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बाढ़ पूर्वानुमान तकनीकी: आवश्यकता और महत्त्व | 08 Oct 2020 | जैव विविधता और पर्यावरण

इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय ऋण व्यवस्था में सुधार की व्यवस्था व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं।

संदर्भ 

भारत में घटित होने वाली सभी प्राकृतिक आपदाओं में सबसे अधिक घटनाएँ बाढ़ की हैं। यद्यपि इसका मुख्य कारण भारतीय मानसून की अनिश्चितता तथा वर्षा ऋतु के चार महीनों में भारी जलप्रवाह है, परंतु भारत की असम्मित भू-आकृतिक विशेषताएँ और बाढ़ पूर्वानुमान तकनीकी का अभाव विभिन्न क्षेत्रों में बाढ़ की प्रकृति तथा तीव्रता के निर्धारण में अहम भूमिका निभाती हैं। वर्ष 2018 में केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने बाढ़ पूर्वानुमान तकनीकी के संबंध में Google के साथ मिलकर काम करने का निर्णय लिया था। जल संसाधन के क्षेत्र में भारत के शीर्ष प्रौद्योगिकी संगठन केंद्रीय जल आयोग (Central Water Commission-CWC) ने गूगल के साथ एक सहयोग समझौता भी किया था, परंतु इसमें अपेक्षित प्रगति नहीं आ पाई।

इस आलेख में बाढ़ पूर्वानुमान तकनीकी की आवश्यकता और महत्त्व पर चर्चा करने से पूर्व बाढ़, बाढ़ के कारण, भारत में बाढ़ की स्थिति आदि पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

बाढ़ से तात्पर्य

भारत में बाढ़ की स्थिति

बाढ़ के संभावित कारण

बाढ़ प्रबंधन

बाढ़ पूर्वानुमान हेतु केंद्रीय जल आयोग के प्रयास 

भारत में बाढ़ पूर्वानुमान नेटवर्क

चुनौतियाँ 

महत्त्व 

निष्कर्ष

प्रत्येक वर्ष आने वाली बाढ़ से बड़ी मात्रा में जन-धन की हानि होती है, साथ ही इससे सर्वाधिक नकारात्मक रूप से समाज का सबसे गरीब वर्ग प्रभावित होता है। इस आलोक में बाढ़ जैसी आपदा की रोकथाम तथा बाढ़ आने के पश्चात् होने वाली हानि को कम करने के लिये ज़रूरी प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। विभिन्न सरकारी नीतियों एवं कार्यक्रमों द्वारा बाढ़ के प्रभावों को कम करने के प्रयास किये जा रहे हैं। किंतु ये प्रयास तब तक ऐसी आपदाओं को रोकने में कारगर नहीं हो सकेंगे जब तक कि मानव निर्मित कारकों जैसे- जलवायु परिवर्तन, निर्वनीकरण, अवैज्ञानिक विकास कार्य आदि को नहीं रोका जाता।

प्रश्न- ‘कई बाढ़ पूर्वानुमान एजेंसियों के बीच एकीकरण की कमी व समन्वय के अभाव के कारण भारत में बाढ़ की स्थिति अति गंभीर हो जाती है।’ आप इस कथन से कहाँ तक सहमत हैं, तर्क सहित अपने उत्तर की पुष्टि कीजिये।