सावलकोट जलविद्युत परियोजना | 31 Jul 2025
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (National Hydroelectric Power Corporation- NHPC) ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty- IWT) के निलंबन के बाद 1,856 मेगावाट की सावलकोट जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिये निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- यह एक रन-ऑफ-रिवर परियोजना है, जो जम्मू और कश्मीर के रामबन ज़िले के सिधू गाँव में चिनाब नदी पर स्थित है।
- चिनाब (या चंद्रभागा नदी) सिंधु नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है, जो हिमाचल प्रदेश के तांडी नामक स्थान पर चंद्रा तथा भागा नदियों के संगम से बनती है।
- इसका विकास दो चरणों में किया जाएगा, जिस पर अनुमानित निवेश 22,704.8 करोड़ रुपये होगा, जिससे जम्मू-कश्मीर और सम्पूर्ण भारत को लाभ होगा।
- वन सलाहकार समिति (FAC) ने निर्माण के लिये 847 हेक्टेयर वन भूमि को हस्तांतरित करने को सैद्धांतिक मंज़ूरी दे दी है।
- यह परियोजना, जिसे 40 से अधिक वर्ष पूर्व परिकल्पित किया गया था और जिसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना माना जाता है, का उद्देश्य सिंधु जल संधि के निलंबन की स्थिति में भारत द्वारा सिंधु नदी के जल का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है।
- वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच नदी प्रणालियों को विभाजित करती है।
- भारत को तीन पूर्वी नदियों - ब्यास, रावी और सतलुज - तक अप्रतिबंधित पहुँच प्राप्त है, जबकि पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियों - चिनाब, सिंधु और झेलम - तक पहुँच प्राप्त है।
- वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच नदी प्रणालियों को विभाजित करती है।
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