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भारत में बेरोज़गारी | 25 Nov 2022 | भारतीय अर्थव्यवस्था

प्रिलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, बेरोज़गारी के प्रकार, सरकार की पहलें

मेन्स के लिये:

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, बेरोज़गारी; इसके प्रकार, कारण और संबंधित पहलें

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (National Statistical Office- NSO) ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (Periodic Labour Force Survey- PLFS) जारी किया है।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (जुलाई-सितंबर 2022) के प्रमुख बिंदु:

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण:

भारत में बेरोज़गारी का कारण:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न  

प्रश्न: प्रच्छन्न बेरोज़गारी का आमतौर पर अर्थ होता है-

(a) बड़ी संख्या में लोग बेरोज़गार रहते हैं
(b) वैकल्पिक रोज़गार उपलब्ध नहीं है
(c) श्रम की सीमांत उत्पादकता शून्य है
(d) श्रमिकों की उत्पादकता कम है

उत्तर:(d)

व्याख्या:

  • अर्थव्यवस्था प्रच्छन्न बेरोज़गारी को प्रदर्शित करती है जब उत्पादकता कम होती है और बहुत से श्रमिक ज़रूरत से ज़्यादा संख्या में कार्यरत होते है।
  • सीमांत उत्पादकता उस अतिरिक्त उत्पादन को संदर्भित करती है जो श्रम की एक इकाई को जोड़कर प्राप्त की जाती है।
  • चूंँकि प्रच्छन्न बेरोज़गारी में आवश्यकता से अधिक श्रमिक पहले से ही कार्य में लगे हुए हैं, इसलिये श्रम की सीमांत उत्पादकता शून्य है।

अतः विकल्प (c) सही है।

स्रोत: द हिंदू