संयुक्त राष्ट्र की 77वीं वर्षगांठ | 25 Oct 2022

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र की 77वीं वर्षगाँठ, संयुक्त राष्ट्र और उसके अंग, UNSC तथा इसकी विशेषताएँ।

मेन्स के लिये:

UNSC के कामकाज से जुड़े मुद्दे।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व ने 24 अक्तूबर, 2022 को संयुक्त राष्ट्र (UN) की 77वीं वर्षगाँठ मनाई।

संयुक्त राष्ट्र (UN):

संयुक्त राष्ट्र के अद्यतन योगदान क्या हैं?

  • संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता में वृद्धि:
    • 1960 के दशक के बाद संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों की संख्या लगभग 50 सदस्यों से बढ़कर दोगुनी हो गई।
  • विउपनिवेशीकरण:
    • संयुक्त राष्ट्र ने ही 1960 के उपनिवेशवाद के विघटन में प्रमुख भूमिका निभाई थी और लगभग 80 उपनिवेशों को स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद की थी।
  • नागरिक समाज में भागीदारी:
    • संयुक्त राष्ट्र अब केवल राष्ट्रों का संगठन नहीं है, बल्कि समय के साथ अधिक से अधिक संयुक्त राष्ट्र निकायों ने राष्ट्रों, विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियों और मीडिया के लोगों के साथ जुड़ना शुरू कर दिया है।
  • बेहतर आधार:
    • राष्ट्र संघ की तुलना में संयुक्त राष्ट्र ने अब तक सफलतापूर्वक खुद को कायम रखा है, जो एक उपलब्धि है।
  • शांति स्थापना:
    • संयुक्त राष्ट्र ने तृतीय विश्व युद्ध को सफलतापूर्वक रोका है।

संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख असफलताएँ क्या हैं?

  • हथियारों की प्रतिस्पर्द्धा और शीत युद्ध:
    • हालाँकि, तृतीय विश्वयुद्ध को आज तक सफलतापूर्वक रोककर रखा गया है, फिर भी राष्ट्रों के बीच हिंसा, हथियारों की प्रतिस्पर्द्धा , परमाणु हथियारों की प्रतिस्पर्द्धा और शीत युद्ध की स्थिति अब भी उपस्थित हैं।
  • शक्ति दमन सिद्धांत:
    • विश्व निकाय अभी भी 'सिद्धांत' और 'शक्ति' के बीच संघर्ष को देखता है।
    • जबकि एक शांतिपूर्ण और न्यायपूर्ण विश्व की आशाओं का प्रतिनिधित्व संयुक्त राष्ट्र करता है, जो सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों को वीटो अधिकार के अलोकतांत्रिक उपकरणों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में स्थायी सीटों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय राजनीति पर अंतिम निर्देश विशेषाधिकार प्राप्त हैं।
  • बहुध्रुवीय संगठन नहीं:
    • संयुक्त राष्ट्र स्वयं को एक बहुध्रुवीय और बहुपक्षीय संगठन के रूप में प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा है।
    • गठन के समय, संयुक्त राष्ट्र में कुल 51 सदस्यों के साथ 5 स्थायी सदस्य थे, वर्तमान में इसके 193 सदस्य हैं लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा में स्थायी सदस्य अभी भी 5 हैं।
  • समग्र विकास में पिछड़ापन:
    • संगठन बढ़ते वैश्वीकरण का सामना करने में सक्षम नहीं था।
    • संयुक्त राष्ट्र समग्र विकास में पिछड़ा हुआ है; विशेष रूप से महामारी या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नई तकनीकों से निपटने के लिये कोई संस्थागत व्यवस्था नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र में भारत का महत्त्व:

  • भारत और संयुक्त राष्ट्र:
    • भारत संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
    • अपनी स्वतंत्रता के बाद से और उससे पहले भी, भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई सभी पहलों जैसे सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों, सतत् विकास लक्ष्यों और जलवायु परिवर्तन सहित संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शिखर सम्मेलनों में सक्रिय भागीदार रहा है।
  • शांति की स्थापना:
    • जहाँ तक संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना क्षेत्र का संबंध है, भारत ने अधिकांश देशों के साथ शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
  • भारत और UNSC:
    • भारत को जनवरी 2021 में दो साल के लिये UNSC के एक अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया।
    • संगठन में भारत की अस्थायी सदस्यता का उपयोग अन्य समान विचारधारा वाले देशों को विश्वव्यापी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने के लिये राजी करने हेतु किया जा सकता है।
    • इसके अलावा भारत को भविष्य में सर्वोच्च निकाय में स्थान बनाने पर भी ध्यान देना चाहिये; जिसका अर्थ है-संयुक्त राष्ट्र का स्थायी सदस्य बनना।
  • सुधारों की आवश्यकता को लेकर बढ़ती चिंता:
    • भारत ने संयुक्त राष्ट्र में विशेष रूप से UNSC में सुधारों की तत्काल आवश्यकता को महसूस किया है और इस मुद्दे पर चिंता जताई है।
      • भारत सहित कई विकासशील देश अब अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और राजनीति दोनों में बड़ी भूमिका निभाते हैं। लेकिन ये परिवर्तन UNSC में परिलक्षित नहीं होते हैं, जहाँ सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों द्वारा अभी भी सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये जा रहे हैं।

आगे की राह

  • पिछले 75 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र ने स्वयं को संभाल कर रखा है, समृद्ध भी हुआ है, और कुछ मामूली समायोजनों से गुज़रा है। हालाँकि अब समय आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र इसे और बेहतर बनाने के लिये प्रयासरत रहे।
  • UNSC में सुधार की सख्त ज़रूरत है, यह कार्य जितनी जल्दी हो उतना ही बेहतर होगा।
  • संक्षेप में जहाँ तक पूरे संयुक्त राष्ट्र की बात है, सिद्धांतों में पूर्ण सुधार की आवश्यकता है जिसे अब सबसे शक्तिशाली द्वारा नहीं किया जाना चाहिये।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रीलिम्स

प्रश्न. प्रायः समाचारों में देखे जाने वाले 'बीजिंग घोषणा और कार्रवाई मंच (बीजिंग डिक्लरेशन एण्ड प्लैटफार्म फॉर एक्शन)' क्या है?(2015)

(a) क्षेत्रीय आतंकवाद से निपटने की एक कार्यनीति (स्ट्रैटजी), शंघाई सहयोग संगठन
(b) एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में धारणीय आर्थिक संवृद्धि की एक कार्ययोजना, एशिया-प्रशांत आर्थिक मंच (एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम) के विचार-विमर्श का एक परिणाम
(c) महिला सशक्तीकरण हेतु एक कार्यसूची, संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित विश्व सम्मेलन का एक परिणाम
(d) वन्यजीवों के दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) की रोकथाम हेतु कार्यनीति, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईस्ट एशिया समिट) की एक उद्घोषणा

उत्तर: (c)


प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य होते हैं और शेष 10 सदस्य महासभा द्वारा ___ साल की अवधि के लिये चुने जाते हैं:(2009)

(a) 1 वर्ष
(b) 2 वर्ष
(c) 3 वर्ष
(d) 5 वर्ष

उत्तर: (b)


प्रश्न. UNEP द्वारा समर्थित 'कॉमन कार्बन मीट्रिक' को किसलिये विकसित किया गया है?

(a) दुनिया भर में निर्माण कार्यों के कार्बन पदचिह्न का आकलन करने के लिये
(b)कार्बन उत्सर्जन व्यापार में विश्व भर की वाणिज्यिक कृषि संस्थाओं के प्रवेश हेतु अधिकार देने के लिये
(c) सरकारों को अपने देशों द्वारा किये गए समग्र कार्बन पदचिह्न का आकलन करने में सक्षम बनाने के लिये
(d) किसी इकाई समय में दुनिया द्वारा जीवाश्म ईंधन के उपयोग के कारण होने वाले समग्र कार्बन फुट-प्रिंट का आकलन करने के लिये

उत्तर: (a)


मेन्स:

प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के मुख्य कार्य क्या हैं? इससे जुड़े विभिन्न कार्यात्मक आयोगों की व्याख्या कीजिये: (2017)

प्रश्न. जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) की पार्टियों के सम्मेलन (COP) के 26वें सत्र के प्रमुख परिणामों का वर्णन कीजिये। इस सम्मेलन में भारत ने क्या प्रतिबद्धताएँ की हैं? (2021)

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स