भारत स्टेज उत्सर्जन मानदंड | 20 Dec 2025
बढ़ती वायु गुणवत्ता की समस्या के बीच, दिल्ली सरकार ने वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण को सख्त किया है, जिसके तहत दिल्ली के बाहर पंजीकृत नॉन-भारत स्टेज VI निजी वाहन और वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUCC) के बिना वाहन राजधानी में प्रवेश नहीं कर सकते।
भारत स्टेज (BS) उत्सर्जन मानक क्या है?
- परिचय: भारत स्टेज (BS) उत्सर्जन मानक भारत के कानूनी रूप से लागू किये गए मानक हैं, जो वाहनों द्वारा उत्सर्जित वायु प्रदूषकों की मात्रा को नियंत्रित करके वाहन प्रदूषण को कम करने का काम करते हैं।
- यह मानक पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा तैयार किये गए हैं और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा लागू किये जाते हैं। इन्हें यूरो (Euro) उत्सर्जन मानकों के अनुरूप बनाया गया है।
- ये मानक कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोकार्बन (HC), नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) और पार्टिकुलेट मैटर (PM) पर क्रमिक रूप से कड़े सीमाएँ तय करते हैं, जिससे वाहनों में साफ़ ईंधन, बेहतर इंजन डिज़ाइन और उन्नत उत्सर्जन-निवारक तकनीक अपनाना आवश्यक हो जाता है।
- माशेलकर समिति (2002) ने यूरो-समकक्ष उत्सर्जन मानकों (भारत स्टेज मानक) को चरणबद्ध तरीके से लागू करने और धीरे-धीरे पूरे देश में विस्तार करने के लिये विस्तृत रोडमैप की सिफारिश की थी।
- BS उत्सर्जन मानकों का विकास: वर्ष 1999 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि भारत के सभी वाहनों को यूरो I या BS I (जिसे इंडिया 2000 मानक भी कहा जाता है) का पालन करना अनिवार्य है।
- भारत ने BS I (2000) से BS IV (2017) तक विकास किया और एक बड़े कदम में BS V को छोड़कर अप्रैल 2020 में BS VI लागू किया, जिससे वाहन उत्सर्जन मानकों को कड़े रूप से सख्त किया गया।
- BS VI फेज- II मानक, जो अप्रैल 2023 से लागू हुए, वास्तविक ड्राइविंग उत्सर्जन (RDE) परीक्षण को अनिवार्य करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाहन वास्तविक सड़क परिस्थितियों में उत्सर्जन मानकों का पालन करना।
- प्रत्येक नए चरण में सीमाएँ कड़ी होती हैं, जिससे साफ ईंधन और बेहतर इंजन व उत्सर्जन तकनीकों का उपयोग अनिवार्य हो जाता है।
- भारत के ऑटोमोबाइल क्षेत्र को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने के लिये, सरकार वर्ष 2026-27 तक BS VII उत्सर्जन मानक लागू करने की योजना बना रही है।
- दिल्ली में मिश्रित भारत स्टेज (BS) वाहन बेड़ा (Vehicle Fleet) है क्योंकि यहाँ कड़े उत्सर्जन मानक बाकी भारत की तुलना में पहले अपनाए गए थे। गंभीर वायु प्रदूषण के जवाब में दिल्ली ने BS II को वर्ष 2001 में BS III को वर्ष 2005 में और BS IV को वर्ष 2010 में लागू किया।
- भारत ने BS I (2000) से BS IV (2017) तक विकास किया और एक बड़े कदम में BS V को छोड़कर अप्रैल 2020 में BS VI लागू किया, जिससे वाहन उत्सर्जन मानकों को कड़े रूप से सख्त किया गया।
- BS VI मानक: BS-VI उत्सर्जन मानकों के तहत पेट्रोल वाहनों को NOx उत्सर्जन में 25% की कमी करनी होगी, जबकि डीजल वाहनों को HC+NOx में 43%, NOx में 68% और पार्टिकुलेट मैटर में 82% की कमी करनी आवश्यक है।
- इसके अतिरिक्त ईंधन में सल्फर की मात्रा को BS-IV के 50 mg/kg से घटाकर BS-VI में 10 mg/kg कर दिया गया है, जिससे उन्नत उत्सर्जन-नियंत्रण तकनीकों को अपनाना संभव हुआ है।
पुराने वाहन अधिक प्रदूषण क्यों करते हैं?
- उन्नत उत्सर्जन नियंत्रण प्रणालियों का अभाव: BS-IV से पूर्व के वाहनों में डीज़ल पार्टिकुलेट फिल्टर (DPF) और सेलेक्टिव कैटेलिटिक रिडक्शन (SCR) जैसी आधुनिक एग्जॉस्ट पश्च-उपचार प्रणालियाँ नहीं होतीं।
- कमज़ोर एग्जॉस्ट तकनीक: BS-IV वाहन मुख्यतः साधारण ऑक्सीडेशन कैटेलिस्ट पर निर्भर रहते हैं, जो सूक्ष्म कणीय पदार्थ (PM) और NOx उत्सर्जन को सीमित रूप से ही नियंत्रित कर पाते हैं।
- इंजन का पुराना होना और यांत्रिक क्षरण: समय के साथ इंजन की ईंधन–वायु मिश्रण क्षमता प्रभावित होती है, प्रज्वलन प्रणाली कमज़ोर पड़ती है और यांत्रिक घिसाव बढ़ने से दहन अपूर्ण रह जाता है।
- वास्तविक परिस्थितियों में अधिक उत्सर्जन: अध्ययनों से पता चलता है कि वाहन के पुराने होने के साथ-साथ टेलपाइप उत्सर्जन, विशेष रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड और कण पदार्थ में तीव्र वृद्धि होती है।
- रखरखाव की समस्याएँ: अधिक माइलेज और कमज़ोर रखरखाव प्रथाओं के कारण पुराने वाहन नए BS-VI वाहनों की तुलना में असमान रूप से अधिक प्रदूषण फैलाते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
1. भारत स्टेज (BS) उत्सर्जन मानक क्या हैं?
ये भारत में कानूनी रूप से लागू वाहन उत्सर्जन मानक हैं, जो CO, HC, NOx और PM जैसे प्रदूषकों को नियंत्रित करते हैं। इन्हें पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्धारित किया जाता है तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लागू किया जाता है।
2. BS VI, BS IV की तुलना में अधिक सख्त कैसे हैं?
BS VI में NOx और कणीय पदार्थ (PM) के उत्सर्जन की सीमा को काफी कम किया गया है, कम-सल्फर वाले स्वच्छ ईंधन का उपयोग अनिवार्य किया गया है तथा वास्तविक ड्राइविंग परिस्थितियों के अधिक निकट परीक्षण व्यवस्था लागू की गई है।
3. पुराने वाहन अधिक प्रदूषण क्यों करते हैं?
पुराने वाहनों में आधुनिक एग्जॉस्ट-शोधन प्रणालियों का अभाव होता है, इंजन के पुराने होने और खराब रखरखाव की समस्या होती है तथा वे BS-VI वाहनों की तुलना में वास्तविक परिस्थितियों में अधिक प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं।
