प्रधानमंत्री जन धन योजना | 20 Aug 2025

स्रोत: द हिंदू

वित्त मंत्रालय ने कहा कि लगभग एक-चौथाई प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) खाते निष्क्रिय हैं, जिससे वित्तीय समावेशन और खातों के उपयोग को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं।

  • निष्क्रिय खातों का स्तर: 56.04 करोड़ PMJDY खातों में से 13.04 करोड़ (23%) निष्क्रिय हैं। उत्तर प्रदेश का हिस्सा सबसे अधिक है (2.75 करोड़), इसके बाद बिहार और मध्य प्रदेश का स्थान है।
    • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि किसी बचत खाते में 2 वर्ष से अधिक समय तक कोई लेन-देन नहीं होता है, तो उसे निष्क्रिय (Inoperative) चिह्नित कर दिया जाता है।
  • प्रधानमंत्री जन धन योजना: यह प्रत्येक गैर-बैंकिंग वयस्क को बिना किसी खाता खोलने या रखरखाव शुल्क के एक मूल शून्य-शेष खाता (Zero-balance account) प्रदान करता है।
    • खातेधारक को रुपे (RuPay) डेबिट कार्ड मिलता है, जिसमें 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर शामिल होता है और आपात स्थितियों के लिये 10,000 रुपए तक का ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ लेने के योग्य होते हैं।
    • यह योजना प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) और सब्सिडी के लिये भी एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है तथा JAM ट्रिनिटी (जन धन–आधार–मोबाइल) के साथ इसके एकीकरण के माध्यम से कल्याण योजनाओं की पारदर्शी व प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करती है।
  • परिवर्तनीय प्रभाव: PMJDY ने महिलाओं के वित्तीय समावेशन को महत्त्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है, महिलाओं के पास बैंक खाता रखने का प्रतिशत 53% (2015-16) से बढ़कर 79% (2019-21) हो गया है।
    • PMJDY के वित्तीय समावेशन आधार का लाभ उठाकर, मुद्रा ऋणों तक पहुँच में विस्तार हुआ है और वर्ष 2019 से 2024 के बीच इसकी वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) 9.8% दर्ज की गई है।
    • यह योजना बचत की आदतों को भी बढ़ावा देती है, जिसमें औसत जमा राशि 4,352 रुपए है।

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