भारत द्वारा दूसरे बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन की मेजबानी | 30 Jul 2025
स्रोत: पीआईबी
भारत ने क्षेत्र में समुद्री संपर्क को मज़बूत करने तथा सतत् विकास के लिये विशाखापत्तनम में दूसरे बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल) बंदरगाह सम्मेलन की मेजबानी की।
बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन
- थीम 2025: "भविष्य की दिशा में: ब्लू इकॉनमी, नवाचार और सतत साझेदारी।"
- भारत के लिये महत्त्व: बंगाल की खाड़ी में समुद्री सहयोग में भारत के नेतृत्व को बढ़ावा देता है तथा बंदरगाह आधारित विकास और कनेक्टिविटी के सागरमाला लक्ष्यों के साथ संरेखित करता है।
- यह भारत की इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में विशेष रूप से BIMSTEC देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करके, भूमिका को मजबूत बनाता है।
दूसरे बिम्सटेक बंदरगाह सम्मेलन के मुख्य परिणाम क्या हैं ?
- AMTC को लागू करने पर ज़ोर: सदस्य देशों से आग्रह किया गया है कि वे 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (2025, बैंकॉक) के दौरान हस्ताक्षरित समुद्री परिवहन सहयोग पर बिम्सटेक समझौते (AMTC) की पुष्टि कर उसे लागू करें।
- AMTC का उद्देश्य बंदरगाह आधारित विकास, समुद्री व्यापार और पर्यटन तथा बिम्सटेक देशों में कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
- कलादान कॉरिडोर: कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMTTP) को भारत के पूर्वोत्तर को बंगाल की खाड़ी से जोड़ने वाले एक रणनीतिक कॉरिडोर के रूप में मान्यता दी गई थी, जो भारत की एक्ट ईस्ट और नेबरहुड फर्स्ट नीतियों का केंद्र है।
- भारत और म्याँमार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित KMTTP, भारत के पूर्वी बंदरगाहों से म्याँमार के माध्यम से पूर्वोत्तर तक कुशल माल परिवहन को सक्षम बनाता है।
- इसमें म्याँमार की कलादान नदी पर सित्तवे से पलेत्वा तक जलमार्ग तथा पलेत्वा से मिज़ोरम में भारत-म्याँमार सीमा पर ज़ोरिनपुई तक सड़क शामिल है।
- KMTTP संकीर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर (या "चिकन नेक") को बाईपास करने में मदद करता है , जिससे परिवहन लागत और समय कम हो जाता है।
- KMTTP संकीर्ण सिलीगुड़ी कॉरिडोर (जिसे "चिकन नेक" भी कहा जाता है) को बायपास करने में मदद करता है, जिससे परिवहन लागत और समय दोनों में कमी आती है।
- भारत और म्याँमार द्वारा संयुक्त रूप से विकसित KMTTP, भारत के पूर्वी बंदरगाहों से म्याँमार के माध्यम से पूर्वोत्तर तक कुशल माल परिवहन को सक्षम बनाता है।
- बिम्सटेक सतत् समुद्री परिवहन केंद्र (मुंबई): इसे सतत् समुद्री परिवहन के लिये हिंद महासागर उत्कृष्टता केंद्र (IOCE-स्मार्ट) के तहत लॉन्च किया जाएगा, जो समुद्री क्षेत्र में नीति सामंजस्य, हरित परिवर्तन और डिजिटल नवाचार के प्रयासों का नेतृत्व करेगा।
- क्रूज पर्यटन की संभावनाएँ: सम्मेलन में पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्रूज मार्गों पर ज़ोर दिया गया तथा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के नेतृत्व में क्रूज टर्मिनलों से बंगाल की खाड़ी को एक प्रमुख सतत् पर्यटन गलियारे के रूप में स्थापित करने पर ज़ोर दिया गया है।
बिम्सटेक क्या है?
- बिम्सटेक के बारे में: बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा के माध्यम से की गई थी।
- उद्देश्य: बंगाल की खाड़ी के देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना।
- विकास: मूल रूप से BIST-EC (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड आर्थिक सहयोग) के रूप में शुरू हुआ। यह समूह वर्ष 1997 में म्याँमार के शामिल होने के बाद BIMST-EC बन गया। नेपाल और भूटान को शामिल करने के बाद वर्ष 2004 में इसका नाम बदलकर BIMSTEC कर दिया गया।
- वर्ष 2014 में तीसरे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में, बांग्लादेश के ढाका में बिम्सटेक सचिवालय की स्थापना की गई।
- सहयोग के क्षेत्र: प्रारंभ में बिम्सटेक के अंतर्गत छह प्रमुख क्षेत्र थे — व्यापार, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन, पर्यटन और मत्स्य पालन।
- वर्ष 2008 में, इन क्षेत्रों का विस्तार करते हुए कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य, आतंकवाद-रोधी सहयोग, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन को भी शामिल किया गया।
- समन्वय में सुधार के लिये वर्ष 2021 में क्षेत्रों को पुनर्गठित किया गया, जिसमें प्रत्येक सदस्य राज्य विशिष्ट क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
- भारत बिम्सटेक में सुरक्षा स्तंभ का नेतृत्व करता है, जिसमें आतंकवाद-निरोध, अंतर्राष्ट्रीय अपराध, आपदा प्रबंधन और ऊर्जा शामिल हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्सप्रश्न. BIMSTEC के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये : (2025)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) I और II उत्तर: (D) |