प्रधानमंत्री मुद्रा योजना | 11 Feb 2022

प्रिलिम्स के लिये:

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)।

मेन्स के लिये:

सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के संबंध में जानकारी दी।

  • कोविड-19 महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 को छोड़कर, योजना के तहत राष्ट्रीय स्तर के सभी लक्ष्यों को इसकी स्थापना के बाद से लगातार पूरा किया गया है।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना:

  • सरकार ने इस योजना को वर्ष 2015 में गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि छोटे/सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान करने हेतु लॉन्च किया था। 
  • यह योजना बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFIs) जैसे विभिन्न वित्तीय संस्थानों के माध्यम से गैर-कॉर्पोरेट लघु व्यवसाय क्षेत्र को वित्तपोषण प्रदान करती है।
  • MUDRA यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (Micro Units Development & Refinance Agency Ltd) सरकार द्वारा स्थापित एक वित्तीय संस्थान है।
  • मुद्रा ऋण तीन श्रेणियों में प्रदान किये जाते हैं- ‘शिशु’ (Shishu) ‘किशोर' (Kishore) तथा ‘तरुण’ (Tarun): 
    • शिशु: 50,000 रुपए तक के ऋण।
    • किशोर: 50,000 रुपए से 5 लाख लाख रुपए तक के ऋण।
    • तरुण: 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक के ऋण।

उपलब्धियांँ:

  • अप्रैल 2015 में इसकी स्थापना के बाद से पीएमएमवाई (PMMY) के तहत  32.53 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिये गए हैं।
  • मुद्रा योजना में समाज के वंचित वर्गों जैसे- महिला उद्यमी, एससी/एसटी/ओबीसी एवं अल्पसंख्यक समुदाय के उधारकर्त्ताओं आदि को ऋण दिया गया है। साथ ही इसके तहत नए उद्यमियों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • श्रम और रोज़गार मंत्रालय द्वारा किये गए सर्वेक्षण के अनुसार, PMMY ने वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक 1.12 करोड़ कुल अतिरिक्त रोज़गार सृजन में सहायता की है।
  • रोज़गार में हुई अनुमानित वृद्धि के अनुसार, 1.12 करोड़ में 69 लाख महिलाएंँ (62 प्रतिशत) शामिल हैं।

योजना में सुधार के लिये उठाए गए कदम:

  • psbloansin59minutes और उद्यमी मित्र पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान।
  • कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) ने PMMY के तहत स्वचालित प्रतिबंधों के साथ शुरू से अंत तक डिजिटल ऋण दिया है।
  • हितधारकों के बीच योजना की दृश्यता बढ़ाने हेतु सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और मुद्रा लिमिटेड द्वारा गहन प्रचार अभियान।
  • पीएसबी में मुद्रा नोडल अधिकारियों का नामांकन।
  • पीएमएमवाई आदि से संबंधित पीएसबी के प्रदर्शन की आवधिक निगरानी।

स्रोत: पी.आई.बी.