लीड्स रिपोर्ट 2022 | 14 Oct 2022

प्रिलिम्स के लिये:

लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स (LEADS)” सर्वे, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्टेशन ऑफ गुड्स एक्ट, 1993, पीएम गति शक्ति स्कीम, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क, लीड्स रिपोर्ट, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, सागरमाला परियोजना, भारतमाला परियोजना।

मेन्स के लिये:

एकीकृत और मल्टी-माॅडल परिवहन, लॉजिस्टिक लागत।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक्स ईज (लीड्स) रिपोर्ट 2022 जारी की है।

  • लीड्स सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढाँचे, सेवाओं और मानव संसाधनों का आकलन करने के लिये एक स्वदेशी डेटा-संचालित सूचकांक है।
  • लीड्स राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस बढ़ाने वाले हस्तक्षेपों की पहचान के लिये एक मार्गदर्शक और ब्रिजिंग तंत्र के रूप में कार्य करना जारी रखता है। यह लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स जैसे  अंतर्राष्ट्रीय सूचकांकों पर सकारात्मक रूप से प्रतिबिंबित करता है।
  • पहली लॉजिस्टिक्स रिपोर्ट वर्ष 2018 में जारी की गई थी।

प्रमुख बिंदु

  • LEADS के पिछले संस्करणों के विपरीत जो सभी राज्यों के लिये रैंकिंग सिस्टम पर आधारित थे, LEADS 2022 ने वर्गीकरण-आधारित ग्रेडिंग को अपनाया है, राज्यों को अब चार श्रेणियों के तहत वर्गीकृत किया गया है जैसे तटीय राज्य, भीतरी इलाके/भू-आबद्ध राज्य, उत्तर-पूर्वी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश।
    • किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश ने विशिष्ट क्लस्टर के भीतर शीर्ष राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की तुलना में कितना अच्छा प्रदर्शन किया है, इसका आकलन किया गया।
  • तीन प्रदर्शन श्रेणियाँ:
    • अचीवर्स: 90% या अधिक प्रतिशत हासिल करने वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश।
      • आंध्र प्रदेश, असम, चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात उपलब्धि हासिल करने वालों की श्रेणी में हैं।
        • "अचीवर्स" राज्यों में महाराष्ट्र सबसे ऊपर है।
    • फास्ट मूवर्स: 80-90% के बीच स्कोर प्राप्त करने वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश।
      • केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पुद्दुचेरी, सिक्किम और त्रिपुरा।
    • एस्पायरर्स: 80 प्रतिशत से कम अंक प्राप्त करने वाले राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को इस श्रेणी में रखा गया है।
  • लीड्स 2022 सर्वेक्षण रिपोर्ट पीएम गति-शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (PMGS-NMP) और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) के लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढाँचे, सेवाओं एवं नियामक वातावरण के मानचित्रण में सहायता करेगी, जिससे राज्य सरकारों को अंतर की पहचान करने तथा उनका निवारण करने व डेटा-संचालित मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी प्राप्त करने में सक्षम बनाया जा सकेगा।
    • लॉजिस्टिक्स दक्षता में सुधार करके और आने वाले वर्षों में लॉजिस्टिक लागत को एकल अंकों में लाकर PMGS-NMP योजना में सालाना 10 लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत करने की क्षमता है।
    • NMP दूर-दराज़ के क्षेत्रों में एकीकृत अवसंरचना योजना बनाने और विकास की कमियों को दूर करने में मदद करेगा। पीएम गति-शक्ति राष्ट्रीय प्लान के माध्यम से अवसंरचना की कमी से जूझ रही 197 महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की पहचान की गई।

लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स:

  • विश्व बैंक समूह द्वारा विकसित लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स (LPI), इंटरैक्टिव बेंचमार्किंग टूल है, जो देशों को व्यापार लॉजिस्टिक्स पर उनके प्रदर्शन में आने वाली चुनौतियों और अवसरों की पहचान करने में मदद के लिये बनाया गया है तथा यह सुझाव प्रदान करता है कि वे अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने हेतु क्या कर सकते हैं।
  • LPI छह प्रमुख आयामों पर देश के स्कोर का भारित औसत है:
    • सीमा शुल्क सहित सीमा नियंत्रण एजेंसियों द्वारा निकासी प्रक्रिया की दक्षता (अर्थात् गति, सरलता और औपचारिकताओं की पूर्वानुमेयता)।
    • व्या पार और परिवहन से संबंधित बुनियादी ढाँचे  की गुणवत्ता (जैसे, बंदरगाह, रेलमार्ग, सड़कें, सूचना प्रौद्योगिकी)।
    • प्रतिस्पर्द्धी मूल्य के शिपमेंट की व्यवस्था में सुगमता।
    • रसद सेवाओं की क्षमता और गुणवत्ता (जैसे, परिवहन ऑपरेटर, सीमा शुल्क दलाल)।
    • माल को ट्रैक और ट्रेस करने की क्षमता।
    • निर्धारित या अपेक्षित डिलीवरी समय के भीतर गंतव्य तक पहुँचने में शिपमेंट की समयबद्धता।
    • LPI पर वर्ष 2018 में भारत 44वें स्थान पर था और और वर्ष 2022 तक कोई नया आँकड़ा अभी तक प्रकाशित नहीं किया गया है।

लॉजिस्टिक्स से संबंधित पहलें:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)  

प्रश्न. गति-शक्ति योजना के कनेक्टिविटी के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सूक्ष्म समन्वय की आवश्यकता है। विचार-विमर्श कीजिये। (2022)

स्रोत: द हिंदू