मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल टेक्नोलॉजी | 12 Mar 2024

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों? 

भारत ने हाल ही में मिसाइल प्रौद्योगिकी में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है और साथ ही मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) क्षमताओं वाले चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है।

MIRV प्रौद्योगिकी के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • शुरुआत:
    • MIRV तकनीक की उत्पत्ति संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्ष 1970 में MIRVed इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की तैनाती के साथ हुई।
    • MIRV एक मिसाइल को कई हथियार (3-4) ले जाने की अनुमति देता है, जिनमें से प्रत्येक स्वतंत्र रूप से विभिन्न स्थानों को निशाना बनाने में सक्षम है।
    • MIRV तकनीक संभावित लक्ष्यों की संख्या बढ़ाकर मिसाइल की प्रभावशीलता को बढ़ाती है।
      • MIRV को भूमि-आधारित प्लेटफॉर्मों एवं समुद्र-आधारित प्लेटफॉर्मों दोनों से लॉन्च किया जा सकता है, जैसे कि पनडुब्बियों, परिणामस्वरूप उनके परिचालन लचीलेपन एवं सीमा का विस्तार होता है।
  • वैश्विक अंगीकरण एवं प्रसार:
    • MIRV तकनीक रखने वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस, रूस, चीन तथा भारत जैसी प्रमुख परमाणु शक्तियाँ शामिल हैं, जबकि पाकिस्तान द्वारा वर्ष 2017 में प्रौद्योगिकी (अबाबील मिसाइल) का परीक्षण किया था।
    • भारत में MIRV तकनीक का प्रथम परीक्षण अग्नि-5 की परीक्षण उड़ान में किया गया जिसका उद्देश्य एक ही प्रक्षेपण के माध्यम से विभिन्न स्थानों पर कई हथियार तैनात करना है।
      • अग्नि-5 हथियार प्रणाली देशज रूप से विकसित एवियोनिक्स सिस्टम और उच्च-सटीकता सेंसर से सुसज्जित है जिसने यह सुनिश्चित किया कि पुन: प्रवेश करने वाले वाहन वांछित सटीकता के भीतर लक्ष्य बिंदुओं तक पहुँचे।
  • रणनीतिक महत्त्व:
    • MIRV को शुरुआत में बैलिस्टिक मिसाइल का सामना करने के स्थान पर आक्रामक क्षमताओं में वृद्धि करने के लिये डिज़ाइन किया गया था।
    • MIRV के माध्यम से एक प्रयास में कई हथियारों को तैनात किया जा सकता है जो उन्हें पारंपरिक मिसाइलों की तुलना में बचाव के संदर्भ में अधिक प्रभावी बनाती है।
  • चुनौतियाँ:
    • MIRV तकनीक के उपयोग में जटिल चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसमें हथियारों का लघुकरण, उन्नत मार्गदर्शन प्रणालियों का विकास और री-एंट्री व्हीकल्‍स की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना शामिल है।
      • रणनीतिक संचालन में MIRV प्रणालियों की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिये इन चुनौतियों का समाधान करना महत्त्वपूर्ण है।

अग्नि-5 मिसाइल

  • अग्नि एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है जिसे DRDO द्वारा देशज रूप से विकसित किया गया है।
  • यह परमाणु हथियार वहन करने में सक्षम है और इसकी लक्ष्य सीमा 5,000 किमी. से अधिक है। इसमें तीन चरणों वाले ठोस ईंधन वाले इंजन का प्रयोग किया गया है।
    • वर्ष 2012 के बाद से अग्नि-5 का कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। दिसंबर 2022 में DRDO ने अग्नि-5 की नाईट-टाइम क्षमताओं का भी परीक्षण किया था।
  • अग्नि श्रेणी की मिसाइलें:
    • अग्नि I: कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (रेंज- 700 किमी. से अधिक)
    • अग्नि II: मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (रेंज- 2000 से 3500 किमी. से अधिक)।
    • अग्नि III: मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (रेंज- 3000 किमी. से अधिक)।
    • अग्नि IV: मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (रेंज- 3500 किमी. से अधिक)।
    • अग्नि-P (अग्नि प्राइम): परमाणु-सक्षम, दो-चरण कनस्तरयुक्त ठोस प्रणोदक बैलिस्टिक मिसाइल (रेंज- 1,000 से 2,000 किमी.)।
  • अग्नि मिसाइल का अगला उन्नयन, अग्नि-6 7,000 किमी. से अधिक की रेंज वाली एक पूर्ण विकसित अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल होने की उम्मीद है।

और पढ़ें: अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

Q1. कभी-कभी समाचार में उल्लिखित 'टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (टी.एच.ए.ए.डी.)' क्या है ? (2018)

(a) इज़रायल की एक राडार प्रणाली
(b) भारत का घरेलू मिसाइल-प्रतिरोधी कार्यक्रम
(c) अमेरिकी मिसाइल-प्रतिरोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक रक्षा सहयोग

उत्तर: (c)


प्रश्न 2. अग्नि-IV प्रक्षेपास्त्र मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)

  1. यह धरातल-से-धरातल तक मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
  2. इसमें केवल द्रव नोदक ईंधन के रूप में इस्तेमाल होता है।
  3. यह एक टन नाभिकीय वारहेड को 7500 किमी. दूरी तक फेंक सकता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


मेन्स: 

प्रश्न. S-400 हवाई रक्षा प्रणाली विश्व में इस समय उपलब्ध अन्य किसी प्रणाली की तुलना में किस प्रकार से तकनीकी रूप से श्रेष्ठ है? (2021)