दीनदयाल पत्तन (पोर्ट) पर कंटेनर टर्मिनल परियोजना | 29 Aug 2023
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में दीनदयाल पत्तन प्राधिकरण (Deendayal Port Authority) और दुबई स्थित बहुराष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स कंपनी डीपी (DP) वर्ल्ड ने गुजरात के ट्यूना टेकरा में मेगा कंटेनर टर्मिनल प्रोजेक्ट के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये। यह पहल भारत के पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) द्वारा शुरू की गई थी।
- पत्तन क्षमता बढ़ाने, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स और वैश्विक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण कदम का प्रतीक है।
कंटेनर टर्मिनल की मुख्य विशेषताएँ:
- टर्मिनल तैयार हो जाने पर इसकी वार्षिक मालवहन क्षमता 21.90 लाख TEUs, बीस फुट लंबाई वाले कंटेनर (Twenty-foot Equivalent Units) जितनी हो जाएगी और नई पीढ़ी के 18,000 TEUs से अधिक कंटेनर ढुलाई करने वाले जलपोत भी माल का लदान-उतरान कर सकेंगे।
- मेगा कंटेनर टर्मिनल परियोजना पूरी तरह से ग्रीन पत्तन दिशा-निर्देशों के अनुरूप है।
- यह टर्मिनल उत्तरी, पश्चिमी और मध्य भारत को वैश्विक बाज़ार से जोड़ेगा।
- यह परियोजना वर्ष 2047 तक पत्तन संचालन क्षमता को चौगुना करने की भारत की परिकल्पना के अनुरूप है।
- यह टर्मिनल PM गति शक्ति के पूरक राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का हिस्सा होगा।
- कंटेनर टर्मिनल के निर्माण से कच्छ के आर्थिक परिदृश्य में बदलाव आने की उम्मीद है जिसमें वेयरहाउसिंग आदि जैसी कई सहायक सेवाओं का निर्माण होगा और इसके परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे।
दीनदयाल पत्तन की मुख्य बातें:
- दीनदयाल पत्तन जिसे कांडला पत्तन के नाम से भी जाना जाता है भारत के बारह प्रमुख पत्तनों में से एक है और भारत के पश्चिमी तट पर गुजरात राज्य में कच्छ की खाड़ी में स्थित है।
- दीनदयाल पत्तन मुख्य रूप से उत्तरी भारत के लिये उपयोगी है जिसमें स्थल सीमित/भूमि से घिरे जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य शामिल हैं।
- दीनदयाल पत्तन की शुरुआत वर्ष 1931 में महाराव खेंगारजी द्वारा RCC पोतघाट के निर्माण के साथ शुरू हुई। 1947 में भारत की आज़ादी के बाद दीनदयाल पत्तन वर्ष 2007-08 में भारत का सर्वश्रेष्ठ पत्तन बनकर उभरा और तब से अब तक निरंतर यानी 14वें वर्ष भी इसने अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है।
- वर्ष 2016 में दीनदयाल पत्तन ने एक वर्ष में 100 MMT कार्गो प्रबंधित कर इतिहास रचा, साथ ही यह मील का पत्थर हासिल करने वाला पहला प्रमुख पत्तन बना।
- माल ढुलाई की मात्रा के हिसाब से यह भारत का सबसे बड़ा पत्तन है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2023)
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं? (a) केवल एक युग्म व्याख्या: (b)
प्रश्न. भारत में पत्तनों को प्रमुख और गैर-प्रमुख पत्तनों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। निम्नलिखित में से कौन-सा एक गैर प्रमुख पत्तन है? (2009) (a) कोच्चि (कोचीन) उत्तर: (b) |
