इंडियन डेज़र्ट कैट | 20 Dec 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के ‘पन्ना टाइगर रिज़र्व’ (PTR) में पहली बार एक ‘इंडियन डेज़र्ट कैट’ को देखा गया है।

  • ‘इंडियन डेज़र्ट कैट’ को एशियाटिक वाइल्ड कैट या एशियन स्टेपी वाइल्ड कैट के नाम से भी जाना जाता ह

Indian_Desert_Cat

प्रमुख बिंदु

  • वैज्ञानिक नाम: फेलिस सिल्वेस्ट्रिस ओरनाटा
  • परिचय:
    • यह आमतौर पर राजस्थान के थार रेगिस्तान का एक प्राणी है और झाड़ीदार रेगिस्तानी इलाकों में पाया जाता है।
    • यह बिल्ली पश्चिमी भारत के शुष्क और अर्द्ध-शुष्क क्षेत्रों में पाई जाती है जिसमें गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र (पुणे व नागपुर) शामिल हैं।
    • यह बिल्ली रेगिस्तान में पाई जाती है और पानी के बिना भी जीवित रह सकती है।
    • इन प्रजातियों के पैर की उंगलियों में कुशन जैसे बाल होते हैं जो इसे उतार-चढ़ाव वाले रेगिस्तानी तापमान को संतुलित करने में मदद करते हैं।
  • प्राकृतिक वास:
    • यह अधिकतर स्क्रब रेगिस्तान में 2,000-3,000 मीटर की ऊँचाई तक, पर्याप्त वनस्पति वाले पहाड़ी क्षेत्रों, साथ ही समशीतोष्ण जंगलों में पाई जाती है।
    • एशियाई जंगली बिल्ली आमतौर पर जल स्रोतों के करीब रहती है, लेकिन कम पानी वाले क्षेत्रों में भी रह सकती है। 
      • यह विशाल रेगिस्तानों, घने जंगलों और गहरी बर्फ में भी बच जाती है।
  • खतरा:
    • इसके सुंदर मुलायम फर होते हैं, इसलिये अंतर्राष्ट्रीय फर व्यापार में इसकी सबसे अधिक मांग है।
    • घरेलू बिल्लियों के साथ संकरण से आनुवंशिक गुणों का नुकसान हो सकता है और इसलिये इसे मुख्य खतरों में से एक माना जाता है। पाकिस्तान और मध्य एशिया से संकरण की सूचना मिली थी तथा यह भारत में भी एक बड़ी समस्या है।
    • एक अन्य महत्त्वपूर्ण खतरा मानव संघर्ष से संबंधित अवैध शिकार है।
    • आवास विनाश और आवास की गुणवत्ता में कमी महत्त्वपूर्ण मुद्दे बने हुए हैं। भूमि उपयोग में बदलाव के कारण एशियाई जंगली बिल्ली भारी दबाव में है।
    • कृंतक और अन्य रसायनों से भी इन्हें खतरा है।
  • सुरक्षा की स्थिति:

पन्ना टाइगर रिज़र्व

Panna_Tiger_Reserve

  • अवस्थिति:
    • मध्य प्रदेश के पन्ना और छतरपुर ज़िलों में लगभग 576 वर्ग किलोमीटर में फैले पन्ना टाइगर रिज़र्व (Panna Tiger Reserve) में बाघों की वर्तमान आबादी 55 तक पहुँच गई है।
    • पन्ना टाइगर रिज़र्व की स्थापना 1981 में हुई थी।
    • इस रिज़र्व को भारत के 22वें टाइगर रिज़र्व के रूप में शामिल किया गया था।
    • केन-बेतवा नदी को जोड़ने की परियोजना टाइगर रिज़र्व के भीतर स्थित होगी।
  • मान्यता:
    • जुलाई 2021 में PTR को बाघ संरक्षण और प्रबंधन के लिये स्थापित अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने हेतु राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा सुनिश्चित संरक्षण बाघ मानक (CAITS) प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया था।
    • संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने 25 अगस्त, 2011 को पन्ना टाइगर रिज़र्व को बायोस्फीयर रिज़र्व के रूप में नामित किया।
  • मध्य प्रदेश में अन्य टाइगर रिज़र्व:

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस