प्राकृतिक आपदाओं के लिये कटैस्ट्रफी बॉण्ड | 15 Jul 2025

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

भारत में आपदा बीमा कवरेज की सीमित उपलब्धता प्राकृतिक आपदाओं के समय वित्तीय असुरक्षा को बढ़ा देती है। जलवायु-प्रेरित आपदाओं में वृद्धि को देखते हुए, कटैस्ट्रफी बॉण्ड (कैट बॉण्ड) आपदा जोखिम वित्तपोषण और अनुकूलन बढ़ाने के लिये एक रणनीतिक विकल्प प्रस्तुत करते हैं।

बॉण्ड

  • बॉण्ड ऋण उपकरण होते हैं, जिनके माध्यम से कोई निवेशक सरकार, कंपनी या अन्य संस्था को एक निश्चित अवधि के लिये निधि उधार देता है।
  • इसके बदले में, निवेशक को नियमित रूप से ब्याज भुगतान (जिसे कूपन कहा जाता है) प्राप्त होता है और बॉण्ड की परिपक्वता पर उसे मूलधन लौटा दिया जाता है।

कटैस्ट्रफी बॉण्ड क्या हैं?

  • परिचय: कटैस्ट्रफी बॉण्ड/आपदा बॉण्ड (Catastrophe Bonds) बीमा से जुड़े ऐसे प्रतिभूतिकृत उपकरण (Insurance-linked securities) हैं जो प्राकृतिक आपदाओं (जैसे भूकंप, चक्रवात या बाढ़) से उत्पन्न वित्तीय जोखिम को सरकारों या बीमा कंपनियों से हटाकर निजी निवेशकों पर स्थानांतरित करते हैं और यह प्रक्रिया वैश्विक वित्तीय बाज़ारों के माध्यम से होती है।
    • ये संकर (हाइब्रिड) वित्तीय साधन होते हैं, जो बीमा और बॉण्ड दोनों की विशेषताओं को जोड़ते हैं तथा आपदा के बाद त्वरित राहत कोष जुटाने में सहायता करते हैं।
    • निवेशकों को उच्च प्रतिफल मिलता है क्योंकि वे उच्च जोखिम उठाते हैं, लेकिन यदि कोई बड़ी आपदा घटित हो जाती है, तो उन्हें अपना निवेश खोना पड़ सकता है
    • इन बॉण्ड को सामान्यतः पेंशन फंड और हेज फंड जैसे संस्थागत निवेशक खरीदते हैं, क्योंकि ये जटिल होते हैं तथा इनमें निवेश की न्यूनतम सीमा अधिक होती है।
    • हाल के वर्षों में, विशेषकर वर्ष 2023 में कैट बॉण्ड के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली हेज फंड रणनीति बनने के बाद, ये रिटेल निवेशकों को भी आकर्षित करने लगे हैं।

Catastrophe _Bonds

  • कार्य प्रणाली: 

Catastrophe Bonds Mechanism

  • प्रमुख विशेषताऐं:
    • उच्च प्रतिफल: निवेशकों को नियमित सरकारी या कॉर्पोरेट बॉण्ड की तुलना में अधिक प्रतिफल मिलता है, क्योंकि वे मूलधन खोने के जोखिम को वहन करते हैं।
    • विविधता: कैट बॉण्ड का जोखिम वित्तीय बाज़ार की गतिविधियों से संबंधित नहीं होता, जिससे पोर्टफोलियो में विविधता आती है।
    • त्वरित पूंजी जुटाना: आपदा के बाद त्वरित भुगतान की सुविधा देता है, जिससे देरी से मिलने वाली सहायता या बजट पुनःआवंटन पर निर्भरता घटती है। 
    • बहु-वर्षीय कवरेज: सरकारों को कई वर्षों तक आपदा सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
    • राजकोषीय बफर: आपदा के बाद केंद्र और राज्य सरकारों की वित्तीय व्यवस्था पर दबाव को कम करता है।
    • निवेशक सतर्कता: बेहतर आपदा तैयारी और जोखिम न्यूनीकरण प्रौद्योगिकियों में निवेश को प्रोत्साहित करता है।
  • वैश्विक प्रवृत्तियाँ: 1990 के दशक के अंत में शुरुआत के बाद से अब तक वैश्विक स्तर पर 180 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक के कैट बॉण्ड जारी किये जा चुके हैं, जिनमें से लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर वर्तमान में सक्रिय हैं।

भारत के लिये कटैस्ट्रफी बॉण्ड का महत्त्व क्या है?

  • भारत, जो चक्रवातों, बाढ़ों और भूकंपों जैसी जलवायु-संबंधी आपदाओं के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है, आपदा जोखिम वित्तपोषण में बढ़ती चुनौतियों का सामना कर रहा है, क्योंकि बीमाकर्त्ता प्रीमियम बढ़ा रहे हैं या बाज़ार से बाहर हो रहे हैं।
  • वित्त वर्ष 2021-22 से सरकार आपदा न्यूनीकरण के लिये प्रतिवर्ष 1.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर आवंटित कर रही है, जिससे भारत विश्व बैंक या एशियाई विकास बैंक (ADB) जैसे मध्यस्थों के साथ साझेदारी में कैट बॉण्ड की संभावना तलाशने के लिये अच्छी स्थिति में है।
  • भारत नेपाल, भूटान और भारत में भूकंप या भारत, बांग्लादेश तथा श्रीलंका को प्रभावित करने वाले चक्रवातों जैसे सीमा पार आपदा जोखिमों को शामिल करने के लिये दक्षिण एशियाई कैट बॉण्ड पहल का नेतृत्व कर सकता है।  
    • क्षेत्रीय दृष्टिकोण से जोखिम का प्रसार होगा, प्रीमियम लागत में कमी आएगी तथा भागीदार देशों में प्राकृतिक आपदाओं के प्रति वित्तीय अनुकूलता बढ़ेगी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से गैर-वित्तीय ऋण में सम्मिलित है? (2020)

  1. परिवारों का बकाया गृह ऋण
  2.  क्रेडिट कार्डों पर बकाया राशि 
  3.  राजकोष बिल

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. भारतीय रिज़र्व बैंक भारत सरकार की प्रतिभूतियों का प्रबंधन और सेवाएँ प्रदान करता है, लेकिन किसी राज्य सरकार की प्रतिभूतियों का नहीं। 
  2.  भारत सरकार कोष-पत्र (ट्रेज़री बिल) जारी करती है और राज्य सरकारें कोई कोष-पत्र जारी नहीं करतीं। 
  3.  कोष-पत्र ऑफर अपने समतुल्य मूल्य से बट्टे पर जारी किये जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, 'खुला बाज़ार प्रचालन' किसे निर्दिष्ट करता है? (2013) 

(a)  अनुसूचित बैंकों द्वारा RBI से ऋण लेना
(b) वाणिज्यिक बैंकों द्वारा उद्योग और व्यापार क्षेत्रों को ऋण देना
(c) RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय और विक्रय
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर: (c)