पारिस्थितिक संकेतक के रूप में जुगनू (फायरफ्लाइ) | 04 Sep 2025
तमिलनाडु वन विभाग के एक अध्ययन में अनामलाई टाइगर रिज़र्व (ATR) में जुगनुओं की आठ प्रजातियों और उनकी जनसंख्या गतिशीलता की पहचान की गई है, जिसमें उन्हें पारिस्थितिक संकेतकों के रूप में उनकी भूमिका पर विशेष ज़ोर दिया गया है।
जुगनू (लैम्पिरिडे):
- वर्गीकरण और आवास: बायोल्यूमिनसेंट बीटल, जिन्हें जुगनू या फायरफ्लाइज़ के रूप में भी जाना जाता है, पर्यावरण संतुलन के लिये महत्त्वपूर्ण हैं।
- उष्णकटिबंधीय जंगलों और शीतोष्ण घास के मैदानों सहित विविध आवासों में पाए जाने वाले ये पक्षी लैम्पाइरिडे परिवार से संबंधित हैं।
- वे अप्रभावित मिट्टी, उच्च आर्द्रता, स्वच्छ जल और कम कृत्रिम प्रकाश में पनपते हैं।
- आकृति-विज्ञान: जुगनू मौसमी होते हैं, वर्षा के दौरान या उसके बाद सक्रिय रहते हैं। अन्य समय में वे मिट्टी में लार्वा के रूप में रहते हैं और लगभग 2 महीने तक जीवित रहते हैं।
- पारिस्थितिक महत्त्व:
- जुगनू प्रकाश उत्पन्न करने वाले बीटल/भृंग हैं, जो पेट के अंगों में एक जैव-रासायनिक प्रतिक्रिया के माध्यम से ठंडी और दक्ष रोशनी उत्पन्न करते हैं। यह प्रक्रिया लूसिफेरिन (luciferin), लूसिफरेज़ (luciferase), ऑक्सीजन और एटीपी (ATP - एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के सम्मिलन से होती है। इनकी रोशनी का रंग हरा से पीला होता है।
- यह जैवदीप्ति (Bioluminescence) प्रजनन संकेत (Mating Signal) और शिकारियों को दूर रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- जुगनुओं का बड़े पैमाने पर एक साथ चमकना प्रदूषण मुक्त क्षेत्रों का जैव सूचक है, तथा जनसंख्या में परिवर्तन पर्यावरणीय व्यवधानों का संकेत देता है।
- जुगनुओं का बड़े पैमाने पर एक साथ चमकना प्रदूषण-मुक्त क्षेत्रों का जैव-संकेतक होता है। उनकी जनसंख्या में होने वाले बदलाव पर्यावरणीय व्यवधानों को दर्शाते हैं।
- जिससे अन्य प्रजातियों जैसे कीट (moths), चमगादड़ (bats) और उभयचर (amphibians) प्रभावित हो सकते हैं।
- जुगनू प्रकाश उत्पन्न करने वाले बीटल/भृंग हैं, जो पेट के अंगों में एक जैव-रासायनिक प्रतिक्रिया के माध्यम से ठंडी और दक्ष रोशनी उत्पन्न करते हैं। यह प्रक्रिया लूसिफेरिन (luciferin), लूसिफरेज़ (luciferase), ऑक्सीजन और एटीपी (ATP - एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट) के सम्मिलन से होती है। इनकी रोशनी का रंग हरा से पीला होता है।
खतरा: शहरीकरण, वनों की कटाई, कीटनाशकों का उपयोग और प्रकाश प्रदूषण जैसे खतरे उनकी घटती हुई जनसंख्या से जुड़े हुए हैं।
अन्नामलाई टाइगर रिज़र्व (ATR)
- वर्ष 2007 में टाइगर रिज़र्व घोषित किये गए इस क्षेत्र के चारों ओर परम्बिकुलम टाइगर रिज़र्व (PTR), चिनार वन्यजीव अभयारण्य और एराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान स्थित हैं।
- एटीआर (ATR) के करियान शोला, ग्रास हिल्स और मंजारपाट्टी को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
- यहाँ सदाबहार, पर्णपाती और शोला वन, पर्वतीय तथा दलदली घासभूमि पाई जाती हैं।
- मुख्य जीवों में बाघ, एशियाई हाथी, सांभर, तेंदुआ और अन्य प्रजातियाँ शामिल हैं।
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