भारत में महामारी के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाने की दर में वृद्धि | 10 Dec 2020

चर्चा में क्यों?

हाल ही में PwC (फर्मों का एक वैश्विक नेटवर्क) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने कोरोना वायरस फैलने के बाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) के प्रयोग में 45% की वृद्धि दर्ज की है जो विश्व में सभी देशों में सबसे अधिक है

प्रमुख बिंदु:

परिणाम:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान और ब्रिटेन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के प्रयोग में सबसे अधिक वृद्धि (45%) हुई  है।
    • कोरोना वायरस फैलने के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने 35%, यूनाइटेड किंगडम ने 23% और जापान ने 28% की वृद्धि दर्ज की।
  • रिपोर्ट क्रय व्यवहार और नई व्यावसायिक चुनौतियों में परिवर्तन (Covid-19 के कारण) का श्रेय AI के अनुकरण में हुई वृद्धि को देती है
    • उदाहरण के लिये AI के उपयोग के मामलों जैसे- संपर्क रहित बिक्री और वितरण में कर्षण (Traction) की स्थिति देखी गई है। कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने और सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने के लिये भी AI समाधानों का उपयोग किया जा रहा है।
  • उच्चतम COVID -19 वाले क्षेत्रों ने AI समाधानों को अधिक स्पष्ट ढंग से अपनाया। यात्रा और आतिथ्य (Hospitality) क्षेत्र में 89% फर्मों ने किसी-न-किसी रूप में AI को लागू किया है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence-AI):

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है जो कंप्यूटर के इंसानों की तरह व्यवहार करने की धारणा पर आधारित है। इसके जनक जॉन मैकार्थी हैं।
  • यह मशीनों की सोचने, समझने, सीखने, समस्या हल करने और निर्णय लेने जैसी संज्ञानात्मक कार्यों को करने की क्षमता को सूचित करती है।
    • दूसरे शब्दों में कहा जाए तो कृत्रिम बुद्धिमत्ता किसी कंप्यूटर या मशीन द्वारा मानव मस्तिष्क के सामर्थ्य की नकल करने की क्षमता है, जिसमें उदाहरणों और अनुभवों से सीखना, वस्तुओं को पहचानना, भाषा को समझना और प्रतिक्रिया देना, निर्णय लेना, समस्याओं को हल करना तथा ऐसी ही अन्य क्षमताओं के संयोजन से मनुष्यों के समान ही कार्य कर पाने की क्षमता आदि शामिल है। 
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर शोध की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है कृत्रिम तरीके से विकसित बौद्धिक क्षमता।
  • AI पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive), सीमित स्मृति (Limited Memory), मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory) एवं आत्म-चेतन (Self Conscious) जैसी अवधारणाओं पर कार्य करता है।
  • वर्तमान में कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष विज्ञान, रक्षा, परिवहन और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है।

सरकार द्वारा हाल में की गई पहलें:

भारत में AI का प्रयोग:

महामारी से निपटने में:

  • राष्ट्रीय स्तर पर:
    • Covid-19 से निपटने के लिये, MyGov द्वारा संचार सुनिश्चित करने के लिये AI- सक्षम चैटबॉट का उपयोग किया गया था।
    • इसी प्रकार भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने Covid-19 पर देश भर में विभिन्न परीक्षण और नैदानिक सुविधाओं से संबंधित स्टाफ एवं डेटा एंट्री ऑपरेटरों के विशिष्ट प्रश्नों का जवाब देने के लिये अपने पोर्टल पर वाटसन असिस्टेंट (Watson Assistant) को तैनात किया है।
  • केरल में: सृष्टि रोबोटिक्स 'नाइटिंगेल -19 रोबोट' का उपयोग एक अच्छा उदाहरण है।
    • यह भोजन और दवाएँ वितरित करता है तथा डॉक्टरों एवं अन्य स्वास्थ्य देखभाल चिकित्सकों को रोगियों के साथ बातचीत करने के लिये वीडियो इंटरेक्टिव तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
  • इसे मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल और लोकमान्य तिलक टर्मिनल में स्थापित किया गया है। 
    • महाराष्ट्र में: FebriEye एक AI आधारित थर्मल स्क्रीनिंग प्रणाली है जो वास्तविक समय और स्वचालित, गैर-घुसपैठ निगरानी के लिये यह सुनिश्चित करता है कि प्रवेश करने वाले व्यक्ति को तेज़ बुखार न हो। 

अन्य क्षेत्रों में:

  • जल प्रबंधन, फसल बीमा और कीट नियंत्रण पर AI-आधारित समाधान भी विकसित किये जा रहे हैं। 
    • ICRISAT ने एक AI-पावर बुवाई एप विकसित किया है, जो स्थानीय फसलों की पैदावार और वर्षा तथा मौसम के मॉडल तथा आँकड़ों के बारे में अधिक सटीक पूर्व सूचना एवं स्थानीय किसानों बीज बुवाई की सलाह देता है।
  • बिहार में लागू किया गया AI- आधारित बाढ़ पूर्वानुमान मॉडल अब पूरे भारत में विस्तारित किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बाढ़ से संबंधित सूचना 48 घंटे पहले मिल सके। 
  • केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने छात्रों में डेटा साइंस, मशीन लर्निंग और AI का बुनियादी ज्ञान और कौशल को सुनिश्चित करने के लिये स्कूली पाठ्यक्रम में AI को एकीकृत किया है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इस वर्ष अप्रैल में एक "रेस्पोंसिबल AI फॉर यूथ" कार्यक्रम शुरू किया था, जिसमें सरकारी स्कूलों के 11,000 से अधिक छात्रों ने AI में बुनियादी पाठ्यक्रम पूरा किया।

आगे की राह:

  • चूँकि AI भारत में डिज़िटल समावेशन का काम करता है, यह आर्थिक विकास और समृद्धि को प्रभावित करेगा। भारत में AI के कार्यान्वयन की गुंजाईश अधिक होने के कारण इसके लिये अत्यधिक अवसर हैं। वर्ष 2025 तक डेटा और AI के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में 500 बिलियन डॉलर और लगभग 20 मिलियन नौकरियों का समावेशन किया जा सकता है।
  • भारत AI के माध्यम से एक डेटा-समृद्ध और डेटा-संचालित समाज के निर्माण का उद्देश्य रखता है, जो समाज को बेहतर बनाने, व्यक्तियों को सशक्त बनाने और व्यापार सुगमता में वृद्धि की अपार संभावनाएँ एवं अवसर प्रदान करता है। भारत समावेशी विकास, देश की 'AI फॉर ऑल' रणनीति का प्रतिनिधित्त्व करने के लिये AI का लाभ उठा सकता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस