क्रिटिकल मिनिरल्स पर चीन का निर्यात प्रतिबंध | 14 May 2025

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

भारत अर्द्धचालकों के लिये आवश्यक एक क्रिटिकल मिनिरल जर्मेनियम के निर्यात प्रतिबंधों को लेकर चीन से वार्ता कर रहा है।

  • चीन, जो विश्व के आधे से अधिक जर्मेनियम का उत्पादन करता है, ने इस क्रिटिकल मिनिरल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे भारत में उन उद्योगों पर प्रभाव पड़ा है जो आयात पर निर्भर हैं।
  • ये निर्यात प्रतिबंध चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा, अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्कों का प्रतिकार करने, और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं पर अपना नियंत्रण मज़बूत करने की रणनीति का हिस्सा हैं।

जर्मेनियम:

  • परिचय: यह एक चमकदार, कठोर, रजत-सफेद अर्द्ध-धातु है जिसकी क्रिस्टलीय संरचना हीरे के समान होती है।
  • उपयोग: इसका व्यापक रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑप्टिक्स में उपयोग होता है, विशेष रूप से फाइबर-ऑप्टिक केबलों, इन्फ्रारेड इमेजिंग उपकरणों और फाइबर-ऑप्टिक प्रीफॉर्म्स में, जो इंटरनेट अवसंरचना के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं।
    • यह सौर कोशिकाओं (solar cells) में भी उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें ऊष्मा प्रतिरोधकता (heat resistance) और उच्च ऊर्जा रूपांतरण दक्षता (higher energy conversion efficiency) होती है।
  • वैश्विक उत्पादन: चीन विश्व का सबसे बड़ा जर्मेनियम उत्पादक और निर्यातक है, जो वैश्विक जर्मेनियम उत्पादन का 60% हिस्सा प्रदान करता है।

Germanium

क्रिटिकल मिनिरल क्या हैं?

  • परिचय: ताँबा, लिथियम, निकेल, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी तत्त्व जैसे क्रिटिकल मिनिरल आज की तेज़ी से बढ़ती ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के आवश्यक घटक हैं, जिनमें विंड टर्बाइन और विद्युत नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन तक शामिल हैं।
    • भारत ने 30 क्रिटिकल मिनरल्स की पहचान की है, जिनमें एंटीमनी, बेरिलियम, बिस्मथ, कोबाल्ट और जर्मेनियम शामिल हैं ।
    • चीन दुर्लभ मृदा सहित कई क्रिटिकल मिनरल्स के वैश्विक प्रसंस्करण में योगदान देता है तथा प्रसंस्करण क्षमता का अनुमानतः 80-90% हिस्सा चीन के नियंत्रण में है।

Dominance_of_China_in_Critical_Minerals

  • भारत के लिये महत्त्व: वे नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिये महत्त्वपूर्ण हैं, जिनकी विश्व भर के देशों की “नेट ज़ीरो” प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये आवश्यकता होगी।
    • क्रिटिकल मिनिरल EV, सौर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स बनाने के लिये आवश्यक हैं
      • भारत का EV बाज़ार वर्ष 2030 तक 49% CAGR की दर से बढ़कर 1 करोड़ वार्षिक बिक्री तक पहुँच जाएगा, जिससे क्रिटिकल मिनरल्स और उन्नत रसायन सेल (ACC) बैटरियों की मांग तेज़ी से बढ़ेगी।
    • क्रिटिकल मिनिरल AI, रोबोटिक्स और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देते हैं, जो तकनीकी आत्मनिर्भरता के लिये भारत के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं।
    • आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में चेतावनी दी गई है कि वे कच्चे तेल की तरह भू-राजनीतिक विवाद का विषय बन सकते हैं।
  • भारत की निर्भरता: भारत क्रिटिकल मिनरल्स के लिये आयात पर बहुत अधिक निर्भर है, विशेष रूप से चीन से। 

क्रम संख्या

क्रिटिकल मिनरल्स

प्रतिशत (2020)

प्रमुख आयात स्रोत (2020)

1

लिथियम

100%

चिली, रूस, चीन, आयरलैंड, बेल्जियम

2

कोबाल्ट

100%

चीन, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, अमेरिका, जापान

3

निकेल

100%

स्वीडन, चीन, इंडोनेशिया, जापान, फिलीपींस

4

वैनाडियम

100%

कुवैत, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, चीन, अमेरिका

5

नियोबियम

100%

ब्राज़ील, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया

6

जर्मेनियम

100%

चीन, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, फ्राँस, अमेरिका

7

रूबिडियम

100%

रूस, यूके, नीदरलैंड्स, दक्षिण अफ्रीका, चीन

8

बेरिलियम

100%

रूस, यूके, नीदरलैंड्स, दक्षिण अफ्रीका, चीन

9

टैंटलम

100%

ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, अमेरिका

10

स्ट्रॉन्शियम

100%

चीन, अमेरिका, रूस, एस्टोनिया, स्लोवेनिया

11

ज़िरकोनियम 

100%

ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, मलेशिया, अमेरिका

12

ग्रेफाइट (प्राकृतिक)

60%

चीन, मेडागास्कर, मोज़ाम्बिक, वियतनाम, तंज़ानिया

13

मैंगनीज़

50%

दक्षिण अफ्रीका, गैबॉन, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, चीन

14

क्रोमियम

2.5%

दक्षिण अफ्रीका, मोज़ाम्बिक, ओमान, स्विट्ज़रलैंड, तुर्किये

15

सिलिकॉन

<1%

चीन, मलेशिया, नॉर्वे, भूटान, नीदरलैंड्स

भारत में क्रिटिकल मिनरल्स के प्रमुख अनुप्रयोग और उपलब्धता क्या हैं?

क्र. सं.

क्रिटिकल मिनिरल

प्रमुख अनुप्रयोग

भारत में उपलब्धता

1

कैडमियम

विद्युत उपकरण, रासायनिक उत्पाद, सौर सेल, इलेक्ट्रोप्लेटिंग एवं सिल्वर सोल्डरिंग का निर्माण

कैडमियम जस्ता प्रगलन और शोधन के दौरान एक उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है ।

2

कोबाल्ट

इलेक्ट्रिक वाहन (EV), बैटरी, संक्षारण प्रतिरोधी मिश्र धातु, एयरोस्पेस अनुप्रयोग, रंग और रंजक, कार्बनिक एवं अकार्बनिक रासायनिक यौगिक।

उपलब्ध नहीं है। वर्तमान आवश्यकताएँ आयात के माध्यम से पूरी की जाती हैं।

3

ताँबा

इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, इलेक्ट्रिकल वायरिंग, सौर पैनल, ऑटोमोटिव उद्योग।

वर्तमान तांबा सांद्र उत्पादन, तांबा प्रगलन संयंत्रों और रिफाइनरियों की मांग का केवल 4% ही पूरा करता है, जिसके लिये भारी मात्रा में आयात की आवश्यकता होती है।

4

गैलियम

अर्धचालक, एकीकृत सर्किट , एल.ई.डी., विशेष थर्मामीटर, बैरोमीटर सेंसर।

एल्युमिना के उत्पादन के दौरान गैलियम को एक उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त किया जाता है ।

दो संयंत्रों, अर्थात् उत्तर प्रदेश के रेणुकूट स्थित हिंडाल्को और ओडिशा के नाल्को दामनजोड़ी एल्यूमिना रिफाइनरी, ने अतीत में गैलियम की खोज की थी।

5

जर्मेनियम

ऑप्टिकल फाइबर, सैटेलाइट, सोलर सेल, इन्फ्रारेड नाइट विज़न सिस्टम

उपलब्ध नहीं है। 

वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति आयात से की जाती है।

6

ग्रेफाइट

बैटरी, स्नेहक, EV के लिये ईंधन सेल, इलेक्ट्रिक वाहन  

9 मिलियन टन का भंडार मौजूद है।

7

लिथियम

इलेक्ट्रिक वाहन, रिचार्जेबल बैटरी, काँच के बने पदार्थ, सिरेमिक, ईंधन विनिर्माण, स्नेहक।

जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले के सलाल-हेमाना क्षेत्र में 5.9 मिलियन टन के अनुमानित संसाधन पाए गए हैं।

8

निकल

स्टेनलेस स्टील, सोलर पैनल, बैटरी, एयरोस्पेस, रक्षा अनुप्रयोग, इलेक्ट्रिक वाहन।

वेदांता का गोवा में निकोमेट नाम से निकल और कोबाल्ट संयंत्र है।

9

रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE)

स्थायी चुंबक, उत्प्रेरक, पॉलिशिंग, बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा तकनीक, पवन ऊर्जा, विमानन और अंतरिक्ष

भारत में समुद्र तट की रेत से प्राप्त मोनाजाइट का अनुमानित संसाधन 11.93 मिलियन टन है, जिसमें 55%–65% रेयर अर्थ ऑक्साइड्स होते हैं।

10

सिलिकॉन

अर्धचालक, इलेक्ट्रॉनिक्स और परिवहन उपकरण, पेंट, एल्युमिनियम मिश्रधातु

भारत ने वर्ष 2022 के अनुसार 59,000 मीट्रिक टन सिलिकॉन का उत्पादन किया और उत्पादन में 12वें स्थान पर है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. हाल में तत्त्वों के एक वर्ग, जिसे ‘दुर्लभ मृदा धातु’ कहते हैं, की कम आपूर्ति पर चिंता जताई गई। क्यों? (2012)

  1. चीन, जो इन तत्त्वों का सबसे बड़ा उत्पादक है, द्वारा इनके निर्यात पर कुछ प्रतिबंध लगा दिया गया है। 
  2.  चीन, ऑस्ट्रेलिया कनाडा और चिली को छोड़कर अन्य किसी भी देश में ये तत्त्व नहीं पाए जाते हैं। 
  3.  दुर्लभ मृदा धातु विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रॅानिक सामानों के निर्माण में आवश्यक है, इन तत्त्वों की माँग बढती जा रही है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)