IoT क्रांति और स्मार्ट भविष्य | 04 Jun 2025

प्रिलिम्स के लिये:

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), वाई-फाई, ब्लूटूथ, 5G, API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस), स्मार्ट सिटीज़, एज कंप्यूटिंग, AI, ML, डीपफेक, पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर (PKI), राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति, 2020     

मेन्स के लिये:

दैनिक जीवन में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) की भूमिका, इसकी विशेषताएँ और इससे जुड़ी चुनौतियाँ, IoT पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के उपाय।

स्रोत: फाइनेंशियल एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

 इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) एक परिवर्तनकारी शक्ति बन गई है, जो हमारे आस-पास की दैनिक वस्तुओं में बुद्धिमत्ता का संचार कर रही है, जिससे हमारे दैनिक जीवन पर गहरा असर पड़ रहा है। खाने को ताज़ा रखने  वाले स्मार्ट रेफ्रिजरेटर से लेकर रियल-टाइम अलर्ट देने वाली सुरक्षा प्रणालियों तक, IoT हमारे घरों को ज़्यादा सहज, कुशल और सुरक्षित बना रहा है

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) क्या है?

  • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) भौतिक उपकरणों के एक नेटवर्क को संदर्भित करता है- जो सेंसर, सॉफ्टवेयर और कनेक्टिविटी से जुड़े होते हैं- जो डेटा एकत्र करते हैं, उसका आदान-प्रदान करते हैं तथा उस पर कार्य करते हैं।
    • इन स्मार्ट उपकरणों में दैनिक घरेलू वस्तुओं (जैसे- रेफ्रिजरेटर और थर्मोस्टैट) से लेकर औद्योगिक मशीनें, वाहन व पहनने योग्य तकनीक शामिल हैं
  • IoT की मुख्य विशेषताएँ: 
    • कनेक्टिविटी: यह वायर्ड और वायरलेस दोनों कनेक्शनों के साथ कार्य करते हुए नेटवर्क (वाई-फाई, ब्लूटूथ, 5G) पर डिवाइस संचार को सक्षम बनाता है।
    • स्वचालन एवं बुद्धिमत्ता: उपकरण स्वायत्त रूप से निर्णय लेते हैं, जैसे यातायात के अनुसार स्वयं-चालित कारें। 
    • दूरस्थ निगरानी: उपयोगकर्त्ता दूरस्थ रूप से उपकरणों तक पहुँच और प्रबंधन कर सकते हैं, जैसे कि स्मार्टफोन पर घरेलू सुरक्षा कैमरे देखना
    • अंतरसंचालनीयता: एकीकरण के लिये विभिन्न डिवाइस मानकीकृत प्रोटोकॉल, संगत सॉफ्टवेयर और खुले API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) का उपयोग करके एक साथ कार्य करते हैं।
    • मापनीयता: सिस्टम डिवाइसों को जोड़कर विकसित होते हैं, जैसे- स्मार्ट सिटी में सेंसर्स और फैक्टरियों में मशीनों को जोड़कर।
    • डेटा एनालिटिक्स और AI एकीकरण: यह रॉ डेटा को कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टि में बदल देता है, उदाहरण के लिये स्मार्ट शहरों में यातायात विश्लेषण।
    • अनुकूलन और निजीकरण: यह उपयोगकर्त्ता की प्राथमिकताओं के अनुसार अनुकूलित होता है, जैसे- स्मार्ट होम, पहनने योग्य स्वास्थ्य उपकरण और व्यक्तिगत खुदरा।
  • IoT के प्रमुख घटक:
    • सेंसर्स और एक्चुएटर्स (भौतिक परत): ये IoT की आँखें और हाथ हैं, जो वास्तविक संसार के साथ अंतःक्रिया करते हैं।
      • सेंसर पर्यावरण में परिवर्तन (तापमान, गति, प्रकाश, आर्द्रता, आदि) का पता लगाते हैं, उदाहरण- स्मार्ट थर्मोस्टैट्स में तापमान सेंसर
      • एक्ट्यूएटर्स सेंसर डेटा के आधार पर कार्य करते हैं, उदाहरण- स्मार्ट लॉक जो ऐप के माध्यम से खुलते हैं
    • कनेक्टिविटी (नेटवर्क लेयर): IoT डिवाइस डेटा भेजने और प्राप्त करने के लिये विभिन्न संचार प्रोटोकॉल पर निर्भर करते हैं, जिन्हें उनकी शक्ति, रेंज और बैंडविड्थ आवश्यकताओं के आधार पर चुना जाता है। उदाहरण-
      • स्मार्ट घरों और पहनने योग्य उपकरणों के लिये ब्लूटूथ (कम रेंज)
      • स्मार्ट बिल्डिंग अनुप्रयोगों के लिये वाई-फाई (मध्यम-रेंज)
      • स्मार्ट शहरों, कृषि और लॉजिस्टिक्स समाधान के लिये सेलुलर (4G/5G) (लंबी दूरी)।
    • IoT गेटवे (डिवाइस और क्लाउड के बीच सेतु): वे स्थानीय डिवाइस और क्लाउड सर्वर के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं, क्लाउड लोड को कम करने के लिये डेटा प्रीप्रोसेसिंग करते हैं और ट्रांसमिशन से पहले डेटा को एन्क्रिप्ट करके सुरक्षा बढ़ाते हैं।
      • उदाहरण- एज कंप्यूटिंग विलंबता को कम करने के लिये डेटा को स्थानीय रूप से संसाधित करती है।
    • क्लाउड कंप्यूटिंग और डेटा प्रोसेसिंग (IoT का मस्तिष्क): रॉ सेंसर डेटा क्लाउड पर भेजा जाता है, जहाँ Google क्लाउड IoT जैसे प्लेटफॉर्म डेटा स्टोरेज को सँभालते हैं और AI/ML एल्गोरिदम इसका विश्लेषण करते हैं ताकि पूर्वानुमानित रखरखाव जैसी अंतर्दृष्टि सक्षम हो सके।
      • उदाहरण के लिये एक स्मार्ट कृषि प्रणाली मिट्टी की नमी का डेटा एकत्र करती है → क्लाउड AI इसका विश्लेषण करती है → एक्ट्यूएटर्स को सिंचाई आदेश भेजती है।
    • उपयोगकर्त्ता इंटरफेस (IoT के साथ मानव संपर्क): उपयोगकर्त्ता विभिन्न इंटरफेस के माध्यम से IoT प्रणालियों को नियंत्रित और मॉनिटर करते हैं, जिसमें हाथ-मुक्त कमांड के लिये वॉयस असिस्टेंट जैसे मोबाइल ऐप व कम फ्रिज आपूर्ति के बारे में अधिसूचना जैसे स्वचालित अलर्ट शामिल हैं।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के प्रमुख अनुप्रयोग क्या हैं?

  • स्मार्ट सिटीज़: IoT सेंसर यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाकर जाम और दुर्घटनाओं को कम करते हैं, जबकि स्मार्ट स्ट्रीटलाइट्स मूवमेंट के आधार पर अपनी रोशनी की तीव्रता को समायोजित करके ऊर्जा बचाती हैं और सुरक्षा बढ़ाती हैं।
    • इसके अतिरिक्त, स्मार्ट बिन अधिकारियों को समय पर अपशिष्ट संग्रहण के लिये सूचित करते हैं, और आपदा निगरानी सेंसर बाढ़ तथा भूकंप के लिये पूर्व चेतावनी प्रदान करते हैं।
    • उदाहरण के लिये, जयपुर शहर ने “जयपुर स्मार्ट सिटी” परियोजना शुरू की है, जिसमें स्मार्ट लाइटिंग सिस्टम और इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सॉल्यूशन शामिल हैं। 
  • स्मार्ट होम: स्वचालित लाइटिंग और उपकरण, जैसे स्मार्ट थर्मोस्टैट एवं लाइटिंग सिस्टम उपयोग के आधार पर समायोजित होकर ऊर्जा की बचत करते हैं, जबकि कैमरे, दरवाज़े के ताले तथा मोशन सेंसर सहित IoT-सक्षम सुरक्षा उपकरण वास्तविक समय अलर्ट एवं दूरस्थ निगरानी प्रदान करते हैं।
    • उदाहरण के लिये, गूगल का नेस्ट थर्मोस्टैट ऊर्जा दक्षता, लागत बचत और सुविधा के लिये घर की हीटिंग एवं कूलिंग को अनुकूलित करने के लिये AI, सेंसर तथा मशीन लर्निंग का उपयोग करता है।
  • स्वास्थ्य सेवा: दूरस्थ रोगी निगरानी में IoT-सक्षम चिकित्सा उपकरणों (ग्लूकोज़ मॉनिटर) का उपयोग किया जाता है, जिससे डॉक्टरों को वास्तविक समय का डेटा भेजा जाता है तथा आपातकालीन अलर्ट सिस्टम सेवाओं को सूचित करता है कि क्या कोई रोगी संकट में है।
    • स्मार्टवॉच (जैसे, एप्पल वॉच) जैसे पहनने योग्य उपकरण हृदय गति और नींद चक्र की निगरानी करने में सक्षम होते हैं ।
  • स्मार्ट परिवहन: फ्लीट ट्रैकिंग लॉजिस्टिक्स कंपनियों को वाहनों की स्थिति, ईंधन उपयोग और चालक के व्यवहार की निगरानी में सहायता करती है, जबकि स्मार्ट पार्किंग सेंसर ड्राइवरों को खाली स्थानों तक मार्गदर्शन करते हैं, जिससे भीड़ कम होती है।
    • कनेक्टेड वाहन IoT का उपयोग करते हैं ताकि मेंटेनेंस का पूर्वानुमान लगाया जा सके, टक्करों को रोका जा सके और सेल्फ-ड्राइविंग फीचर्स का समर्थन किया जा सके।
    • उदाहरण के लिये, टेस्ला का ऑटोपायलट एक उन्नत ड्राइवर-सहायता प्रणाली (ADAS) है जो AI, कैमरे, रडार और सेंसर का उपयोग करके ड्राइविंग कार्यों जैसे कि एडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल, लेन-कीपिंग एवं सेल्फ-पार्किंग को स्वचालित करता है, जिससे सुरक्षा तथा सुविधा बढ़ती है।
  • औद्योगिक एवं कार्यस्थल सुरक्षा: कारखाने पूर्वानुमानित रखरखाव के लिये IoT का उपयोग करते हैं, श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये गैस रिसाव और अत्यधिक तापमान जैसे खतरों की निगरानी करते हैं तथा चोरी एवं हानि को कम करने के लिये वास्तविक समय में परिसंपत्तियों पर नज़र रखते हैं।
    • उदाहरण के लिये, सीमेंस IoT-सक्षम अग्नि सुरक्षा प्रणाली भवनों एवं महत्त्वपूर्ण अवसंरचना में आग की रोकथाम, पहचान और आपातकालीन प्रतिक्रिया को बेहतर बनाती हैं।
  • कृषि और खाद्य सुरक्षा: परिशुद्ध कृषि में मृदा की आर्द्रता, मौसम एवं फसल के स्वास्थ्य की निगरानी के लिये IoT सेंसर का उपयोग किया जाता है, जिससे जल और कीटनाशक का उपयोग अनुकूलतम होता है, जबकि पशुधन की निगरानी में IoT टैग के साथ पशु स्वास्थ्य तथा स्थान पर नज़र रखी जाती है।
    • इसके अतिरिक्त, खाद्य आपूर्ति शृंखला सेंसर परिवहन के दौरान खराब होने की संभावना को कम करने के लिये सुरक्षित भंडारण तापमान बनाए रखते हैं।
    • उदाहरण के लिये, फीलो किसानों को फसल की गुणवत्ता सुधारने, उपज बढ़ाने तथा उत्पादन लागत कम करने के लिये IoT और डेटा-संचालित सटीक कृषि से सशक्त बनाता है।

इंटरनेट ऑफ थिंग्स में जोखिम और चुनौतियाँ क्या हैं?

  • साइबर सुरक्षा कमज़ोरियाँ: कई IoT डिवाइस कमज़ोर डिफाॅल्ट पासवर्ड का उपयोग करते हैं, जिससे वे बॉटनेट हमलों के प्रति संवेदनशील हो जाते हैं, जैसे कि मिराई बॉटनेट, जिसने वर्ष 2016 में प्रमुख वेबसाइटों को प्रभावित किया और वर्ष 2025 में फिर से सक्रिय हुआ।
    • इसके अतिरिक्त, असुरक्षित एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) IoT इकोसिस्टम साइबर हमलों के प्रति संवेदनशील हो सकता है तथा इससे अनधिकृत पहुँच या डेटा इंटरसेप्शन संभव हो जाता है।
    • उदाहरण के लिये, अमेज़ॅन रिंग (एक लोकप्रिय स्मार्ट डोरबेल) को इसकी API में सुरक्षा खामियों के लिये आलोचना का सामना करना पड़ा।
  • अनधिकृत पहुँच: IoT डिवाइस बड़ी मात्रा में संवेदनशील डेटा एकत्र करते हैं, जिससे गोपनीयता संबंधी कई चिंताएँ उत्पन्न होती हैं, जैसे कि हैक किये गए स्मार्ट स्पीकर या कैमरों के माध्यम से ईव्सड्रॉपिंग (गुप्त रूप से निजी बातचीत सुनना) और अनएन्क्रिप्टेड ट्रांसमिशन से व्यक्तिगत या कॉर्पोरेट जानकारी का लीक होना। 
  • मानकीकरण और पारस्परिक संचालन की कमी: IoT इकोसिस्टम में विभिन्न संचार प्रोटोकॉल (जैसे- Zigbee, LoRaWAN, सेल्युलर) और स्वामित्व वाले इकोसिस्टम के कारण विखंडन होता है, जिससे अनुकूलता संबंधी समस्याएँ तथा सीमित विस्तारशीलता उत्पन्न होती है।
    • अमेज़ॅन एलेक्सा और गूगल असिस्टेंट प्रायः ZigBee या Z-Wave डिवाइसों के साथ एकीकृत होने में कठिनाई का सामना करते हैं, जिससे मल्टी-ब्रांड स्मार्ट होम इकोसिस्टम के सुचारु संचालन में बाधा आती है।
  • मापनीयता और अवसंरचना की मांग: अरबों IoT उपकरणों का प्रबंधन डेटा अधिभार उत्पन्न करता है—जिससे प्रतिवर्ष लगभग 73 ज़ेटाबाइट डेटा प्राप्त होता है—जिसके लिये उन्नत क्लाउड/एज कंप्यूटिंग की आवश्यकता होती है। वहीं, दूरस्थ क्षेत्रों में बैटरी-चालित सेंसरों के लिये ऊर्जा खपत एक प्रमुख चुनौती बनी हुई है।  
  • AI-संचालित साइबर खतरे: हमलावर अब IoT कमज़ोरियों का लाभ उठाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर रहे हैं, जैसे कि डीपफेक हमलों द्वारा संवेदक डेटा में हेर-फेर कर नकली अलार्म उत्पन्न करना या प्रणाली को विफल करना।

IoT से संबंधित भारत सरकार की पहल क्या हैं?

IoT पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिये क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं?

  • IoT सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करना: उपकरणों की पहचान के लिये मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) और पब्लिक की इंफ्रास्ट्रक्चर (PKI) लागू करना तथा व्यवधान से बचने के लिये नियमित फर्मवेयर अपडेट को स्वचालित करना।
    • नेटवर्क सेगमेंटेशन एवं ज़ीरो ट्रस्ट आर्किटेक्चर को लागू करना चाहिये ताकि IoT उपकरणों को अलग किया जा सके और खतरे की पहचान तथा असामान्य गतिविधियों की निगरानी के लिये AI-संचालित व्यवहार विश्लेषण तैनात कर सकें।
  • अंतर-संचालन क्षमता और मानकीकरण में सुधार: उपकरणों की संगतता और विस्तारशीलता के लिये सार्वभौमिक IoT मानक अत्यंत आवश्यक हैं।
    • उद्योग संघ और मानकीकरण संस्थाएँ, जैसे कि ओपन कनेक्टिविटी फाउंडेशन (OCF) जैसी संस्थाओं को, वैश्विक प्रोटोकॉल विकसित करने के लिये सहयोग करना चाहिये, जो सहज क्रॉस-प्लेटफॉर्म संचार सक्षम करें।
  • अनुपालन ढाँचे को सुदृढ़ बनाना: सरकारों को व्यापक डेटा संरक्षण कानून लागू करने चाहिये, जो IoT उपकरण निर्माताओं को व्यक्तिगत डेटा के संग्रह, भंडारण और संचरण से सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये बाध्य करें।
  • मज़बूत अवसंरचना का निर्माण: IoT समाधानों के विस्तार के लिये मज़बूत अवसंरचना आवश्यक है। 5G नेटवर्क वह बैंडविड्थ और कम विलंबता प्रदान करते हैं जो स्वायत्त वाहनों जैसे वास्तविक समय अनुप्रयोगों के लिये आवश्यक है। एज-सक्षम डेटा केंद्र विशाल IoT डेटा प्रवाह को सँभालते हैं, जबकि स्मार्ट ग्रिड्स स्मार्ट शहरों में ऊर्जा और उपकरण प्रबंधन को अनुकूलित करते हैं।

निष्कर्ष

IoT स्मार्ट कनेक्टिविटी के माध्यम से दैनिक जीवन और उद्योगों में क्रांति ला रहा है, लेकिन इसे साइबर सुरक्षा जोखिमों और पारस्परिकता से संबंधित समस्याओं जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सुरक्षा ढाँचे को सुदृढ़ करना, प्रोटोकॉल को मानकीकृत करना और भारत के DPDP अधिनियम एवं 5G रोलआउट जैसी सरकारी पहलों का लाभ उठाना, एक सुरक्षित तथा विस्तारशील IoT पारिस्थितिकी तंत्र को सुनिश्चित करते हुए इसके पूर्ण संभावित उपयोग के लिये आवश्यक हैं।

दृष्टि मेन्स प्रश्न

प्रश्न: "इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) परिवर्तनकारी लाभ प्रदान करता है, लेकिन यह महत्त्वपूर्ण सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित चुनौतियाँ भी उत्पन्न करता है।" इन चुनौतियों पर चर्चा कीजिये तथा भारत के IoT पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने हेतु उपाय सुझाइये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स

प्रश्न. विकास की वर्तमान स्थिति में, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), निम्नलिखित में से किस कार्य को प्रभावी रूप से कर सकती है? (2020)

  1. औद्योगिक इकाइयों में विद्युत की खपत कम करना
  2. सार्थक लघु कहानियों और गीतों की रचना 
  3. रोगों का निदान
  4. टेक्स्ट से स्पीच (Text-to-Speech) में परिवर्तन
  5. विद्युत ऊर्जा का बेतार संचरण

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1,2, 3 और 5
(b) केवल 1,3 और 4
(c) केवल 2,4 और 5
(d) 1,2,3,4 और 5

उत्तर: (b)


प्रश्न. "ब्लॉकचेन तकनीकी" के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)

  1. यह एक सार्वजनिक खाता है जिसका हर कोई निरीक्षण कर सकता है, परंतु जिसे कोई भी एक उपभोक्ता नियंत्रित नहीं करता।
  2. ब्लॉकचेन की संरचना और अभिकल्प ऐसा है कि इसका समूचा डेटा केवल क्रिप्टोकरेंसी के विषय में है।
  3. ब्लॉकचेन के आधारभूत वैशिष्ट्यों पर आधारित अनुप्रयोगों को बिना किसी व्यक्ति की अनुमति के विकसित किया जा सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 2
(d) केवल 1 और 3

उत्तर: (d)


मेन्स

प्रश्न. "चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेंस को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है"। विवेचन कीजिये। (2020)

प्रश्न. सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) आधारित परियोजनाओं/कार्यक्रमों का कार्यान्वयन आमतौर पर कुछ विशेष महत्त्वपूर्ण कारकों की दृष्टि से ठीक नहीं रहता है। इन कारकों की पहचान कीजिये  और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपाय सुझाइये। (2019)