डेली अपडेट्स

इज़राइल-यूएई समझौता: कारण और प्रभाव | 22 Aug 2020 | अंतर्राष्ट्रीय संबंध

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में इज़राइल-यूएई समझौता व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है।आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

संदर्भ

हाल ही में इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात ने ऐतिहासिक 'द अब्राहम एकॉर्ड ( The Abraham Accord)' (Washington-brokered Deal) के तहत पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिये सहमति व्यक्त की है। ऐसी घोषणा करने वाला यूएई खाड़ी क्षेत्र का प्रथम तथा तीसरा अरब देश है जिसके इज़राइल के साथ सक्रिय राजनयिक संबंध हैं। इससे पूर्व मिस्र ने वर्ष 1979 में तथा जॉर्डन ने वर्ष 1994 में इज़राइल के साथ ‘शांति समझौते’ किये थे। संयुक्त अरब अमीरात और इज़राइल दोनों पश्चिम एशिया में संयुक्त राज्य अमेरिका के सहयोगी देश हैं।

इस आलेख में इज़राइल और संयुक्त अरब अमीरात शांति समझौता, समझौते की पृष्ठभूमि, वैश्विक प्रतिक्रिया, फिलिस्तीन और ईरान का मुद्दा तथा भारत के हितों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

इज़राइल-यूएई शांति समझौता

समझौते के कारण

अरब-इज़राइल के लिये महत्त्वपूर्ण है समझौता

वैश्विक प्रतिक्रिया

फिलीस्तीन की समस्या

अन्य चुनौतियाँ

निष्कर्ष

प्रश्न- ‘इज़राइल-संयुक्त अरब अमीरात शांति समझौता अरब प्रायद्वीप में स्थाई शांति का कारक बनेगा।’ आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं तर्क सहित अपने उत्तर की व्याख्या कीजिये।