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महामारी एवं इन्फोडेमिक | 28 May 2021 | सामाजिक न्याय

यह एडिटोरियल दिनांक 26/05/2021 को 'द हिंदुस्तान टाइम्स' में प्रकाशित लेख “In a pandemic, the power of the rumour” पर आधारित है। इस एडिटोरियल में कोविड 19 एवं इन्फोडेमिक (Infodemic) (सूचनाओं की अधिकताओं) के कारण उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा की गई है।

संदर्भ

कोविड-19 इतिहास की पहली महामारी है जहाॅं प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, इससे स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों का व्यापक प्रसार हुआ है, जिससे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को भी महामारी को "इन्फोडेमिक" कहने के लिये प्रेरित किया गया है।

महामारी और इन्फोडेमिक का आपस में संबंध

आगे की राह

निष्कर्ष

आज जबकि भारत का मुख्य संकट टीके की कमी है एवं इस पर डेटा अपर्याप्त है। आपूर्ति बढ़ने के साथ भी डेटा की अपर्यप्तता की भूमिका को अनदेखा करना एक गलती होगी।

ध्यान देने योग्य है कि चुनौती आपूर्ति को लेकर नही होगी, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि नागरिक यह समझें कि टीका कोविड-19 सबसे प्रभावी सुरक्षात्मक तंत्र है जो वर्तमान में ज्ञात और उपलब्ध है। अफवाहों पर विराम लगाना एक राष्ट्र के लिये अनिवार्य है।

अभ्यास प्रश्न: कोविड-19 महामारी और इन्फोडेमिक के कारण उत्पन्न चुनौतियों पर चर्चा कीजिये।