लेड आयोडाइड पेरोव्स्काइट्स | 15 Mar 2024

स्रोत: पी. आई. बी.

भारत रत्न प्रोफेसर सी. एन. आर. राव और उनकी टीम के एक अध्ययन ने ऐसी सटीक परमाणु पुनर्व्यवस्था (प्रेसाइज एटॉमिक रिअरेंजमेंट्स) का पता लगाया है जो परिवर्तित तापमान तथा दबाव के कारण लेड आयोडाइड पेरोव्स्काइट के प्रत्येक चरण के संक्रमण में होती है।

  • पेरोव्स्काइट संरचना: पेरोव्स्काइट किसी भी सामग्री को संदर्भित करता है जिसमें खनिज पेरोव्स्काइट जैसी क्रिस्टल संरचना होती है। उदाहरण: लेड आयोडाइड पेरोव्स्काइट्स और कैल्शियम टाइटेनियम पेरोव्स्काइट्स।
  • लेड आयोडाइड पेरोव्स्काइट उत्कृष्ट ऑप्टोइलेक्ट्रिकल गुणों का प्रदर्शन करते हैं, जिससे वे सौर कोशिकाओं के लिये आशाजनक सामग्री बन जाते हैं। हालाँकि अलग-अलग परिस्थितियों में संरचनात्मक परिवर्तनों के कारण उनकी अस्थिरता (आर्द्र हवा में अपघटन) चिंता का विषय है।
    • अस्थिरता के मुद्दों के बावजूद, उनकी अद्वितीय क्रिस्टलीय संरचनाओं और ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक गुणों के कारण इसमें व्यावसायिक क्षमता है।
    • लेड आयोडाइड पेरोव्स्काइट्स की ऊर्जा रूपांतरण दक्षता वाणिज्यिक सिलिकॉन-आधारित सौर कोशिकाओं से भी अधिक हो सकती है।
  • अस्थिरता को संबोधित करने से सौर कोशिकाओं, LED, एक्स-रे परिरक्षण और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों में लेड आयोडाइड पेरोव्स्काइट्स का उपयोग करके अधिक कुशल नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन हो सकता है।

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