प्रधानमंत्री विरासत का संवर्द्धन (PM VIKAS) योजना | 19 Jul 2025
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (MoMA) ने प्रधानमंत्री विरासत संवर्द्धन (PM VIKAS) योजना के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण और महिला उद्यमिता विकास परियोजना शुरू की।
- इसके तहत 150 युवाओं को इंटरनेट ऑफ थिंग्स और 300 महिला प्रशिक्षुओं को नेतृत्व एवं उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान उम्मीदवारों को वजीफा (वृत्ति) दिया जाएगा और उन्हें रोज़गार एवं स्वरोज़गार के अवसरों के लिये सहायता दी जाएगी।
प्रधानमंत्री-विकास (PM-VIKAS) योजना क्या है?
- परिचय:
- यह अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (MoMA) की एक कौशल विकास पहल है, जो पूरे देश के अल्पसंख्यक और कारीगर समुदायों की कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता एवं नेतृत्व विकास की आवश्यकताओं पर केंद्रित है।
- यह योजना स्किल इंडिया मिशन के साथ समन्वय में लागू की जाती है और स्किल इंडिया पोर्टल (SIP) के साथ एकीकृत है।
- PM VIKAS योजना, मंत्रालय की पूर्ववर्ती कौशल और शिक्षा संबंधी पहलों को एकीकृत करके एक साझा मंच प्रदान करती है ताकि भारत के छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों - मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी (ज़रथुस्त्र) के सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहन दिया जा सके।
- इस योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (NMDFC) द्वारा दी जाने वाली ऋण योजनाओं से जोड़कर क्रेडिट लिंकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
- यह अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (MoMA) की एक कौशल विकास पहल है, जो पूरे देश के अल्पसंख्यक और कारीगर समुदायों की कौशल प्रशिक्षण, उद्यमिता एवं नेतृत्व विकास की आवश्यकताओं पर केंद्रित है।
- क्रियान्वयन:
- इस योजना के क्रियान्वयन हेतु मंत्रालय का उद्देश्य अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों (MCA) में कला और शिल्प समूहों का चयन करना है।
- इस योजना का उद्देश्य पर्यटन मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, पंचायती राज मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय जैसे अन्य मंत्रालयों के साथ समन्वय स्थापित करना भी है, ताकि चिह्नित समूहों में अल्पसंख्यकों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।
- योजना के घटक:
- कौशल एवं प्रशिक्षण घटक:
- परंपरागत प्रशिक्षण (पूर्व में USTTAD और हमारी धरोहर): यह घटक अल्पसंख्यक कारीगर समुदायों एवं उनके परिवार के सदस्यों को पारंपरिक कला और शिल्प (विशेष रूप से लुप्तप्राय कला रूपों) में आवश्यकता-आधारित पाठ्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान करता है।
- गैर-पारंपरिक कौशल प्रशिक्षण (पूर्व में सीखो और कमाओ): इसका उद्देश्य अल्पसंख्यकों और कारीगर परिवारों को ऐसे क्षेत्रों में राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढाँचा (नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क- NSQF) के अनुरूप नौकरी से संबंधित भूमिकाओं में कौशल प्रशिक्षण देना है, जो कला और शिल्प से जुड़े हों और रोज़गार के अवसर प्रदान करते हों।
- नेतृत्व एवं उद्यमिता घटक (पूर्व में नई रोशनी)
- इसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों और हस्तशिल्प से जुड़े परिवारों के युवाओं के बीच नेतृत्व विकास और मूलभूत उद्यमिता को बढ़ावा देना है, जिसके लिये केंद्रित प्रशिक्षण मॉड्यूल्स तैयार किये गए हैं।
- इस पहल के उद्यमिता उप-घटक का लक्ष्य नेतृत्व एवं उद्यमिता में प्रशिक्षित महिलाओं को विशेष सहयोग प्रदान करना है, जिसमें उन्हें गहन उद्यमिता प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- इसके अतिरिक्त, इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित महिलाओं में से इच्छुक उद्यमियों का चयन कर उन्हें व्यवसाय मार्गदर्शक (योजना में जिन्हें ‘बिज़-सखिस’ (Biz-Sakhis) कहा जाएगा) बनाया जाएगा तथा उनके व्यक्तिगत या समूह आधारित उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- शिक्षा घटक (पूर्व में 'नई मंज़िल'):
- इस घटक का उद्देश्य अल्पसंख्यक एवं हस्तशिल्पी समुदायों के स्कूल छोड़ चुके युवाओं को कक्षा 8वीं से 12वीं तक की मुक्त विद्यालयी शिक्षा प्राप्त करने हेतु एक शिक्षा सेतु कार्यक्रम प्रदान करना है। यह कार्यक्रम उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) या अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय (MoMA) द्वारा अनुमोदित किसी अन्य संस्था के माध्यम से प्रमाणन प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
- कौशल एवं प्रशिक्षण घटक:
अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान से संबंधित योजनाएँ:
- प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
- राष्ट्रीय साधन-सह-मेधा छात्रवृत्ति योजना (NMMSS)
- जियो पारसी योजना
- प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK)
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना