सूचना प्रौद्योगिकी (IT) संशोधन नियम, 2025 | 10 Nov 2025
चर्चा में क्यों?
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2025 जारी किये हैं, जिनके माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021, विशेष रूप से नियम 3(1)(d) में अद्यतन किया गया है।
- ये वर्ष 2025 के नियम, जो 15 नवंबर, 2025 से प्रभावी होंगे, अवैध ऑनलाइन विषय-वस्तु को हटाने से संबंधित प्रक्रिया संबंधी सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करने का उद्देश्य रखते हैं।
- सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के नियम 3(1)(d) के अनुसार, इंटरनेट मध्यस्थों को सरकार द्वारा आदेश या अधिसूचना प्राप्त होने पर अवैध विषय-वस्तु को हटाना या उसकी पहुँच को प्रतिबंधित करना आवश्यक है।
- यह प्रक्रिया सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 79(3)(b) के साथ संचालित होती है, जो “वास्तविक जानकारी” प्राप्त होने के बाद कार्रवाई न करने पर मध्यस्थों से सुरक्षित आश्रय (safe-harbour) संरक्षण को हटा देती है और धारा 69A जो केंद्र सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था के लिये आवश्यक होने पर ऑनलाइन जानकारी तक सार्वजनिक पहुँच को अवरुद्ध करने का अधिकार देती है।
IT संशोधन नियम, 2025 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- संशोधन नियम 2025 की मुख्य विशेषताएँ: यह प्रक्रिया में पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित करने और विषय-वस्तु हटाने हेतु अधिक सटीक, कार्रवाई योग्य नोटिस सुनिश्चित करने के लिये IT नियम, 2021 के नियम 3(1)(d) के तहत नए सुरक्षा उपाय प्रस्तुत करता है।
- वरिष्ठ स्तरीय प्राधिकारिता: केवल वरिष्ठ अधिकारी ही निष्कासन निर्देश जारी कर सकते हैं {कम से कम संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी (या समकक्ष/निदेशक यदि संयुक्त सचिव नियुक्त नहीं है)} और पुलिस के लिये, केवल विशेष रूप से अधिकृत पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) स्तर का अधिकारी ही निर्देश जारी कर सकता है।
- तर्कसंगत और विशिष्ट सूचना: निष्कासन आदेश में कानूनी आधार, उल्लंघन की प्रकृति और सामग्री के सटीक लिंक/पहचानकर्त्ता का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिये।
- यह अस्पष्ट नोटिस को हटाता है और IT अधिनियम की धारा 79(3)(b) के अनुसार है।
- मासिक समीक्षा: सभी निष्कासन निर्देशों की हर महीने सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा समीक्षा की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे आवश्यक, आनुपातिक और वैध बने रहें।
महत्त्व
- यह संशोधन नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों और राज्य की वैध नियामक शक्तियों के बीच संतुलन स्थापित करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रवर्तन कार्य पारदर्शी हों और मनमाने प्रतिबंध न लगें।
- वे विस्तृत और तर्कपूर्ण आदेशों के माध्यम से मध्यस्थों को स्पष्ट मार्गदर्शन भी प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें कानून का अनुपालन करने में सहायता प्राप्त होती है।
- ये सुधार आनुपातिक कार्रवाई को बढ़ावा देते हैं और प्राकृतिक न्याय को कायम रखते हैं, साथ ही IT अधिनियम, 2000 के तहत वैध प्रतिबंधों को सुदृढ़ करते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021
- परिचय: IT नियम, 2021 को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा वर्ष 2021 में अधिसूचित किया गया था और बाद में वर्ष 2022 तथा 2023 में इसमें संशोधन किये गए।
- ये नियम जनता और विभिन्न हितधारकों के साथ निरंतर संवाद से उत्पन्न हुए हैं, जिनका उद्देश्य डिजिटल शासन को सुदृढ़ बनाना है।
- मध्यस्थों पर दायित्व: इन नियमों के तहत मध्यस्थों पर यह दायित्व है कि वे किसी भी प्रतिबंधित सामग्री की मेज़बानी, साझा, अपलोड या प्रसारण न करें।
- इसमें भ्रामक जानकारी, स्पष्ट रूप से झूठी जानकारी, छद्म पहचान और डीपफेक्स शामिल हैं।
- उपयोगकर्त्ता शिकायत तंत्र: उपयोगकर्त्ता अवैध सामग्री की शिकायत संबंधित मंच के शिकायत अधिकारी को प्रस्तुत कर सकते हैं।
- शिकायत प्राप्त होने पर, मध्यस्थ को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 (IT Rules, 2021) में निर्धारित समयसीमा के भीतर त्वरित कार्रवाई करनी होती है।
- GAC उन उपयोगकर्त्ताओं (डिजिटल नागरिकों) की अपीलों की सुनवाई करती है, जो शिकायत अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होते हैं।
- परामर्श: MeitY समय-समय पर IT नियम, 2021 के तहत परामर्श जारी करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्लेटफॉर्म्स AI मॉडल, LLM, जनरेटिव AI उपकरण या संबंधित सॉफ्टवेयर का उपयोग करते समय नियमों का पालन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. IT नियम, 2021 के तहत निष्कासन निर्देश कौन जारी कर सकता है?
ऐसा अधिकारी जो संयुक्त सचिव के पद से नीचे न हो (या यदि संयुक्त सचिव नियुक्त न हो तो निदेशक स्तर का अधिकारी), निष्कासन निर्देश जारी कर सकता है। पुलिस विभाग में, यह अधिकार केवल विशेष रूप से अधिकृत पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) स्तर के अधिकारी को होता है।
2. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79(3)(b) क्या प्रावधान करती है?
यह प्रावधान कहता है कि यदि कोई मध्यस्थ ‘अवैध विषय-वस्तु’ के बारे में वास्तविक जानकारी प्राप्त होने के बाद भी कार्रवाई करने में विफल रहता है, तो उसकी सेफ हार्बर सुरक्षा समाप्त हो जाती है।
3. शिकायत अपीलीय समिति (GAC) की भूमिका क्या है?
GAC उन उपयोगकर्त्ताओं की अपीलों की सुनवाई करती है, जो IT नियम, 2021 के तहत मध्यस्थों के शिकायत अधिकारियों द्वारा दिये गए निर्णयों से असंतुष्ट होते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न
प्रश्न. भारत में निम्नलिखित में से किसके लिये साइबर सुरक्षा घटनाओं पर रिपोर्ट करना कानूनी रूप से अनिवार्य है? (2017)
- सेवा प्रदाता
- डेटा केंद्र
- निगमित निकाय
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: d