विश्व की आबादी 8 अरब | 17 Nov 2022

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNPFA), मृत्यु दर, प्रजनन दर, जनसंख्या वृद्धि दर, वैश्विक जनसंख्या, प्रतिस्थापन-स्तर प्रजनन क्षमता

मेन्स के लिये:

जनसंख्या वितरण, आकलन, अनुमान और आगे की राह

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNPFA) के अनुसार, विश्व भर में मानव आबादी 8 अरब तक पहुँच गई है।

  • वर्ष 2022 के आँकड़ों के अनुसार दुनिया की आधी से अधिक आबादी एशिया में रहती है, चीन और भारत 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के साथ दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं।

World-Population

 जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्ति:

  • समग्र जनसंख्या वृद्धि दर में कमी:
    • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वैश्विक जनसंख्या को 7 अरब से 8 अरब तक बढ़ने में 12 साल लगे और वर्ष 2037 तक 9 अरब तक पहुँचने में इसे लगभग 15 साल लगेंगे।
      • यह इंगित करता है कि वैश्विक जनसंख्या की समग्र विकास दर धीमी हो रही है।
    • संयुक्त राष्ट्र की जनसंख्या रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक जनसंख्या वर्ष 1950 के बाद से अपनी सबसे धीमी दर से बढ़ रही है, जो वर्ष 2020 में 1 प्रतिशत से कम रही है।
      • विश्व की जनसंख्या वर्ष 2030 में लगभग 8.5 बिलियन और वर्ष 2050 में 9.7 बिलियन तक पहुँच सकती है।
      • इसके वर्ष 2080 तक लगभग 10.4 बिलियन के साथ उच्च स्तर तक पहुँचने और वर्ष 2100 तक उसी स्तर पर बने रहने का अनुमान है।
    • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वैश्विक आबादी के 60% ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं जहाँ प्रजनन दर प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है।
      • वर्ष 1990 में 40% ऐसे क्षेत्रों में रहते थे जहाँ प्रजनन दर प्रतिस्थापन स्तर से नीचे थी।
  • गरीब देशों में उच्च प्रजनन स्तर:
    • उच्चतम प्रजनन स्तर वाले देश प्रति व्यक्ति सबसे कम आय वाले होते हैं।
    • वर्ष 2050 तक वैश्विक जनसंख्या में अनुमानित वृद्धि के आधे से अधिक की वृद्धि इन आठ देशों में केंद्रित होगी:
    • कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, मिस्र, इथियोपिया, भारत, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस और संयुक्त गणराज्य तंज़ानिया।
      • उप-सहारा अफ्रीका के देशों द्वारा वर्ष 2050 तक प्रत्याशित वृद्धि में आधे से अधिक का योगदान किया जाने की संभावना है।
  • अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन:
    • अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन कई देशों में अब विकास का चालक है, इसे हम वर्ष 2020 में 281 मिलियन लोगों के अपने जन्म के देश के बाहर रहने के रूप में देख सकते हैं।
    • भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित सभी दक्षिण एशियाई देशों में हाल के वर्षों में उच्च स्तर का उत्प्रवास देखा गया है।

भारत की जनसंख्या के संदर्भ में:

  • स्थिर होती जनसंख्या वृद्धि:
    • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, भारत की प्रजनन दर प्रति महिला 2.1 जन्मों तक पहुँच गई है, अर्थात् प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन क्षमता में और भी गिरावट आ सकती है।
    • भारत की जनसंख्या वृद्धि स्थिर होने के बावजूद अभी भी 0.7% प्रतिवर्ष की दर से बढ़ रही है और वर्ष 2023 में इसकी आबादी दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश चीन से अधिक होने की संभावना है।
      • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, चीन की जनसंख्या अब बढ़ नहीं रही है और वर्ष 2023 की शुरुआत से इसमें कमी आनी शुरू हो सकती है।
    • विश्व जनसंख्या संभावना 2022 ने चीन की 1.426 बिलियन जनसंख्या की तुलना में वर्ष 2022 में भारत की जनसंख्या 1.412 बिलियन होने का अनुमान लगाया है।
      • वर्ष 2048 तक भारत की आबादी चरम स्थिति के साथ 1.7 बिलियन तक पहुँचने की संभावना है और फिर सदी के अंत तक गिरावट के साथ इसके 1.1 बिलियन तक पहुँचने की संभावना है।
  • दुनिया में किशोरों की सबसे अधिक आबादी:
    • UNFPA के अनुसार, वर्ष 2022 में भारत की 68% आबादी 15-64 वर्ष के बीच है, जबकि 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की आबादी 7% है
      • देश में 27% से अधिक लोग 15-29 वर्ष की आयु के हैं।
      • 253 मिलियन के साथ भारत में दुनिया की सबसे बड़ी किशोर आबादी (10-19 वर्ष) है।
      • भारत में वर्तमान में किशोरों और युवाओं की संख्या सर्वाधिक है।
      • भारत की जनसंख्या, वर्तमान समय में "यूथ बल्ज़ (किसी देश की युवा, परंपरागत रूप से 16-25 या 16-30 आयु की जनसंख्या और अनुपात में अपेक्षाकृत अधिक वृद्धि) देखी जा रही है, वर्ष 2025 तक यह ऐसी ही बनी रहेगी और वर्ष 2030 तक भारत के सबसे ज़्यादा युवा जनसंख्या वाला देश बने रहने की संभावना है।

‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’:

  • परिचय:
  • स्थापना:
    • इसे वर्ष 1967 में ट्रस्ट फंड के रूप में स्थापित किया गया था और इसका परिचालन वर्ष 1969 में शुरू हुआ।
    • इसे वर्ष 1987 में आधिकारिक तौर पर ‘संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष’ नाम दिया गया, लेकिन इसका संक्षिप्त नाम UNFPA (जनसंख्या गतिविधियों के लिये संयुक्त राष्ट्र कोष) को भी बरकरार रखा गया।
  • उद्देश्य:
    • UNFPA प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य संबंधी सतत् विकास लक्ष्य-3, शिक्षा संबंधी लक्ष्य-4 और लिंग समानता संबंधी लक्ष्य-5 के संबंध में कार्य करता है।
  • वित्तपोषण:
    • UNFPA संयुक्त राष्ट्र के बजट द्वारा समर्थित नहीं है, इसके बजाय यह पूरी तरह से दाता सरकारों, अंतर-सरकारी संगठनों, निजी क्षेत्र तथा आम लोगों के स्वैच्छिक योगदान द्वारा समर्थित है।

आगे  की राह

  • अनुकूल आयु वितरण के संभावित लाभों को अधिकतम करने के लिये, देशों को सभी उम्र में स्वास्थ्य देखभाल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करके तथा उत्पादक रोज़गार एवं सभ्य काम के अवसरों को बढ़ावा देकर अपनी मानव पूंजी के आगे के विकास में निवेश करने की आवश्यकता है
  • भारत जनसांख्यिकीय संक्रमण के चरण में है जहाँ मृत्यु दर घट रही है और अगले दो से तीन दशकों में प्रजनन दर में गिरावट आएगी। भारत अब गर्भनिरोधक की ज़रूरत को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।
    • महिलाएँ कब, कितने और किस अंतराल पर बच्चे पैदा करना चाहती हैं यह तय कर सकती हैं।
  • युवा और किशोर आबादी के लिये कौशल की आवश्यकता है, जो यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है कि वे अधिक उत्पादन के साथ बेहतर आय प्राप्त कर सकें

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. कौन से दो देश अपनी आबादी के घटते क्रम में चीन और भारत का अनुसरण करते हैं? (2008)

(a) ब्राज़ील और अमेरिका
(b) अमेरिका और इंडोनेशिया
(c) कनाडा और मलेशिया
(d) रूस और नाइजीरिया

उत्तर: B


मेन्स:

प्रश्न.  जनसंख्या शिक्षा के मुख्य उद्देश्यों पर चर्चा करें और भारत में उन्हें प्राप्त करने के उपायों को विस्तार से बताइये। (2021)

प्रश्न.  जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिये महत्त्वपूर्ण है। चर्चा कीजिये। (2019)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस