भुगतान नियामक बोर्ड (PRB) | 01 Oct 2025
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने देश की भुगतान प्रणालियों की निगरानी और प्रशासन को बढ़ाने के लिये छह सदस्यीय भुगतान नियामक बोर्ड (PRB) की स्थापना की है।
- PRB की संरचना: इसकी अध्यक्षता RBI गवर्नर करते हैं और इसमें RBI के दो अतिरिक्त प्रतिनिधियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के तीन नामित सदस्य शामिल होते हैं।
- RBI के सदस्यों में डिप्टी गवर्नर और भुगतान एवं निपटान प्रणाली के प्रभारी कार्यकारी निदेशक शामिल हैं।
- RBI’ का प्रमुख कानूनी सलाहकार PRB बैठकों में स्थायी आमंत्रित होता है।
- पूर्ववर्ती निकाय: PRB, RBI के केंद्रीय बोर्ड की एक समिति, भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमन तथा पर्यवेक्षण बोर्ड (BPSS) का स्थान लेता है।
- कानूनी प्राधिकार: PRB को भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 से शक्तियाँ प्राप्त हैं। RBI का भुगतान और निपटान प्रणाली विभाग (DPSS) सीधे PRB को रिपोर्ट करता है।
- निर्णय लेना: निर्णय उपस्थित सदस्यों के बहुमत से लिये जाते हैं। बराबर मतों की स्थिति में अध्यक्ष या उप-राज्यपाल के पास दूसरा या निर्णायक मत होता है।
भारत में भुगतान प्रणालियों का विनियमन
- भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (PSS अधिनियम) RBI को भारत में भुगतान प्रणालियों को विनियमित करने का अधिकार देता है।
- यह RBI को क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम/नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) कार्ड नेटवर्क, ATM नेटवर्क तथा अन्य जैसे ऑपरेटरों को लाइसेंस और अधिकृत करने की अनुमति देता है।
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