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भारत की जनसांख्यिकी | 16 Aug 2022 | भारतीय समाज

यह एडिटोरियल 13/08/2022 को ‘द हिंदू’ में प्रकाशित “Moving Policy Away from Population Control” लेख पर आधारित है। इसमें स्वतंत्रता के बाद से भारत की जनसांख्यिकी में आए परिवर्तन और उन परिवर्तनों का पूर्ण लाभ उठाने के लिये किये जा सकने वाले उपायों के बारे में चर्चा की गई है।

संदर्भ

अपनी स्वतंत्रता के बाद से भारत ने अपनी जनसांख्यिकीय संरचना में भारी परिवर्तन है। यह जनसंख्या विस्फोट से गुज़रा है (जनगणना, 1951) और कुल प्रजनन दर में गिरावट भी देखी है।

भारत समय के साथ किन जनसांख्यिकीय परिवर्तनों से गुज़रा है?

जनसंख्या वृद्धि का महत्त्व

जनसांख्यिकीय लाभांश के दोहन में व्याप्त बाधाएँ

आगे की राह

अभ्यास प्रश्न: भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश के दोहन में व्याप्त प्रमुख चुनौतियों की चर्चा करें और इस संबंध में उचित उपायों के सुझाव दें।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रारंभिक परीक्षा

किसी भी देश के संदर्भ में, निम्नलिखित में से किसे उसकी सामाजिक पूंजी का हिस्सा माना जाएगा? (वर्ष 2019)

 (A) जनसंख्या में साक्षर का अनुपात
 (B) इसके भवनों, अन्य बुनियादी ढांचे और मशीनों का स्टॉक
 (C) कामकाजी आयु वर्ग में जनसंख्या का आकार
 (D) समाज में आपसी विश्वास और सद्भाव का स्तर

 उत्तर: (D)


भारत को "जनसांख्यिकीय लाभांश" वाला देश माना जाता है। यह निम्न में से किसके कारण है: (वर्ष 2011)

 (A) 15 वर्ष से कम आयु वर्ग में इसकी उच्च जनसंख्या
 (B) 15-64 वर्ष के आयु वर्ग में इसकी उच्च जनसंख्या
 (C) 65 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में इसकी उच्च जनसंख्या
 (D) इसकी उच्च कुल जनसंख्या

 उत्तर: (B)


मुख्य परीक्षा

 प्र. जनसंख्या शिक्षा के मुख्य उद्देश्यों की विवेचना कीजिये तथा भारत में उन्हें प्राप्त करने के उपायों को विस्तार से बताइए। (वर्ष 2021)

 प्र. ''महिलाओं का सशक्तिकरण जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने की कुंजी है।'' विवेचना कीजिये। (वर्ष 2019)

 प्र. समालोचनात्मक परीक्षण करें कि क्या बढ़ती जनसंख्या गरीबी का कारण है या गरीबी भारत में जनसंख्या वृद्धि का मुख्य कारण है।  (वर्ष 2015)