पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) | 03 Oct 2025
भारत सरकार ने गायक ज़ुबीन गर्ग की सिंगापुर में हुई मृत्यु की जाँच में सहयोग सुनिश्चित करने के लिये सिंगापुर के साथ पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT) लागू की है।
- पारस्परिक कानूनी सहायता संधियाँ (MLAT): ये द्विपक्षीय या बहुपक्षीय समझौते हैं जो देशों को आतंकवाद, तस्करी, साइबर अपराध, तस्करी और वित्तीय धोखाधड़ी जैसे आपराधिक मामलों में सहयोग करने में सक्षम बनाते हैं।
- MLAT जाँच, साक्ष्य साझा करने तथा अभियोजन के लिये एक संरचित और विधिक रूप से बाध्यकारी ढाँचा प्रदान करते हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि क्षेत्राधिकार संबंधी कमियों के कारण अपराधी न्याय से बच न सकें।
- महत्त्व: MLAT अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, पारस्परिकता और गति को मज़बूत करते हैं।
- भारत का दृष्टिकोण: भारत द्विपक्षीय/बहुपक्षीय संधियों, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों या पारस्परिकता के माध्यम से पारस्परिक कानूनी सहायता (MLA) प्रदान करता है।
- भारत ने 42 देशों के साथ MLAT पर हस्ताक्षर किये हैं (वर्ष 2019 तक)। भारत में MLA अनुरोध गृह मंत्रालय (MHA) के माध्यम से भेजे जाते हैं, जो राजनयिक माध्यमों से आवश्यकता पड़ने पर विदेश मंत्रालय (MEA) के सहयोग से केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
पारस्परिक कानूनी सहायता पर भारत के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
- अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 2000
- भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 2003
- स्वाप औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों के अवैध व्यापार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र अभिसमय, 1988 (वियना सम्मेलन)
- हेग कन्वेंशन
- सार्क कन्वेंशन
- राष्ट्रमंडल योजना (हरारे योजना)
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