ड्राय आइस | 06 Mar 2024

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

हाल ही में गुरुग्राम के एक रेस्तराँ में ड्राय आइस/शुष्क हिम को माउथ फ्रेशनर समझ कर उसका सेवन करने से एक गंभीर घटना हुई जिससे इस पदार्थ की घातक प्रकृति का पता चला।

  • ड्राय आइस कार्बन डाइऑक्साइड के ठोस रूप को संदर्भित करता है इसका उपयोग साधारणतः शीतलन एजेंट के रूप में आइसक्रीम, डेसर्ट आदि जैसे खाद्य उत्पादों के लिये किया जाता है किंतु इसका उपयोग उचित तरीके से न करने की दशा में यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर सकता है।
    • यह कार्बन डाइऑक्साइड गैस में परिवर्तित हो जाता है जो बड़ी मात्रा में श्वसन के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर साँस फूलना (हाइपरकेपनिया) और अन्य गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न कर सकता है।
  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण, संयुक्त राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन तथा रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) जैसे निकायों के अनुसार, ड्राय आइस को कभी भी छूना अथवा उसका सेवन नहीं करना चाहिये क्योंकि यह त्वचा एवं शरीर के आंतरिक अंगों दोनों को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है। 
  • ड्राय आइस की ठोस अवस्था से वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने की क्षमता, जिसे ऊर्ध्वपातन (Sublimation) कहते हैं, इसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिये बहुमुखी बनाती है:
    • परिवहन के दौरान भोजन और चिकित्सा आपूर्ति जैसी शीघ्र खराब होने वाली वस्तुओं को संरक्षित करने तथा अति-निम्न तापमान बनाए रखने के लिये यह महत्त्वपूर्ण है।
    • इसका उपयोग ड्राय आइस ब्लास्टिंग जैसी औद्योगिक क्षेत्र में सफाई प्रक्रियाओं में भी किया जाता है।

और पढ़ें…भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण