विषैले SO₂ का पता लगाने हेतु कम लागत वाला सेंसर | 07 Jul 2025
स्रोत: पी.आई.बी
बंगलूरू स्थित सेंटर फॉर नैनो एंड सॉफ्ट मैटर साइंसेज़ (CeNS) के वैज्ञानिकों ने कम लागत वाला, अत्यंत संवेदनशील सेंसर विकसित किया है, जो सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) की अत्यंत कम सांद्रता पर भी पहचान कर सकता है।
- वैज्ञानिकों ने निकेल ऑक्साइड (NiO) और नियोडिमियम निकेल (NdNiO₃) को मिलाकर एक सेंसर तैयार किया है। इसमें NiO गैस रिसेप्टर (गैस ग्रहण करने वाला) की भूमिका निभाता है, जबकि NdNiO₃ ट्रांसड्यूसर के रूप में कार्य करता है, जो पता लगाने के संकेतों को प्रसारित करता है।
- यह सेंसर सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) को केवल 320 पार्ट्स प्रति बिलियन (ppb) जैसी बेहद कम सांद्रता पर भी पहचान सकता है, जो कई वाणिज्यिक सेंसरों से बेहतर है।
- यह सेंसर उपयोगकर्त्ता-अनुकूल थ्रेशोल्ड अलर्ट सिस्टम (हरा: सुरक्षित, पीला: चेतावनी) के साथ वास्तविक समय में SO₂ का पता लगाता है, जिससे यह औद्योगिक और शहरी स्थानों में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिये आदर्श बन जाता है।
- सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂): यह एक रंगहीन, पानी में घुलनशील विषाक्त गैस है, जो मुख्यतः वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों से उत्सर्जित होती है। इस गैस के अत्यंत सूक्ष्म संपर्क से भी श्वसन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि अस्थमा का दौरा और दीर्घकालिक फेफड़ों की क्षति।
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