योशीहिदे सुगा: जापान के नए प्रधानमंत्री | 17 Sep 2020

प्रिलिम्स के लिये: 

भारतीय संविधान का अनुच्छेद-21, मेनका गांधी बनाम भारत संघ, ‘एक्वीज़ीशन एंड क्रॉस-सर्विसिंग एग्रीमेंट

मेन्स के लिये:

जापान के नए प्रधानमंत्री एवं भारत-जापान संबंध 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जापान ने योशीहिदे सुगा (Yoshihide Suga) को अपना नया प्रधानमंत्री चुना। वह जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (Liberal Democratic Party- LDP) से संबंधित हैं। 

प्रमुख बिंदु:

  • मुख्य चुनौतियाँ:
    • जापान के नए प्रधानमंत्री को COVID-19 महामारी से निपटना होगा, जापानी अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण करना होगा और वर्ष 2021 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों की योजना भी बनानी होगी। 
  • जापान की राजनीतिक प्रणाली: 
    • जापान में एक बहुदलीय, द्विसदनीय, संसदीय, प्रतिनिधि लोकतांत्रिक संवैधानिक राजतंत्र (Representative Democratic Constitutional Monarchy) है।
    • संविधान: जापान ने संविधान की सर्वोच्चता के साथ एकात्मक मॉडल को अपनाया है।
      • जापान का संविधान, जापान का मौलिक कानून है जिसे 3 मई, 1947 को अधिनियमित किया गया था।
      • यह भारत के अलावा दुनिया में मौलिक कर्त्तव्यों वाले बहुत कम लोकतांत्रिक देशों (Democratic Constitutions) में से एक है।
  • जापान की शासन प्रणाली में एक विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका शामिल हैं। 
    • जापान का सम्राट राज्य का प्रमुख होता है और प्रधानमंत्री, सरकार एवं मंत्रिमंडल का प्रमुख होता है। सम्राट के पास नाममात्र के औपचारिक अधिकार होते है। 
    • विधायिका को ‘नेशनल डाइट’ (National Diet) के रूप में जाना जाता है। इसके सदस्य प्रत्यक्ष रूप से लोगों द्वारा चुने जाते हैं।
    • नेशनल डाइट में दो सदन- प्रतिनिधियों का उच्च सदन (Upper House of Representatives) एवं पार्षदों/सभासदों का निचला सदन (Lower House of Councillors) होते हैं।
    • प्रधानमंत्री को ‘नेशनल डाइट’ द्वारा नामित किया जाता है किंतु केवल जापानी सम्राट को ही प्रधानमंत्री नियुक्त करने का अधिकार है।
  • भारतीय संविधान में जापानी संविधान से ली गई विशेषताएँ:
    • भारतीय संविधान में ‘विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया’ (Procedure established by Law) को जापान के संविधान से लिया गया है।
      • भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 कहता है कि “किसी भी व्यक्ति को विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अतिरिक्त उसके जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है”।
      • यह अमेरिकी संविधान में निहित 'कानून की उचित प्रक्रिया' (Due process of law) की अभिव्यक्ति से भिन्न है जो न केवल यह जाँचता है कि क्या कानून किसी व्यक्ति को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि यह कानून उचित एवं न्यायपूर्ण है कि नहीं।
  • हालाँकि वर्ष 1978 में, मेनका गांधी बनाम भारत संघ के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अनुच्छेद 21 के संरक्षण को विधायी कार्यवाही तक बढ़ाते हुए निर्णय दिया कि किसी प्रक्रिया को निर्धारित करने वाला कानून उचित, निष्पक्ष एवं तर्कसंगत होना चाहिये।
    • इसी मामले में उच्चतम न्यायालय ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 21 के अंतर्गत जीवन का अर्थ मात्र एक जीव के अस्तित्व से कहीं अधिक है। मानवीय गरिमा के साथ जीना तथा वे सब पहलू जो जीवन को अर्थपूर्ण, पूर्ण तथा जीने योग्य बनाते हैं, इसमें शामिल हैं।
  • भारत-जापान संबंधों में हालिया विकास:
    • हाल ही में भारत और जापान ने एक लाॅजिस्टिक समझौते (Logistics Agreement) पर हस्ताक्षर किये हैं जो दोनों पक्षों के सशस्त्र बलों को सेवाओं एवं आपूर्ति में निकटता से समन्वय करने की अनुमति देगा। 
      • इस समझौते को ‘एक्वीज़ीशन एंड क्रॉस-सर्विसिंग एग्रीमेंट’ (Acquisition and Cross-Servicing Agreement- ACSA) के रूप में जाना जाता है।
    • हाल ही में भारतीय और जापानी युद्धपोतों ने हिंद महासागर में नौसेना अभ्यास किया।
      • भारत और जापान के रक्षा बलों ने द्विपक्षीय अभ्यासों की एक श्रृंखला का आयोजन किया है। इसके तहत दोनों देशों की वायु सेनाओं के द्वारा “शिन्यु मैत्री” (Shinyuu Maitri) और थल सेनाओं द्वारा ‘धर्म गार्जियन’ (DHARMA GUARDIAN) नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन किया जाता है। 
      • दोनों देश संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मालाबार अभ्यास में भी भाग लेते हैं।
  • जापान, भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर चीन की आक्रामक राजनीतिक एवं सैन्य व्यवहार के मद्देनज़र चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिये एक त्रिपक्षीय ‘सप्लाई चैन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव’ (Supply Chain Resilience Initiative-SCRI) शुरू करने पर विचार कर रहा है।
    • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में ‘सप्लाई चैन रेज़ीलिएंस’ (Supply Chain Resilience) एक ऐसा दृष्टिकोण है जो किसी देश को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि वह अपनी संपूर्ण आपूर्ति के लिये किसी एक देश पर निर्भर होने के बजाय अपने आपूर्ति के जोखिम का विस्तार अलग-अलग आपूर्तिकर्त्ता देशों तक करे।
  • भारत के राष्ट्रपति ने वर्ष 2019 में जापान का दौरा किया था। भारत के राष्ट्रपति की यह यात्रा 29 वर्षों के अंतराल के बाद जापान की पहली राष्ट्रपति यात्रा थी।

स्रोत: द हिंदू