कुमारस्वामी कामराज की जयंती | 18 Jul 2025
स्रोत: इकनॉमिक टाइम्स
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के. कामराज को उनकी जयंती (15 जुलाई 2025) पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
के. कामराज (1903-1975)
- स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका:
- उनका जन्म वर्ष 1903 में तमिलनाडु में हुआ था और जलियाँवाला बाग हत्याकांड ने उन्हें स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल होने के लिये प्रेरित किया।
- अप्रैल 1930 में कामराज ने नमक सत्याग्रह आंदोलन में भाग लिया और वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भागीदारी के कारण उन्हें जेल भेजा गया।
- उन्हें वर्ष 1946 में भारत की संविधान सभा के सदस्य के रूप में चुना गया और बाद में वर्ष 1952 में संसद के लिये निर्वाचित हुए।
- राष्ट्र निर्माण में योगदान:
- उन्होंने वर्ष 1954 में तत्कालीन मद्रास प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और बाद में वर्ष 1963 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष बने।
- वे संभवतः भारत के पहले मुख्यमंत्री थे जो अंग्रेज़ी नहीं बोलते थे।
- वर्ष 1963 में कामराज ने जवाहरलाल नेहरू को सुझाव दिया कि कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को संगठनात्मक कार्य के लिये अपने मंत्री पदों से इस्तीफा दे देना चाहिये।
- यह ‘कामराज योजना’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ, जिसका उद्देश्य सत्ता पर केंद्रित रहने की प्रवृत्ति को कम करना और सिद्धांतों व नीतियों के प्रति प्रतिबद्धता को मज़बूत करना था।
- उन्होंने स्कूलों में निशुल्क शिक्षा और मिड डे मिल स्कीम अर्थात् मध्याह्न भोजन योजना की शुरुआत की।
- तमिलनाडु में उनकी जयंती को "शिक्षा विकास दिवस" के रूप में मनाया जाता है, जिससे उनकी स्थायी विरासत का सम्मान किया जाता है।
- उन्होंने वर्ष 1954 में तत्कालीन मद्रास प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और बाद में वर्ष 1963 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष बने।
- विरासत: राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को मान्यता देते हुए, उन्हें वर्ष 1976 में मरणोपरांत भारत रत्न, जो भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, से सम्मानित किया गया।
- उनका निधन वर्ष 1975 में 72 वर्ष की आयु में हुआ।