शुरू से अंत तक डिजिटल ऋण देना शुरू कर दिया है।
    • हितधारकों के बीच योजना की दृश्यता बढ़ाने हेतु PSB और मुद्रा लिमिटेड द्वारा गहन प्रचार अभियान।
    • PSB में मुद्रा नोडल अधिकारियों का नामांकन। 

PMMY

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. प्रधानमंत्री MUDRA योजना का लक्ष्य क्या है?  (2016) 

(a) लघु उद्यमियों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाना
(b) निर्धन कृषकों को विशेष फसलों की कृषि के लिये ऋण उपलब्ध कराना
(c) वृद्ध एवं निस्सहाय लोगों को पेंशन प्रदान करना
(d) कौशल विकास एवं रोज़गार सृजन में लगे स्वयंसेवी संगठनों का निधियन करना

उत्तर: (a) 

स्रोत: पी.आई.बी.