अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप | 02 Sep 2025

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस 

अफगानिस्तान 6.0 तीव्रता के भूकंप से प्रभावित हुआ, जिसमें 800 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि देश भूकंपीय खतरों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। 

भूकंपीय खतरों के प्रति अफगानिस्तान की संवेदनशीलता 

  • अफगानिस्तान उन देशों में से एक है जो भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील हैं, क्योंकि यह भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराव क्षेत्र में स्थित है। 
    • अफगानिस्तान में आने वाले कई भूकंप उथले केंद्र वाले भूकंप होते हैं, जिससे ऊर्जा सीधे सतह पर मुक्त होती है, जिससे गंभीर नुकसान होता है। 
  • प्रमुख भूकंप क्षेत्र: 
    • हिंदू कुश (उत्तरी अफगानिस्तान): भारतीय प्लेट के लिथोस्फियर के डूबने के कारण यह क्षेत्र सतही और गहरे दोनों प्रकार के भूकंपों के लिये जाना जाता है। 
      • हिंदू कुश क्षेत्र (जो अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, चीन, भारत, नेपाल, म्याँमार और पाकिस्तान में फैला है) अल्पाइड बेल्ट का हिस्सा है, जो सर्कम-पैसिफिक बेल्ट के बाद विश्व का दूसरा सबसे भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र है। 
      • 1900 के बाद से, हिंदू कुश क्षेत्र में 7 तीव्रता से अधिक के 12 भूकंप आए हैं, जो इसकी उच्च भूकंपीय सक्रियता को दर्शाते हैं। 
    • सुलेमान रेंज (दक्षिण-पूर्वी अफगानिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान): विनाशकारी उथले, प्रक्षेपित भ्रंश भूकंपों से युक्त। 
  • सक्रिय भ्रंश तंत्र: चमन भ्रंश और मेन पामीर थ्रस्ट (या पामीर फ्रंटल थ्रस्ट) जैसे भ्रंश अफगानिस्तान में भूकंपीय गतिविधियों के प्रमुख स्रोत हैं। 

अफगानिस्तान: 

  • यह दक्षिण-मध्य एशिया में स्थित एक स्थलरुद्ध (Landlocked), बहु-जातीय देश है। इसकी राजधानी काबुल है और इसकी सीमाएँ पाकिस्तान, भारत, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान, ताज़िकिस्तान और चीन से लगती हैं। 
  • इसका भू-आकृतिक स्वरूप मुख्यतः हिंदूकुश पर्वत से प्रभावित है, जिसमें खैबर दर्रा और शेबर दर्रा जैसे महत्त्वपूर्ण मार्ग शामिल हैं। 

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