वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम | 17 Feb 2023

प्रिलिम्स के लिये:

ITBP, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, शिंकू-ला टनल, LAC, केंद्र प्रायोजित योजना।

मेन्स के लिये:

सीमावर्ती गाँवों में बुनियादी ढाँचा को बढ़ावा।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (Indo-Tibetan Border Police- ITBP) की सात नई बटालियनों के गठन को मंज़ूरी दी है, साथ ही चीन सीमा पर सामाजिक एवं सुरक्षा ढाँचे को मज़बूत करने हेतु वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (Vibrant Villages Programme- VVP) के तहत 4,800 करोड़ रुपए आवंटित किये हैं।

  • कैबिनेट ने मनाली-दारचा-पदुम-निम्मू क्षेत्र में 4.1 किलोमीटर लंबी शिंकू-ला सुरंग को भी मंज़ूरी दे दी है, ताकि सभी मौसमों में लद्दाख के साथ संपर्क बना रहे। 

महत्त्व: 

  • इसका उद्देश्य वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control- LAC) पर सुरक्षा ग्रिड को मज़बूत करना है। यह ITBP को अपने कर्मियों को आराम करने, स्वस्थ होने और प्रशिक्षित करने हेतु अवसर भी प्रदान करेगा।
  • अतिरिक्त बटालियन के गठन का निर्णय लेते समय कुशल सीमा निगरानी और बटालियन दोनों की आवश्यकता को ध्यान में रखा गया था।
  • सीमावर्ती गाँवों के लिये वित्तीय पैकेज को मंज़ूरी देने और सुरक्षा बढ़ाने का सरकार का फैसला ऐसे समय में आया है जब लद्दाख में LAC पर चीन के साथ मुद्दों को हल किया जाना अभी बाकी है। PLA के सैनिक अभी भी देपसांग के मैदानों और डेमचोक में डटे हुए हैं तथा चीन LAC के पास अपने बुनियादी ढाँचे को भी अपग्रेड कर रहा है।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम: 

  • परिचय: 
    • यह एक केंद्रीय वित्तपोषित कार्यक्रम है जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट वर्ष 2022-23 (2025-26 तक) में उत्तर में सीमावर्ती गाँवों को विकसित करने और ऐसे सीमावर्ती गाँवों के निवासियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ की गई।
    • इसमें हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्र शामिल होंगे।
    • इसके तहत 2,963 गाँवों को कवर किया जाएगा, जिनमें से 663 को पहले चरण में कवर किये जाएंगे।  
    • ग्राम पंचायतों की सहायता से ज़िला प्रशासन द्वारा वाइब्रेंट विलेज़ एक्शन प्लान बनाए जाएंगे।  
    • वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम की वजह से ‘सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम’ के साथ ओवरलैप की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
  • उद्देश्य:
    • यह योजना उत्तरी सीमा पर सीमावर्ती गाँवों के स्थानीय, प्राकृतिक, मानव तथा अन्य संसाधनों के आधार पर आर्थिक चालकों की पहचान एवं विकास करने में सहायता करेगी।
    • सामाजिक उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास तथा उद्यमिता के माध्यम से युवाओं एवं महिलाओं के सशक्तीकरण के माध्यम से 'हब एंड स्पोक मॉडल' (Hub and Spoke Model) पर आधारित विकास केंद्रों का विकास करना। 
    • स्थानीय, सांस्कृतिक, पारंपरिक ज्ञान और विरासत को बढ़ावा देकर पर्यटन क्षमता का लाभ उठाना।  
    • समुदाय आधारित संगठनों, सहकारी समितियों और गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से 'एक गाँव-एक उत्पाद' की अवधारणा पर स्थायी पर्यावरण-कृषि व्यवसायों का विकास करना।

शिंकू-ला सुरंग के मुख्य बिंदु: 

  • यह लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों को सभी मौसमों में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये निमू-पदम-दारचा रोड लिंक पर 4.1 किलोमीटर लंबी सुरंग है।
  • यह टनल दिसंबर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगी।
  • यह देश की सुरक्षा एवं संरक्षा के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
  • इससे उस क्षेत्र में सुरक्षा बलों की आवाजाही में भी मदद मिलेगी।

स्रोत: द हिंदू