वन स्टॉप सेंटर योजना | 25 Jul 2025
स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स
चर्चा में क्यों?
दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिंसा से प्रभावित महिलाओं की सहायता के लिये वन स्टॉप सेंटर (OSC) योजना के तहत स्थापित वन स्टॉप सेंटर (OSC) की खराब स्थिति के संबंध में दिल्ली सरकार को कई निर्देश जारी किये।
वन स्टॉप सेंटर योजना क्या है?
- परिचय: वन स्टॉप सेंटर (OSC) योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसका उद्देश्य निजी व सार्वजनिक स्थानों जैसे परिवार, समुदाय और कार्यस्थल में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को समेकित सहायता तथा समर्थन प्रदान करना है।
- इन्हें सखी सेंटर के नाम से भी जाना जाता है और ये मिशन शक्ति के संबल घटक का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- यह योजना निर्भया फंड के माध्यम से 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है और इसका क्रियान्वयन राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा किया जाता है।
- उद्देश्य: वे शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मानसिक या आर्थिक हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के लिये चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सेवाओं तक तत्काल एवं दीर्घकालिक पहुँच सुनिश्चित करते हैं।
- लक्षित लाभार्थी: यह योजना 18 वर्ष से कम आयु की बालिकाओं सहित सभी महिलाओं और बालिकाओं को समर्थन प्रदान करती है, जो किसी भी प्रकार की हिंसा से प्रभावित हों — चाहे उनकी जाति, वर्ग, धर्म, क्षेत्र, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा, लैंगिक पहचान या संस्कृति कुछ भी हो।
- यह योजना किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और POCSO अधिनियम, 2012 से भी जुड़ी हुई है, ताकि अल्पवयस्क बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- प्रदान की जाने वाली सेवाएँ:
- आपातकालीन प्रतिक्रिया एवं बचाव सेवा (जिसमें पुलिस सहायता शामिल है)
- चिकित्सकीय सहायता (प्राथमिक उपचार, इलाज, रेफरल सेवाएँ) और कानूनी सहायता एवं परामर्श (FIR दर्ज करना, NALSA के माध्यम से कानूनी सलाह)
- मनो-सामाजिक परामर्श (मानसिक स्वास्थ्य समर्थन) और अस्थायी आश्रय (कम अवधि के लिये रुकने की सुविधा)
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (दूरस्थ कानूनी/चिकित्सकीय परामर्श के लिये)
- दायरा (Coverage): प्रत्येक ज़िले में कम से कम एक OSC को प्रोत्साहित किया जाता है तथा अपराध-प्रवण, बड़े या आकांक्षी ज़िलों में अतिरिक्त केंद्रों की स्थापना की जाती है।
- वित्तीय एवं लेखा प्रणाली: वित्तीय संसाधनों का वितरण सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (PFMS) के माध्यम से एकल नोडल एजेंसी (SNA) या SNA SPARSH के तहत किया जाता है।
- लेखा परीक्षण नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के मानदंडों के अनुसार किया जाता है, साथ ही नागरिक समाज संगठनों द्वारा सामाजिक लेखा परीक्षण भी किये जाते हैं।
OSC दिशा-निर्देशों की क्या आवश्यकता थी?
- कर्मचारी की कमी: कई वन स्टॉप सेंटर (विशेषकर अस्पतालों में स्थित) समर्पित कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं और इन्हें प्रायः मौजूदा अस्पताल स्टाफ द्वारा चलाया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर परामर्शदाता बाहरी एजेंसियों से बुलाए जाते हैं।
- मानक संचालन प्रक्रियाओं (SoP) का उल्लंघन: दिल्ली जैसे मामलों में OSC के लिये तय SoP में 5 परामर्शदाता, 5 वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर, 5 स्टाफ नर्स और 5 नर्सिंग सहायक अनिवार्य रूप से नियुक्त करने का निर्देश है, लेकिन ऑडिट रिपोर्ट में पाया गया कि इन मानकों का पालन नियमित रूप से नहीं किया गया।
- रिकॉर्ड प्रबंधन में कमी: बच्चों की मृत्यु की समीक्षा और एंटी-नेटल केयर (ANC) जैसे महत्त्वपूर्ण रिकॉर्ड ठीक से संधारित नहीं किये जाते, जिससे निगरानी एवं सेवा सुधार में बाधा आती है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने क्या निर्देश जारी किये?
- जन-जागरूकता अभियान: सरकार को निर्देश दिया गया कि वह समाचार पत्रों और प्रमुख स्थानों जैसे स्कूलों, अस्पतालों, बस स्टॉप्स पर हेल्पलाइन नंबरों सहित साइनबोर्ड लगाकर वन स्टॉप सेंटर्स (OSC) का व्यापक प्रचार करना चाहिये।
- अवसरंचना सुदृढ़ीकरण: न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया कि वह पर्याप्त आधारभूत सुविधाएँ सुनिश्चित करे और तत्काल स्टाफ की भर्ती कर सभी OSC को पूर्ण रूप से क्रियाशील बनाए।
- मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का क्रियान्वयन: न्यायालय ने निर्देश दिया कि बाल गर्भावस्था और बाल विवाह से संबंधित SOP को सभी संबंधित पक्षों विशेषकर पुलिस व OSC स्टाफ के बीच प्रसारित किया जाए।
- नोडल अधिकारी की नियुक्ति: दिल्ली सरकार को निर्देशित किया गया कि वह एक नोडल अधिकारी नियुक्त करे, जो क्रियान्वयन और निगरानी की ज़िम्मेदारी संभाले।
नोट: उपरोक्त समस्याओं को पहले भी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट में उजागर किया गया था, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के लिये सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन से संबंधित थी।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. भारत में लैंगिक आधारित हिंसा से निपटने में वन स्टॉप सेंटर (OSC) की भूमिका पर चर्चा कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न. महिलाएँ जिन समस्याओं का सार्वजनिक एवं निजी दोनों स्थलों पर सामना कर रही हैं, क्या राष्ट्रीय महिला आयोग उनका समाधान निकालने की रणनीति बनाने में सफल रहा है? अपने उत्तर के समर्थन में तर्क प्रस्तुत कीजिये। (2017) |