एम-सेसेशन कार्यक्रम | 03 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

एम-सेसेशन, राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम, ‘Be Healthy, Be mobile’ पहल, वैश्विक तंबाकू महामारी पर WHO की रिपोर्ट

मेन्स के लिये:

स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे, तंबाकू का उपयोग और स्वास्थ्य

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) द्वारा वैश्विक तंबाकू महामारी (Global Tobacco Epidemic) पर जारी रिपोर्ट में तंबाकू की आदत छोड़ने वालों के संदर्भ में एम-सेसेशन (mCessation) कार्यक्रम का उल्लेख किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • एम-सेसेशन, तंबाकू छोड़ने के लिये मोबाइल प्रौद्योगिकी पर आधारित एक पहल है।
  • भारत ने वर्ष 2016 में सरकार के डिजिटल इंडिया पहल के हिस्से के रूप में पाठ्य संदेशों (Text Messages) का उपयोग कर mCessation कार्यक्रम शुरू किया था। यह तंबाकू छोड़ने वाले व्यक्तियों और प्रोग्राम विशेषज्ञों के बीच दो-तरफा मैसेजिंग का उपयोग करता है तथा उन्हें गतिशील सहायता प्रदान करता है।
  • यह कार्यक्रम उन लोगों को महत्त्व देता है जो कि एक समर्पित राष्ट्रीय नंबर पर मिस्ड कॉल देकर तंबाकू के सेवन से छुटकारा चाहते हैं।
  • कार्यक्रम की प्रगति की निगरानी ऑनलाइन डैशबोर्ड के माध्यम से रियल टाइम में की जाती है जिससे पंजीकरणों की संख्या का विवरण प्राप्त होता है।
  • केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किये गए एक मूल्यांकन में धूम्रपान करने वाले और धूम्रपानरहित तंबाकू केउपयोगकर्त्ताओं, दोनों में नामांकन के छह महीने बाद ही तंबाकू छोड़ने वालों की दर औसतन 7% पाई गई।
  • सरकार ने हाल ही में “mTobaccoCessation” प्लेटफॉर्म का संस्करण- 2 जारी किया है, जो 12 भाषाओं में एसएमएस या इंटरेक्टिव वॉयस प्रतिक्रिया के माध्यम से सामग्री वितरित कर सकता है।
  • mCessation की पहुँच अधिकतम लोगों तक सुनिश्चित करने के लिये इसे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल स्तर की सलाह में शामिल किया जाना चाहिये।

तंबाकू नियंत्रण के लिये अन्य प्रयास

  • राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (National Tobacco Control Programme) तथा केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) ने WHO एवं अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (International Telecommunication Union) के सहयोग से “Be Healthy, Be Mobile” पहल को लागू किया।

Be Healthy, Be Mobile पहल

  • यह पहल लोगों को शिक्षित कर और उनके मोबाइल के माध्यम से गैर संक्रामक रोगों को प्रबंधित करने से संबंधित है।
  • यह पहल मोबाइल फोन उपयोगकर्त्ताओं को रोग की रोकथाम और प्रबंधन की जानकारी देने के लिये मोबाइल फोन प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को प्रशिक्षण प्रदान करके स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत करती है।
  • वर्ष 2007 से ही केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तंबाकू के पैकेट पर ग्राफिक स्वास्थ्य चेतावनी (Graphic Health Warnings on Tobacco Packets) देने पर ज़ोर दे रहा है।

तंबाकू के पैक पर ग्राफिक चेतावनी का महत्त्व

  • दुनिया की आधी से अधिक आबादी या 91 देशों में रहने वाले 3.9 बिलियन लोग ग्राफिक स्वास्थ्य चेतावनियों से अधिक मात्र में लाभान्वित हो रहे हैं और भारत उन देशों में से है जिसको सबसे ज़्यादा उपलब्धि मिली है।
  • हालाँकि इस संबंध में भारत का विशिष्ट मूल्यांकन नहीं हुआ है, किंतु कई देशों ने इसी तरह के मज़बूत लेबल पेश किए हैं, जिससे पता चलता है कि यह नीति युवाओं के बीच तंबाकू के उपयोग को कम करने और तंबाकू को छोड़ने के लिये प्रेरित करने में सबसे अधिक प्रभावी है।

वैश्विक तंबाकू महामारी पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • वर्ष 2019 की रिपोर्ट वैश्विक तंबाकू महामारी पर WHO की रिपोर्ट शृंखला की सातवीं रिपोर्ट है जो तंबाकू की महामारी की स्थिति और इससे निपटने के लिये किये जाने वाले कार्यों को ट्रैक करती है।
  • ब्राज़ील में जारी की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत तंबाकू उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है, जहाँ धूम्रपान रहित तंबाकू के 200 मिलियन से अधिक उपयोगकर्त्ता और कुल मिलाकर तंबाकू के 276 मिलियन उपभोक्ता हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में एक ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वेक्षण (Global Adult Tobacco Survey) में पाया गया कि 38.5 प्रतिशत धूम्रपान करने वाले वयस्क और 33.2 प्रतिशत तंबाकू के धुआँ रहित रूपों के उपयोगकर्त्ता/वयस्कों ने तंबाकू छोड़ने का प्रयास किया था।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस