अमेरिकी वीज़ा प्रक्रिया में बड़ा बदलाव | 03 Jun 2019

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने अपने वीज़ा नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए वीज़ा आवेदन हेतु लोगों को अपने विवरण में सोशल मीडिया का विवरण देने का प्रावधान किया है।

प्रमुख बिंदु

  • नए नियमों के तहत अब आवेदकों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट का नाम और उसके पाँच सालों के रिकॉर्ड की जानकारी जमा करवानी होगी। साथ ही उसे अपना ईमेल अड्रेस और फोन नंबर भी देना होगा। अमेरिकी ग्रह मंत्रालय द्वारा इन नियमों को लाने का मुख्य उद्देश्य आतंकवादियों और अन्य खतरनाक लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाना है।
  • अमेरिका में पढ़ाई करने और नौकरी के लिये वीज़ा का आवेदन करने वाले लोगों को नए नियमों के तहत ये सभी सारी जानकारी मुहैया करानी होगी। हालाँकि आधिकारिक और राजनयिक वीज़ा के लिये किये जाने आवेदनों को इन नियमों में शामिल नहींं किया जाएगा।
  • सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने वाले आवेदकों के पास यह विकल्प उपलब्ध होगा, जिसमें वे यह बता सकें कि वे इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं।
  • इन नियमों के तहत अस्थायी आगंतुकों समेत सभी वीज़ा आवेदकों को अन्य जानकारियों के साथ-साथ एक ड्रॉप डाउन मेनू (Drop-Down Menu) में अपने सोशल मीडिया पहचानकर्त्ताओं को भी सूचीबद्ध करना होगा। अभी तक इस ड्राप डाउन मेनू में केवल बड़ी सोशल मीडिया वेबसाइटों की जानकारी शामिल थी, लेकिन अब इसमें आवेदकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली सभी वेबसाइटों की जानकारी देने की सुविधा दी जाएगी।
    • हालाँकि गलत जानकारी दिये जाने के संबंध में गंभीर आव्रजन परिणाम (Serious Immigration Consequences) भी भुगतने पड़ सकते है।

इन नए नियमों के अनुपालन से सालाना करीब 15 मिलियन लोगों के प्रभावित होने की आशंका है।उल्लेखनीय है कि इससे पहले यह नियम केवल उन लोगों पर लागू होता था जो आतंकवादी संगठनों से प्रभावित क्षेत्रों से अमेरिका जाना चाहते थे। जैसा की हम सभी जानते हैं कि आतंकवादी विचारों और गतिविधियों के प्रचार-प्रसार के लिये सोशल मीडिया एक प्रभावी साधन है। ऐसे में अमेरिका का यह कदम सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण साबित होगा।

उद्देश्य

  • इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य अमेरिका में प्रवेश करने की मांग करने वाले लोगों की निगरानी को बढ़ाना है, सुरक्षा दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया है।

पृष्ठभूमि

  • वर्ष 2016 में राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आप्रवासन (Immigration) के मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए चुनाव जीतने के बाद अवैध प्रवासियों को शरण नहींं देने की बात कही थी।
    साथ ही आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों पर निगरानी व्यवस्था को और अधिक सख्त बनाने पर भी बल दिया गया था। स्पष्ट रूप से सोशल मीडिया के विवरण की मांग इसी का परिणाम है।

भारत पर प्रभाव

  • प्रत्येक वर्ष भारत से बड़ी संख्या में लोग शिक्षा एवं नौकरी की तलाश में अमेरिका जाते हैं, नए नियमों से लगभग 10 से 12 लाख भारतीय नागरिकों के प्रभावित होने की संभावना हैं।

स्रोत- द हिंदू