वित्तीय स्थिति सूचकांक | 28 Jul 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने नीति निर्माताओं और विश्लेषकों की सहायता के लिये भारत के वित्तीय बाज़ार की स्थिति का वास्तविक समय में आकलन करने हेतु प्रतिदिन अद्यतन होने वाला वित्तीय स्थिति सूचकांक (Financial Conditions Index - FCI) प्रस्तावित किया है।

  • उद्देश्य: यह FCI एक समग्र सूचकांक के रूप में कार्य करेगा, जो वर्ष 2012 से अब तक के ऐतिहासिक औसत के सापेक्ष सख्त या सहज वित्तीय परिस्थितियों को मापेगा।
  • घटक: FCI मुद्रा बाज़ार, सरकारी प्रतिभूतियाँ (G-Secs), कॉर्पोरेट बॉण्ड, इक्विटी और विदेशी मुद्रा बाज़ार सहित 20 वित्तीय संकेतकों पर निगरानी रखेगा।
    • FCI के मानकीकृत सकारात्मक मान अधिक सख्त वित्तीय परिस्थितियों का संकेत देते हैं, जबकि नकारात्मक मान सहज या आसान वित्तीय परिस्थितियों को दर्शाते हैं।
  • रुझान: RBI की नमूना अवधि के दौरान सबसे सख्त वित्तीय परिस्थितियाँ जुलाई 2013 में दर्ज की गईं (जब "टेपर टैंट्रम" की स्थिति उत्पन्न हुई थी, उस समय FCI का मान 2.826 था), जो बॉण्ड और विदेशी मुद्रा बाज़ार के तनाव के कारण थी। वहीं, सबसे सहज वित्तीय परिस्थितियाँ जून 2021 में देखने को मिलीं (कोविड के बाद), जब RBI की तरलता उपायों के चलते FCI का मान -2.197 था।
    • टेपर टैंट्रम उस स्थिति को कहा जाता है जब ब्याज दरों में अचानक तेज़ वृद्धि हो जाती है, जो इस आशंका के कारण होती है कि केंद्रीय बैंक अपने बॉण्ड खरीद कार्यक्रम (मात्रात्मक आसान नीति या क्वांटिटेटिव ईज़िंग) को धीरे-धीरे समाप्त करना शुरू कर सकता है। 
  • महत्त्व: यह पहल भारत की स्वदेशी समष्टि-वित्तीय अनुसंधान और वास्तविक समय में नीति-निर्धारण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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