भारत का वायु प्रदूषण संकट | 01 Jul 2025

स्रोत: द हिंदू

एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि द्वितीयक प्रदूषक, विशेष रूप से अमोनियम सल्फेट (सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) + अमोनिया (NH₃) ), भारत के PM2.5 प्रदूषण में लगभग एक तिहाई योगदान देते हैं, जिससे वायु प्रदूषण नियंत्रण की तत्काल आवश्यकता को उजागर करता है।

वायु प्रदूषण के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • वायु प्रदूषण, रासायनिक, भौतिक या जैविक कारकों द्वारा वायु का संदूषण है जो इसकी प्राकृतिक संरचना को बदल देता है।  प्रमुख स्रोतों में दहन, वाहन, उद्योग और अग्नि शामिल हैं।
    • वायु प्रदूषक जैसे- PM, CO, O₃, NO₂ और SO₂ श्वसन संबंधी बीमारियों तथा उच्च मृत्यु दर का कारण बनते हैं।
  • प्रदूषकों के प्रकार: उत्सर्जित होने के बाद पर्यावरण में उनकी उपस्थिति के आधार पर उन्हें दो प्रकारों में विभाजित किया जाता है।
    • प्राथमिक प्रदूषक: वे उसी रूप में बने रहते हैं जिस रूप में वे पर्यावरण में छोड़े गए थे, जैसे- DDT, प्लास्टिक, कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂)  तथा नाइट्रोजन और सल्फर के ऑक्साइड
    • द्वितीयक प्रदूषक: ये प्राथमिक प्रदूषकों के बीच प्रतिक्रिया के माध्यम से उत्पन्न होते हैं। उदाहरण के लिये पेरोक्सीएसिटाइल नाइट्रेट (PAN) नाइट्रोजन ऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन की परस्पर क्रिया से बनता है। 

Air_Pollutants

  • कणिकीय प्रदूषक: कणिकीय प्रदूषक (जिन्हें पार्टिकुलेट मैटर या पीएम भी कहा जाता है) हवा में निलंबित छोटे ठोस या तरल कण होते हैं जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिये हानिकारक हो सकते हैं।
    • PM10: 10 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कण। जैसे- धूल, पराग कण, फफूँद आदि।
    • PM2.5: 2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले कण। उदाहरण के लिये वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन, औद्योगिक प्रक्रियाएँ, बिजली संयंत्र आदि।  

 वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु उठाए गए उपाय: 

फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (FGD) क्या है?

  • परिचय: फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन (FGD) एक प्रक्रिया है जिसमें जीवाश्म ईंधनों जैसे कोयला और तेल के दहन के दौरान निकलने वाली फ्लू गैस से सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) को हटाया जाता है।
    • यह प्रक्रिया मुख्य रूप से कोयला-आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में उपयोग की जाती है, जहाँ इसमें चूना पत्थर (CaCO₃), चूना (CaO) और अमोनिया (NH₃) जैसे अभिकारकों का प्रयोग किया जाता है।
  • उद्देश्य: कोयले में सल्फर पाया जाता है और उसके दहन पर SO₂ गैस उत्सर्जित होती है, जो अम्ल वर्षा का कारण बनती है। FGD प्रणाली निकास गैसों को साफ करती है, जिससे अम्ल वर्षा को रोका जा सकता है और फसलों, अवसंरचना, मृदा एवं जलीय पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा की जा सकती है।
  • प्रकार: FGD प्रणालियाँ मुख्यतः तीन प्रकार की होती हैं:
    • ड्राय सॉरबेंट इंजेक्शन (Dry Sorbent Injection): इसमें चूना पत्थर (लाइमस्टोन) का उपयोग करके SO₂ को धूल नियंत्रण प्रणालियों तक पहुँचने से पहले ही हटा दिया जाता है। यह प्रणाली अपनी सरलता और शुष्क प्रक्रिया के लिये जानी जाती है।
    • वेट लाइमस्टोन सिस्टम (Wet Limestone System): यह बड़े पैमाने पर उपयोग के लिये उपयुक्त होता है, उच्च SO₂ निष्कासन दक्षता प्रदान करता है और उपोत्पाद के रूप में उपयोगी जिप्सम का उत्पादन करता है।
    • सीवाटर आधारित प्रणाली (Seawater-Based System): इसमें क्षारीय समुद्री जल का उपयोग करके SO₂ उत्सर्जन को 70–95% तक घटाया जाता है। यह प्रणाली उन स्थानों के लिये उपयुक्त है जहाँ उत्सर्जन मानक शिथिल हैं और प्रारंभिक लागत कम है।

Flue_Gas_Desulphurisation

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रिलिम्स

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-से कारक/कारण बेंजीन प्रदूषण उत्पन्न करते हैं? (2020)

  1. स्वचालित वाहन द्वारा निष्कासित पदार्थ 
  2.   तंबाकू का धुआँ
  3.   लकड़ी जलना
  4.   रोगन किये गए लकड़ी के फर्नीचर का उपयोग
  5.   पॉलीयुरेथेन से बने उत्पादों का उपयोग करना

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3                
(b) केवल 2 और 4
(c) केवल 1, 3 और 4
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (a) 


प्रश्न. प्रदूषण की समस्याओं का समाधान करने के संदर्भ में जैवोपचारण (बायोरेमीडिएशन) तकनीक का/के कौन-सा/से लाभ है/हैं? (2017)

  1. यह प्रकृति में घटित होने वाली जैवनिम्नीकरण प्रक्रिया का ही संवर्द्धन कर प्रदूषण को स्वच्छ करने की तकनीक है।
  2.   कैडमियम और लेड जैसी भारी धातुओं से युक्त किसी भी संदूषक को सूक्ष्मजीवों के प्रयोग से जैवोपचारण द्वारा सहज ही पूरी तरह उपचारित किया जा सकता है।
  3.   जैवोपचारण के लिये विशेषतः अभिकल्पित सूक्ष्मजीवों को सृजित करने के लिये आनुवंशिक इंजीनियरीग (जेनेटिक इंजीनियरिंग) का उपयोग किया जा सकता है।

नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)