11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 | 21 Jun 2025

स्रोत: पीआईबी

11वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day- IYD) 21 जून को विश्व भर में 'योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ' थीम के साथ मनाया गया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्या है?

  • परिचय: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को स्वास्थ्य, कल्याण और शांति के लिये योग के लाभों के प्रति जागरूकता बढ़ाने हेतु मनाया जाता है।
    • इसका उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, योग को भारत की प्राचीन परंपरा के उपहार के रूप में प्रचारित करना तथा इसके अभ्यास के माध्यम से वैश्विक समरसता एवं शांति को प्रोत्साहित करना है।
  • उद्गम और संयुक्त राष्ट्र की घोषणा: इसका प्रस्ताव भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र (2014) में रखा गया था, जिसके परिणामस्वरूप 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) घोषित किया गया।
    • पहला योग दिवस वर्ष 2015 में मनाया गया था, जिसकी थीम थी: "Yoga for Harmony and Peace" (सामंजस्य और शांति के लिये योग)।
  • 21 जून का महत्त्व: 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है क्योंकि यह ग्रीष्म अयनांत (Summer Solstice) के साथ संयोग रखता है — यह उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जब सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं। यह दिन अधिकतम प्रकाश लाता है और योग परंपराओं में इसे आध्यात्मिक जागरण के संक्रमण काल के रूप में माना जाता है।
  • वैश्विक मान्यता: यूनेस्को ने वर्ष 2016 में योग को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी।
    • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने योग को मानसिक और शारीरिक कल्याण और गैर-संक्रामक रोगों (NCDs) से निपटने के एक प्रभावी साधन के रूप में मान्यता दी है तथा इसे अपने वैश्विक कार्य योजना (2018–30) में शामिल किया है।
    • वर्ष 2015 में भारत के युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय ने योग को एक 'प्राथमिकता' खेल अनुशासन के रूप में वर्गीकृत किया।

योग क्या है?

  • योग शब्द संस्कृत के "युज" (एकजुट होना) से लिया गया है, जो मन और शरीर के सामंजस्य का प्रतीक है।
    • इसका प्रमाण मुहरों (पशुपति मुहर पर योग मुद्रा) और जीवाश्मों के माध्यम से सिंधु घाटी सभ्यता में तथा उल्लेख वेदों में भी मिलता है साथ ही इसे पतंजलि के योगसूत्र (दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व) में व्यवस्थित रूप से संकलित किया गया था।
    • योग भारतीय दर्शन के षड्दर्शन परंपरा (न्याय, वैशेषिक, सांख्य, मीमांसा, वेदांत के साथ) में से एक है। 
  • आधुनिक प्रासंगिकता: योग समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, क्योंकि यह शारीरिक लचीलापन, मानसिक स्पष्टता तथा तनाव से राहत प्रदान करता है। कोविड-19 के दौरान मानसिक-सामाजिक पुनर्वास के एक साधन के रूप में इसका उपयोग किया गया। यह आज वैश्विक स्तर पर हठ योग, अष्टांग योग, और अयंगार योग जैसे रूपों में अत्यंत लोकप्रिय है।
  • योग से संबंधित भारत की पहल: M-योग ऐप, योग में व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम, फिट इंडिया मूवमेंट अभिन्न अंग।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा एक भारतीय षड्दर्शन का भाग नहीं है? (2014)

(a) मीमांसा और वेदान्त
(b) न्याय और वैशेषिक
(c) लोकायत और कापालिक
(d) सांख्य और योग

उत्तर: (c) 


प्रश्न: भारत में दार्शनिक विचार के इतिहास के संबंध में सांख्य सम्प्रदाय से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2013)

  1. सांख्य पुनर्जन्म या आत्मा के आवागमन के सिद्धांत को स्वीकार नहीं करता है।
  2. सांख्य की मान्यता है कि आत्म-ज्ञान ही  मोक्ष की ओर ले जाता है, न कि कोई बाह्य प्रभाव अथवा कारक।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (B)