रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा सशस्त्र बलों हेतु बहु-क्षेत्रीय क्षमता उन्नयन की मंज़ूरी | 07 Aug 2025

स्रोत: IE

रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 67,000 करोड़ रुपए के पूंजी अधिग्रहण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है, जिससे सेना, नौसेना और वायु सेना की युद्ध तत्परता में वृद्धि होगी।

  • त्रि-सेवा क्षमता वृद्धि
    • तीनों सेनाओं के लिये मध्यम ऊंचाई वाले लंबी क्षमता वाले (MALE) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) की खरीद के लिये भी AoN को मंजूरी दी गई। यह लंबी क्षमता वाले मिशनों के लिये लंबी दूरी तक कार्य कर सकते हैं। ये सशस्त्र बलों की 24x7 निगरानी और युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करेंगे।\
  • भारतीय वायु सेना (IAF) उन्नयन
    • अमेरिकी मूल के विमानों के लिये रखरखाव सहायता (12 C-130J सुपर हरक्यूलिस और 11 C-17 ग्लोबमास्टर III बेड़े)
    • S-400 मिसाइल प्रणाली (रूस) को वार्षिक रखरखाव अनुबंध (AMC) के लिये भी मंजूरी दी गई है।
    • स्पाइडर/सक्षम प्रणाली (भारत-इज़रायल सहयोग) एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली (IACCS) के लिये उन्नयन
    • यह पर्वतीय क्षेत्रों में हवाई निगरानी और मिसाइल रक्षा को भी बढ़ाता है
  • भारतीय नौसेना अधिग्रहण
    • पनडुब्बी रोधी युद्ध के लिये कॉम्पैक्ट ऑटोनॉमस सरफेस क्राफ्ट(ASW)
      • इससे भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध अभियानों में खतरों का पता लगाने, उनका वर्गीकरण करने और उन्हें निष्क्रिय करने की क्षमता प्राप्त होगी।
  • ब्रह्मोस (भारत और रूस के बीच संयुक्त सहयोग) फायर कंट्रोल सिस्टम और लॉन्चरों की खरीद तथा  और बराक-1 पॉइंट डिफेंस मिसाइल सिस्टम के उन्नयन (जो जहाज़ पर आधारित वायु रक्षा को बढ़ाता है) हेतु AoN प्रदान किया गया। 

रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) 

  • इसकी अध्यक्षता केंद्रीय रक्षा मंत्री द्वारा की जाती है, जो पूंजीगत अधिग्रहणों को 'सैद्धांतिक' मंज़ूरी, प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी  तथा अधिग्रहण प्रस्तावों के लिये आवश्यकता की स्वीकृति (Acceptance of Necessity) प्रदान करते हैं।
  • इसका गठन वर्ष 2001 में कारगिल युद्ध के बाद 'राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार' पर मंत्रियों के समूह द्वारा की गई सिफारिशों के बाद किया गया था।

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