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अंडमान एवं निकोबार दीप समूह का सतत् विकास | 05 Jun 2021 | जैव विविधता और पर्यावरण

यह एडिटोरियल दिनांक 03/06/2021 को 'द हिंदुस्तान टाइम्स' में प्रकाशित लेख “Developing the sister islands of Indian Ocean” पर आधारित है। इसमें अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के महत्त्व, सतत् विकास एवं भारत के समुद्री शक्ति बनने में इनकी भूमिका पर चर्चा की गई है।

संदर्भ

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands- ANI), जिसे 'BAY Islands' के नाम से जाना जाता है, समुद्री और पारिस्थितिकी दृष्टिकोण से भारत के लिये बहुत महत्त्व रखता है। ANI भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र का लगभग 30% भाग प्रदान करता है।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands- ANI)

वर्तमान में ANI के विकास हेतु योजनाएॅं

ANI से जुड़े मुद्दे

आगे की राह 

निष्कर्ष

भारत हिंद महासागर में अपने लाभों को बनाए रखना चाहता है, अतः भारत को इस क्षेत्र में चुनौतियों के समाधान हेतु अपने द्वीपीय क्षेत्रों एवं गैर- पारंपरिक सुरक्षा क्षेत्रों का रुख करना चाहिये। अंडमान और रीयूनियन द्वीप ऐसा करने के लिये एक बेहतर प्रारंभिक बिंदु प्रदान करते हैं।

अभ्यास प्रश्न: भारत के लिये विभिन्न क्षेत्रों में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की उपयोगिता को देखते हुए इस द्वीप समूह के परिस्थितिकी तंत्र एवं आर्थिक महत्त्व के मध्य सामंजस्य बिठाने की आवश्यकता है। इस कार्य हेतु भारत के प्रमुख समुद्री भागीदार, जिनके हित परस्पर समान हैं, उनसे सहयोग लिया जा सकता है साथ ही, पारस्परिक लाभ भी उठाया जा सकता है।